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मोहर्रम की 7 तारीख को मेहंदी रात के रूप में मनाया जाता है जिसमें कई रस्में होती हैं


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मोहर्रम की 7 तारीख को मेहंदी रात के रूप में मनाया जाता है जिसमें कई रस्में होती हैं

मोहर्रम की 7 तारीख को मेहंदी रात के रूप में मनाया जाता है जिसमें कई रस्में होती हैं

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : जिला मुख्यालय पर मोहर्रम की 7 तारीख को मेहंदी रात के रूप में मनाया जाता है, जिसमें कई रस्में होती हैं । इस दिन मेहंदी का जुलूस निकाला जाता है, जिसमें ओरते मेहंदी लगाती हैं और ‌ ताजियों पर मेहंदी चढ़ाती हैं। ओर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं। मेहंदी लगानाः लोग अपने हाथों और पैरों में मेहंदी लगाते हैं, जो शोक और दुख का प्रतीक है। ओर लोग तबर्रुक चढ़ाते हैं तबर्रुक (प्रसाद ) चढ़ाते हैं, जो हजरत इमाम हुसैन की याद में चढ़ाया जाता है। सहरें और फूल चढ़ानाः लोग सहरें और फूल चढ़ाते हैं, जो हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का एक तरीका है। मातम और शोक मजलिस (सभाएं): ‌ अधिकतर लोग मजलिस करते हैं और शोक व्यक्त करते हैं। जहां हजरत इमाम हुसैन की शहादत की कहानी सुनाई जाती है। इन रस्मों के माध्यम से लोग हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं और अपने दुख और शोक को व्यक्त करते हैं। मेहंदी रात को शहर में कई जगहों पर जुलूस निकाल कर मेहंदी की रस्म अदा की जाती है। जैसे दरगाह नूर नबी,‌ नीलगरो की मस्जिद के आगे,‌ मोहल्ला तेलियान, ‌ पठान चौक ,ईदगाह मोहल्ला,अगुना बास,‌ शेखों का मोहल्ला,‌ आदि जगहों पर चांद की 7 तारीख को मेहंदी की रस्म अदा की जाती है। जिसे मोहर्रम कमेटी अध्यक्ष मोहम्मद अली खान, जाकिर हुसैन झारिया वाला,‌मो. हारुन गोरी, संजय भाटी, याकील पीर, मोहम्मद रफीक चौहान, सलीम गोरी, डॉ जमील चौहान, पार्षद‌ ईस्माइल भाटी, ‌सोहेल अहमद चौहान, आजम भाटी,‌ आसिफ मंडावरीया,‌राजु डायर,‌ आदि मौजूद रहे।‌ पुलिस प्रशासन ‌ जाब्ता के साथ मौजूद रहा। और सुरक्षा के ‌ पुख्ता इंतजाम किए ।मेहंदी की रात को श्रद्धालुओ ने अपनी आस्था के साथ रश्मे अदा की। शोक व्यक्त किया।

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