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अपात्र परिवारों को खुद हटाना होगा नाम : खाद्य सुरक्षा योजना में ‘GIVE UP अभियान’ की अवधि बढ़ी


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अपात्र परिवारों को खुद हटाना होगा नाम : खाद्य सुरक्षा योजना में ‘GIVE UP अभियान’ की अवधि बढ़ी

31 अगस्त 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर योजना से बाहर हो सकेंगे अपात्र लाभार्थी, झुंझुनूं में अब तक 36 हजार यूनिट हटाए गए

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

झुंझुनूं : राज्य सरकार द्वारा माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में वंचित वर्गों के उत्थान हेतु लगातार ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं पात्र लोगों तक पहुंचे जो वाकई जरूरतमंद हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के अंतर्गत GIVE UP अभियान की अवधि अब 31 तक बढ़ा दी गई है।

डॉ. निकिता राठौड़, जिला रसद अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन परिवारों में कोई सदस्य आयकरदाता है, सरकारी/अर्ध सरकारी/स्वायत्त संस्थाओं में कार्यरत है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये से अधिक है या जिनके पास चार पहिया वाहन है वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत अपात्र माने गए हैं। ऐसे परिवारों से अपील की गई है कि वे 31 अगस्त से पूर्व स्वेच्छा से ऑनलाइन आवेदन कर योजना से अपना नाम हटा लें।

डॉ. राठौड़ के अनुसार, झुंझुनूं जिले में अब तक 7783 अपात्र राशन कार्ड और 36,000 यूनिट को खाद्य सुरक्षा योजना से हटाया जा चुका है। वहीं, 3 दिसंबर 2024 से प्रारंभ GIVE UP अभियान के तहत अब तक 300 अपात्र सरकारी कर्मचारियों को वसूली नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं और संबंधित कार्रवाई जारी है।

अब प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर प्रवर्तन अधिकारियों व निरीक्षकों द्वारा औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं। साथ ही, खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी कर वसूली की प्रक्रिया चलाई जा रही है।

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा अब तक 14 जिलों का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने विभागीय कार्यों की समीक्षा कर GIVE UP अभियान को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब साप्ताहिक समीक्षा बैठकें भी आयोजित की जाएंगी।

खाद्य विभाग द्वारा शीघ्र ही परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन स्वामियों का डाटा एकत्र किया जाएगा, ताकि ऐसे परिवारों की पहचान कर उन्हें नोटिस जारी किया जा सके और वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।

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