एक आधार, 2 राज्यों से उठा रहे राशन:रसद विभाग की रिपोर्ट में 1600 से ज्यादा लाभार्थी चिन्हित; कार्रवाई 463 मामलों पर
एक आधार, 2 राज्यों से उठा रहे राशन:रसद विभाग की रिपोर्ट में 1600 से ज्यादा लाभार्थी चिन्हित; कार्रवाई 463 मामलों पर

झुंझुनूं : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत राशन वितरण प्रणाली को आधार से जोड़ने और देशभर के डेटा को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के बाद राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। जिला रसद कार्यालय की डी-डुप्लीकेशन रिपोर्ट के अनुसार, जिले के 1,659 लाभार्थी ऐसे पाए गए हैं जिन्होंने एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल कर दो अलग-अलग राज्यों से राशन उठाया है। यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा था। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से अब तक केवल 463 मामलों में ही विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है, जबकि शेष 1,196 लाभार्थी अब भी दोहरे लाभ का फायदा उठा रहे हैं।
आधार लिंकिंग से खुली पोल
इस बड़े घोटाले का खुलासा केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मिलने वाले राशन के लाभार्थियों का डेटा राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत करने के बाद हुआ। सभी राशन कार्डों को आधार नंबर से लिंक किया गया, जिससे यह सामने आया कि बड़ी संख्या में उपभोक्ता एक ही पहचान पत्र (आधार) के आधार पर दो-दो स्थानों से राशन उठा रहे थे। कुछ मामले तो राजस्थान के भीतर ही दो जिलों में राशन उठाने के पाए गए, जबकि कई उपभोक्ता राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लाभ ले रहे थे।
राजस्थान और अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा
राजस्थान से डुप्लीकेट राशन कार्डधारियों की कुल संख्या 76,083 पाई गई है, जिनमें झुंझुनूं जिले के 1,659 लाभार्थी भी शामिल हैं। अन्य राज्यों की बात करें तो यह फर्जीवाड़ा और भी बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। दिल्ली में 9,631, हरियाणा में 27,277, मध्य प्रदेश में 14,487, महाराष्ट्र में 2,823, गुजरात में 2,559, उत्तर प्रदेश में 7,763 और बिहार में 549 लाभार्थी एक ही आधार कार्ड से दो जगह राशन उठा रहे हैं। इस तरह देशभर के 20 राज्यों में कुल 70,769 उपभोक्ता फर्जी तरीके से लाभ ले रहे हैं।
राज्य के भीतर और बाहर दोहरा लाभ
रसद विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह फर्जीवाड़ा दो स्तरों पर हो रहा है—राज्य के भीतर और राज्य से बाहर। कई मामले ऐसे मिले हैं जिनमें एक ही व्यक्ति का नाम और आधार नंबर दो अलग-अलग जिलों में दर्ज है और वह दोनों जगह से राशन उठा रहा है। दूसरी तरफ, कुछ मामलों में लाभार्थी राजस्थान और किसी अन्य राज्य (जैसे हरियाणा, दिल्ली, यूपी आदि) में एक साथ रजिस्टर्ड हैं और वहां से गेहूं, चावल जैसे खाद्यान्न उठा रहे हैं। इससे राज्य सरकार को दोहरा नुकसान हो रहा है—एक तो खाद्यान्न का दुरुपयोग हो रहा है और दूसरा, वास्तविक जरूरतमंद व्यक्ति तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है।
फाइलों में सिमटे लंबित मामले
झुंझुनूं जिले के 1,659 डुप्लीकेट मामलों में से केवल 463 पर ही विभाग ने कार्रवाई की है। शेष 1,196 मामलों में या तो जांच नहीं हुई या फिर फाइलें दबा दी गईं। कई मामलों में तो संबंधित अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया, जो यह साफ दर्शाता है कि कहीं न कहीं सिस्टम में बैठे कुछ लोग इस फर्जीवाड़े में या तो शामिल हैं या जानबूझकर आंख मूंदकर बैठे हैं।
76,000 से अधिक लाभार्थी दो जगह से ले रहे राशन
यह घोटाला केवल झुंझुनूं तक सीमित नहीं है। पूरे राजस्थान में 76,083 ऐसे लाभार्थी चिह्नित हुए हैं, जो एक ही पहचान पत्र के जरिए दो जगह से राशन उठा रहे हैं। इन सभी मामलों में राशन कार्ड डुप्लीकेट पाए गए हैं। इनमें से 43,507 मामलों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह सिस्टम की घोर लापरवाही और प्रशासन की सुस्ती का साफ संकेत है।
क्रम | जिला | कुल डुप्लीकेट रिकॉर्ड | लंबित मामले |
1 | अलवर | 13,194 | 8,154 |
2 | भरतपुर | 10,314 | 6,455 |
3 | झालावाड़ | 4,403 | 4,051 |
4 | जालौर | 2,307 | 2,256 |
5 | दौसा | 3,290 | 2,196 |
6 | चित्तौड़गढ़ | 2,139 | 2,011 |
7 | धौलपुर | 2,003 | 1,997 |
8 | गंगानगर | 2,019 | 1,765 |
9 | भीलवाड़ा | 1,427 | 1,308 |
10 | झुंझुनूं | 1,659 | 1,196 |
11 | राजसमंद | 1,305 | 1,184 |
12 | सीकर | 2,317 | 1,168 |
13 | अजमेर | 1,564 | 952 |
14 | उदयपुर | 1,585 | 829 |
15 | पाली | 1,313 | 797 |
16 | जयपुर | 2,763 | 772 |
17 | सवाई माधोपुर | 1,326 | 716 |
18 | सिरोही | 684 | 642 |
19 | चूरू | 1,723 | 577 |
20 | टोंक | 954 | 537 |
21 | नागौर | 1,978 | 464 |
22 | बांसवाड़ा | 1,359 | 456 |
23 | करौली | 2,087 | 406 |
24 | डूंगरपुर | 543 | 364 |
25 | बारां | 3,188 | 320 |
26 | जोधपुर | 693 | 319 |
27 | कोटा | 1,165 | 319 |
28 | प्रतापगढ़ | 1,620 | 316 |
29 | बाड़मेर | 608 | 267 |
30 | हनुमानगढ़ | 3,738 | 263 |
31 | बूंदी | 397 | 233 |
32 | बीकानेर | 369 | 192 |
33 | जैसलमेर | 49 | 25 |