आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन:बोलीं- गांव में नेटवर्क की समस्या से हालात खराब, कहा- बिना ई-केवाईसी-फेस स्कैन के पोषाहार वितरण ठप हो जाएगा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन:बोलीं- गांव में नेटवर्क की समस्या से हालात खराब, कहा- बिना ई-केवाईसी-फेस स्कैन के पोषाहार वितरण ठप हो जाएगा

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जिला कलेक्टर को सामूहिक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने पोषाहार वितरण से जुड़ी तकनीकी और संसाधन संबंधी समस्याओं को लेकर कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो पोषाहार योजना पूरी तरह ठप हो जाएगी और कार्यकर्ता मजबूरी में कार्य बहिष्कार करेंगे।
कलेक्ट्रेट पहुंचे महिला समूह की अगुवाई कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनीता ने बताया कि हमारे सामने सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि बिना ई-केवाईसी और फेस स्कैन के पोषाहार नहीं बंट सकता। लेकिन गांवों में नेटवर्क की हालत बेहद खराब है। न स्कैनिंग हो पा रही है, न ऑनलाइन एंट्री। ऊपर से विभाग की ओर से नोटिस आ रहे हैं कि यदि काम पूरा नहीं हुआ तो आपको हटा दिया जाएगा। ऐसे में हम मानसिक दबाव में काम कर रही हैं।
अतिरिक्त समय देना पड़ रहा
सावित्री देवी ने बताया कि हम रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक बच्चों और महिलाओं के साथ रहते हैं। लेकिन पोषाहार वितरण के लिए जो तकनीकी प्रक्रिया तय की गई है, उसके लिए अतिरिक्त समय देना पड़ता है। मोबाइल एप्स कई बार हैंग हो जाते हैं, नेटवर्क नहीं मिलता। ऊपर से बच्चों की मांएं शिकायत करती हैं कि राशन नहीं मिला। आखिर हम करें तो क्या करें?
ज्ञापन में आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, जिला झुंझुनूं ने लिखा है कि फेस स्कैनिंग और आधार आधारित ई-केवाईसी की अनिवार्यता ग्रामीण इलाकों में बेमानी साबित हो रही है। जहां मोबाइल नेटवर्क ही नहीं है, वहां तकनीकी स्कैनिंग कैसे हो? केंद्रों पर वाई-फाई नहीं है, और मोबाइल डाटा भी अपनी जेब से रिचार्ज करवाना पड़ता है।
स्मार्टफोन, चार्जिंग, बिजली सब खुद के भरोसे
कई कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि न तो विभाग की ओर से स्मार्टफोन दिए गए हैं और न ही चार्जिंग की सुविधा। कई बार बिजली नहीं होने से मोबाइल चार्ज भी नहीं हो पाता और स्कैनिंग ठप हो जाती है। इसी वजह से एक बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे पोषाहार से वंचित हो रहे हैं।
उन्होंने मांग की है कि जब तक तकनीकी व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हो जाती, तब तक फेस स्कैन और ई-केवाईसी की अनिवार्यता को स्थगित किया जाए। साथ ही जिन इलाकों में नेटवर्क नहीं है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
कई जिम्मेदारियां दी, संसाधन नहीं
संघ ने पीएमएमवीवाई (प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना) के फॉर्म भरने में आ रही दिक्कतों को लेकर कहा कि पहले ये काम ऑपरेटर करते थे, अब कार्यकर्ताओं से करवाया जा रहा है, लेकिन इसके लिए न प्रशिक्षण है, न भुगतान। इसी तरह राशन वितरण का काम हो या बच्चों के आधार नंबर से जुड़ी ऑनलाइन प्रविष्टियां, हर कार्यकर्ता पर कई जिम्मेदारियां लादी जा रही हैं, लेकिन संसाधन नाममात्र भी नहीं।