दिलावर बोले- मैंने 36 साल से माला नहीं पहनी:छात्रावास के छात्र ढोल बजा रहे थे मैंने बंद करवाया, दुख की घड़ी में स्वागत-सत्कार कैसे करवाता
दिलावर बोले- मैंने 36 साल से माला नहीं पहनी:छात्रावास के छात्र ढोल बजा रहे थे मैंने बंद करवाया, दुख की घड़ी में स्वागत-सत्कार कैसे करवाता

जयपुर : झालावाड़ के पिपलोदी गांव में स्कूल की छत गिरने के अगले ही दिन भरतपुर में स्वागत करवाने के मामले में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सफाई देते हुए स्वागत सत्कार से इनकार किया है। दिलावर ने कहा- माला और स्वागत सत्कार में मेरा कभी इंटरेस्ट नहीं रहता है। मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि पिछले 36 साल से मैंने माला पहनी ही नहीं।
दिलावर ने कहा- झालावाड़ के पिपलोदी गांव की घटना हृदय दिल दहला देने वाली है। कठोर से कठोर दिल वाला भी पसीज जाता है। मैं खुद गया हूं, वहां परिजनों से बातचीत की है, गांव वालों से मिला हूं। ऐसे समय में जाकर खुद स्वागत सत्कार करवाऊंगा यह कल्पना भी नहीं कर सकता।
छात्रावास के बच्चों ने ढोल बजाया तो मैंने बंद करवाया
दिलावर ने कहा- यह सच है कि मैं भरतपुर गया था। वहां एक घुमंतू जाति के बच्चों का छात्रावास है,छात्रावास में बच्चे रहते हैं और नजदीक के स्कूल में पढ़ते हैं। मुझे उनसे मिलने जाना था तो मैं गया। वहां के बच्चों ने ढोल बजाया, मैंने वहां जाने के बाद ढोल बजाते देखा। मैंने उनको तुरंत ढोल बजाने से मना किया और मैंने कहा कि हादसा हो गया ढोल मत बजाओ, तो तुरंत ढोल बंद कर दिया। उन्होंने पंखुड़ियां फेंकी तो उनको बंद करवा दिया।
प्रधान के चार्ज संभालने के कार्यक्रम में मालाएं ले रखी थीं, मैंने नहीं पहनी
दिलावर ने कहा- दूसरा कार्यक्रम था जहां पर एक प्रधान निलंबित हो गए थे, उनकी जगह एक दूसरे प्रधान को चार्ज दिया गया था उसका कार्यक्रम था। वहां भी मैं गया था तो उन्होंने सब व्यवस्थाएं कर रखी थी। मालाएं ले रखी थीं। माला मैंने पहनी नहीं। मैं मालाएं पहनता ही नहीं।
मैंने 36 साल से माला नहीं पहनी, अब मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने तक माला नहीं पहनने का संकल्प ले रखा है
दिलावर ने कहा- आपकी जानकारी के लिए बता दूं, मैंने 36 साल से माला नहीं पहनी है। मेरा फरवरी 1990 से संकल्प था कि जब तक श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक मैं माला नहीं पहनूंगा। वहां भव्य मंदिर बन गया मेरा संकल्प पूरा हुआ, लेकिन दूसरे दिन ही मैंने दूसरा संकल्प लिया कि जब तक भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा में उनका भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक मैं माला नहीं पहनूंगा। कुल मिलाकर 36 साल के आसपास हो गए मैंने माला नहीं पहनी।
दिलावर ने कहा- वहां जो फोटो में दिखाई दे रहा है, एक बड़े चक्कर में माला दिख रही है,उसमें शो कर रखा है लेकिन मैंने माला नहीं पहनी।