झुंझुनूं में 40 साल पुराना बंद रास्ता खुला:मंडावा में ‘रास्ता खोलो अभियान’ से ग्रामीणों को मिली राहत
झुंझुनूं में 40 साल पुराना बंद रास्ता खुला:मंडावा में 'रास्ता खोलो अभियान' से ग्रामीणों को मिली राहत

झुंझुनूं : झुंझुनूं के मंडावा तहसील के राजस्व ग्राम भारू में 40 साल बाद बंद रास्ता खुला तो लोगों ने राहत की सांस ली। यह ‘रास्ता खोलो अभियान’ के तहत संभव हुआ। मंडावा तहसीलदार डॉ. सुरेंद्र भास्कर के निर्देशन में और नायब तहसीलदार मुकेश सिहाग की अध्यक्षता में राजस्व एवं पुलिस टीम ने संयुक्त कार्रवाई की।
यहां करीब 1 किलोमीटर लंबा रास्ता 40 साल से बंद था। अभियान का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में बंद रास्ते खोलकर आमजन की आवाजाही को सुगम बनाना है। नायब तहसीलदार मुकेश सिहाग ने मौके पर टीम का नेतृत्व किया। इस दौरान राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

अभियान में शामिल टीम में एएसआई मुलायम सिंह मय पुलिस जाब्ता, गिरदावर किशनलाल जांगिड़, पटवारी चीना देवी, पटवारी धर्मेंद्र मीणा, रफीक और अन्य सदस्य उपस्थित रहे। टीम ने मौके पर पहुंचकर बंद रास्ते का जायजा लिया और आवश्यक कार्रवाई करते हुए उसे खुलवाया।
दशकों पुरानी समस्या का समाधान
भारू गांव में यह रास्ता पिछले तीन से चार दशकों से बंद पड़ा था, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अक्सर किसानों और स्थानीय लोगों को अपने खेतों तक पहुंचने या एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता था। इस रास्ते के खुलने से अब ग्रामीणों का समय और श्रम दोनों बचेंगे।
जमीन विवाद और अतिक्रमण के कारण बंद हैं रास्ते
नायब तहसीलदार मुकेश कुमार ने बताया- ‘रास्ता खोलो अभियान’ राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवादों और अतिक्रमण के कारण बंद पड़े रास्तों को खोलना है।
ऐसे रास्ते अक्सर ग्रामीणों के लिए जीवनरेखा होते हैं, और इनके बंद होने से दैनिक जीवन पर असर पड़ता है। मंडावा में यह सफल अभियान दर्शाता है कि प्रशासन ऐसे मुद्दों को गंभीरता से ले रहा है और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।