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कल 17 मांगों को लेकर बैंक कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल:राजस्थान से भी 11 हजार कर्मचारी शामिल होंगे, बैंकों में कामकाज ठप रहेगा


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कल 17 मांगों को लेकर बैंक कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल:राजस्थान से भी 11 हजार कर्मचारी शामिल होंगे, बैंकों में कामकाज ठप रहेगा

कल 17 मांगों को लेकर बैंक कर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल:राजस्थान से भी 11 हजार कर्मचारी शामिल होंगे, बैंकों में कामकाज ठप रहेगा

जयपुर : केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध समेत 17 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंक कर्मचारी 9 जुलाई बुधवार को एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। राजस्थान में भी हड़ताल का असर देखने को मिलेगा। प्रदेशभर के लगभग 11 हजार बैंक कर्मचारी और अधिकारी कामकाज से दूर रहेंगे, जिससे आम लोगों को बैंकिंग सेवाओं में परेशानी हो सकती है।

राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन के महासचिव महेश मिश्रा ने बताया इस राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में सार्वजनिक, निजी, विदेशी, सहकारी और ग्रामीण बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि यह हड़ताल केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों और बैंकों के निजीकरण के खिलाफ है। बैंक कर्मी पुरानी पेंशन योजना लागू करने, आउटसोर्सिंग पर रोक, पांच दिवसीय बैंकिंग व्यवस्था और कॉरपोरेट लोन की वसूली जैसे मुद्दों को लेकर एकजुट हो रहे हैं।

हड़ताली कर्मचारी सुबह 10:30 बजे बैंक ऑफ इंडिया, सी-स्कीम शाखा के बाहर प्रदर्शन करेंगे और इसके बाद हसनपुरा स्थित श्रम आयुक्त कार्यालय पहुंचकर अन्य यूनियनों के साथ संयुक्त प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने बताया- ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA), बैंक एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI), ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लाइज एसोसिएशन (AIIEA), ऑल इंडिया LIC एम्प्लाइज फेडरेशन (AILICEF) और जनरल इंश्योरेंस एम्प्लाइज ऑल इंडिया एसोसिएशन (GIEAIA) इस हड़ताल में शामिल होंगी। AIBOC, NCBE और INBEF ने भी हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया है।

निजीकरण, कॉन्ट्रैक्ट भर्ती और आउटसोर्सिंग के खिलाफ मोर्चा

राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन के सचिव और PNB एम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष टी सी झालानी ने बताया- यह हड़ताल सिर्फ बैंकिंग सेक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि बीमा, डाक, आयकर, बीएसएनएल, कोयला, रक्षा, आंगनबाड़ी, आशा, मिड-डे मील, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, खेत-मजदूर और फैक्ट्री कर्मचारियों सहित कई क्षेत्रों के करोड़ों कामगार इसमें शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि इस हड़ताल के जरिए सरकारी संस्थानों के निजीकरण और विनिवेश पर रोक, सभी सेक्टर्स में पर्याप्त भर्ती, आउटसोर्सिंग और संविदा व्यवस्था बंद करने, कॉरपोरेट से NPA वसूली और बीमा प्रीमियम पर GST हटाने की मांग की जा रही है। साथ ही न्यूनतम वेतन ₹26,000 प्रतिमाह करने और समान काम के लिए समान वेतन लागू करने की भी मांग की गई है।

हड़ताल का असर कई सेवाओं पर पड़ेगा

बैंक और बीमा क्षेत्र के अलावा केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालयों, डाकघर, दूरसंचार, स्वास्थ्य व शिक्षा से जुड़े विभागों में भी कामकाज प्रभावित रहेगा। यूनियनों ने चेताया है कि अगर सरकार इन मुद्दों को अनदेखा करती रही तो आगे आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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