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डोटासरा बोले- किरोड़ी के पंख काम नहीं कर रहे:झालावाड़ स्कूल हादसा सिस्टम की तरफ से की गई हत्या, शिक्षामंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए


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डोटासरा बोले- किरोड़ी के पंख काम नहीं कर रहे:झालावाड़ स्कूल हादसा सिस्टम की तरफ से की गई हत्या, शिक्षामंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए

डोटासरा बोले- किरोड़ी के पंख काम नहीं कर रहे:झालावाड़ स्कूल हादसा सिस्टम की तरफ से की गई हत्या, शिक्षामंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए

सीकर : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर बीजेपी सरकार और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर निशाना साधा। डोटासरा ने कहा कि यह सिस्टम की तरफ से की गई हत्या है। वहीं एसआई भर्ती रद्द करने की बात पर कहा कि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा तो दुखी हैं, क्योंकि उनके पंख काम नहीं कर रहे। वह उड़ना चाहते हैं, लेकिन उनके पंखों को दिल्ली से बांध दिया गया है और यह कह दिया गया है कि बिल्कुल शांत रहो। यदि कुछ करना है तो हमें ही करना है। इसलिए किरोड़ी कुछ नहीं बोल रहे। डोटासरा रविवार को सीकर स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा-

सात मासूम बच्चों की निर्मम हत्या के बाद भी शिक्षा मंत्री बैंड बजवा रहे हैं और स्वागत करवा रहे हैं। अगर मंत्री खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।

डोटासरा ने आगे कहा- अगर बच्चों के भविष्य को बचाना है तो ऐसे शिक्षा मंत्री का पद पर बने रहना उचित नहीं है।

शिक्षा मंत्री केवल अनर्गल बयानबाजी करते हैं

डोटासरा ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं तय होनी चाहिए। हमने हमारे पहले बजट में ही 400 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से स्कूलों का काम करवाया। राइट टू एजुकेशन कानून आने के बाद सरकारी स्कूलों के हालात में सुधार आया। इस सरकार के डेढ़ साल हो चुके हैं। इनके पास कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए कामों की समीक्षा करना और अनर्गल बयानबाजी करने के अलावा कोई काम नहीं है।

स्कूलों में कैसे अच्छे भवन बने, नामांकन बढ़े, इस पर कोई ध्यान नहीं है। दुर्भाग्य है कि हमारे शिक्षा मंत्री केवल अनर्गल बयानबाजी करते हैं। शिक्षा को लेकर उनका कोई फोकस ही नहीं है। 26 जुलाई को तो हद ही हो गई जब 7 मासूमों की चिता भी ठंडी नहीं हुई थी, उसके पहले ही शिक्षा मंत्री का फूल माला देकर, बैंड बजाकर स्वागत किया जा रहा था।

इस्तीफे की पेशकश की क्या?

डोटासरा ने कहा कि शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि मैंने जिम्मेदारी ले ली। मंत्री का फैसला मुख्यमंत्री करेंगे, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि आपने इस्तीफे की पेशकश तो की क्या। मुख्यमंत्री तो ऐसे आ गए कि जो कोई निर्णय ले ही नहीं पाते। उनके पास तो दिल्ली से पर्ची आएगी।

फाइनेंस डिपार्टमेंट में अटकी हुई फाइल

डोटासरा ने कहा कि मैंने शिक्षा मंत्री का ट्वीट देखा था। इसमें लिखा था कि 179 करोड़ रुपए स्कूलों की मरम्मत के लिए स्वीकृत कर दिए, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि इनमें से व्यय कितना हुआ। आपकी फाइल ही जब फाइनेंस डिपार्टमेंट में अटकी हुई है तो फिर स्वीकृति का फायदा ही क्या हुआ। आपको शिक्षा मंत्री बने डेढ़ साल हो चुके हैं। 179 करोड़ में से एक रुपए भी नहीं लगा तो फिर मतलब ही क्या।

काम तो विधायक की मर्जी से होगा

डोटासरा ने कहा कि मैंने मेरे विधानसभा क्षेत्र में 125 करोड़ रुपए खर्च करके इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम किया था, पद भरने का काम किया। मैंने कलेक्टर को लेटर लिखा है कि कोई भी जन उपयोगी भवन या स्कूल की मरम्मत के लिए संबंधित विभाग का प्रपोजल भिजवाए, हम उसे प्राथमिकता देंगे।

डोटासरा ने कहा-

मुख्यमंत्री तो इतने कमजोर हैं कि वसुंधरा राजे ने इशारा कर दिया तो वह झालावाड़ भी नहीं गए। मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से कहीं जा भी नहीं सकते। जिस मुख्यमंत्री को तत्काल झालावाड़ जाना चाहिए था, वह एक ग्राम पंचायत में पौधा लगाने के लिए सीकर आ रहे हैं।

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