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हंगामेदार रही धोद पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा


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हंगामेदार रही धोद पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

धोद एसडीएम के पंचायत समिति की बैठक बीच में छोड़कर जाने पर सरपंच संघ ने जताया आक्रोश, एसडीएम के रवैए की कड़ी निंदा करते हुए जल्दी राजस्व विभाग व सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों जैसे गंभीर मुद्दों पर करवाई की उठाई मांग

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत

सीकर : सीकर में धोद पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में उस समय हंगामा मच गया, जब एसडीएम बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए। इस पर सरपंच संघ ने कड़ा रुख अपनाते हुए बैठक का बहिष्कार किया और सभागार के बाहर जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया। पंचायत समिति प्रधान सुनीता रणवां की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में राजस्व विभाग और सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा होनी थी। लेकिन, बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद ही धोद एसडीएम राहुल मल्होत्रा बैठक से चले गए। जिसके बाद बैठक में मौजूद सरपंचों में आक्रोश फैल गया।

स्कूलों की जर्जर इमारतें बच्चों के लिए खतरा बनी

सरपंच संघ के अध्यक्ष बलराम भाकर और उपाध्यक्ष चुन्नीलाल ज्यानी ने कहा- बरसात के मौसम में स्कूल भवनों की बदहाल स्थिति और राजस्व विभाग के मुद्दों पर तुरंत ध्यान देना जरूरी था लेकिन एसडीएम की गैर-जिम्मेदाराना हरकत से चर्चा अधूरी रह गई। बैठक में उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल, विकास अधिकारी रश्मि मीणा, पंचायत समिति सदस्य सरोज भींचर, सरपंच झाबर मल ओला, दिलसुख, रामसरूप सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। सरपंच संघ ने एसडीएम के इस रवैये की कड़ी निंदा की और जल्द ही इन मुद्दों पर कार्रवाई की मांग उठाई।

सरपंचों का कहना है- बरसात के मौसम में स्कूलों की जर्जर इमारतें बच्चों के लिए खतरा बनी हुई हैं। इसके अलावा राजस्व विभाग से जुड़े कई लंबित मुद्दों का समाधान भी जरूरी है। एसडीएम के इस तरह बैठक छोड़ने से ग्रामीण समस्याओं का समाधान टल गया, जिससे स्थानीय जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है। सरपंच संघ ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे बड़ा आंदोलन कर सकते हैं।

बिजली पोल हटाने का मुद्दा उठा

उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल ने कहा- ग्राम पंचायतों में बने सिंगल फेज के ट्यूबवेल का गलती से बिजली विभाग के AEN ने बिजली के बिल का भुगतान कर दिया था। नियम यह है कि जो ट्यूबवेल का पानी पिएगा, वही ट्यूबवेल को संचालित करेगा और उसका बिल भी वही जमा करवाएगा। ऐसे में जो पंचायत समिति में पैसा आता है उसका उपयोग नहीं किया जाए।

इसके अलावा ग्राम पंचायत में बने मुख्य रास्तों से कई साल पहले लगाए गए बिजली के पोल हटाने का मुद्दा भी उठा। इसके बाद अधिकारियों को आदेश दिया है की मुख्य रास्तों से पॉल हटाए जाए और अगर रास्तों के ऊपर से कोई बिजली की लाइन जा रही है तो उसे भी हटाया जाए। क्योंकि मुख्य रास्तों पर बिजली के पोल और लाइन होने से आमजन को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

भैरूपुरा गांव में भी श्मशान भूमि के ऊपर से बिजली के तार जा रहे हैं जिन्हें भी तुरंत हटाने का अधिकारियों ने आश्वासन दिया है। उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल ने कहा कि जो स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं उनका भी विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुराने मीटर जब सही चल रहे हैं तो नए स्मार्ट मीटर लगाने की आवश्यकता नहीं है। अचानक से स्मार्ट मीटर लगाने से लोगों के बिजली के बिल भी ज्यादा आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से भी स्मार्ट मीटर का विरोध करता हूं और इसके अलावा अन्य सदस्यों ने भी इसका विरोध किया है।

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