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साइबर अपराधों पर नकेल:झुंझुनूं जिले के हर थाने में खुलेगी साइबर हेल्प डेस्क, पीड़ितों को तुरंत मिलेगी राहत


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साइबर अपराधों पर नकेल:झुंझुनूं जिले के हर थाने में खुलेगी साइबर हेल्प डेस्क, पीड़ितों को तुरंत मिलेगी राहत

साइबर अपराधों पर नकेल:झुंझुनूं जिले के हर थाने में खुलेगी साइबर हेल्प डेस्क, पीड़ितों को तुरंत मिलेगी राहत

झुंझुनूं : डिजिटल युग के साथ-साथ साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी, बैंकिंग स्कैम और मोबाइल एप हैकिंग जैसे अपराधों से आम लोग सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में राजस्थान पुलिस ने साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बड़ा फैसला लिया है। झुंझुनूं जिले के सभी थानों में अब विशेष “साइबर हेल्प डेस्क” बनाई जाएगी, जो आमजन को त्वरित राहत दिलाने में मदद करेगी।

हर थाने में डेस्क, हर डेस्क पर ट्रेंड स्टाफ

झुंझुनूं के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र राजावत ने बताया कि जिले के सभी थानों में अगले एक सप्ताह के भीतर साइबर हेल्प डेस्क शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक थाने में एक कॉन्स्टेबल और एक हेड कांस्टेबल को साइबर मामलों में विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इन कर्मचारियों को साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग, तकनीकी सहायता और फॉलो-अप की जिम्मेदारी दी गई है।

पीड़ितों को तत्काल सहायता, पैसे वापस पाने में भी मदद

साइबर डिप्टी रामखिलाड़ी ने जानकारी दी कि ये हेल्प डेस्क न सिर्फ पीड़ितों की शिकायत दर्ज करेंगी, बल्कि उन्हें उचित मार्गदर्शन भी देंगी। यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन ठगी का शिकार होता है, तो हेल्प डेस्क उसकी ओर से साइबर क्राइम पोर्टल पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएगी। इसमें पीड़ित का बैंक खाता नंबर, ट्रांजैक्शन आईडी, संदिग्ध मोबाइल नंबर या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी सही तरीके से दर्ज की जाएगी ताकि पैसे वापस लाने की प्रक्रिया सफल हो सके।

फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर होगी सख्त कार्रवाई

अगर किसी व्यक्ति के नाम से कोई फर्जी फेसबुक, इंस्टाग्राम या एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट चल रहा है, तो उसकी रिपोर्टिंग और बंद करवाने की प्रक्रिया में साइबर डेस्क सहायता करेगा। कई मामलों में ऐसे फर्जी अकाउंट बदनाम करने या ठगी करने के लिए बनाए जाते हैं, जिन पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डिजिटल जागरूकता अभियान भी चलाएगी पुलिस

राजस्थान पुलिस अब जिलेभर में साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाएगी। स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर सेमिनार, पोस्टर और डिजिटल मीडिया के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि कैसे वे खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

नागरिकों की सुरक्षा के लिए निर्णायक कदम

कार्यवाहक एसपी देवेन्द्र राजावत ने बताया कि साइबर अपराधों को रोकना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। इस नई व्यवस्था से न केवल लोगों को त्वरित राहत मिलेगी, बल्कि अपराधियों की धरपकड़ में भी आसानी होगी। झुंझुनूं जैसे जिलों में जहां ग्रामीण व शहरी इलाकों में तेजी से डिजिटल लेनदेन बढ़ा है, वहां यह कदम बेहद जरूरी और समयानुकूल है।

राजस्थान पुलिस के तीन स्तर पर काम करेगी साइबर सहायता प्रणाली:

1. शिकायत दर्ज कराना आसान

– कोई भी व्यक्ति अगर ऑनलाइन धोखाधड़ी, फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट, हैकिंग या वित्तीय साइबर अपराध का शिकार होता है, तो वह सीधे थाने जाकर साइबर हेल्प डेस्क पर रिपोर्ट दर्ज करा सकता है।

2. डेटा ब्लॉकिंग और रिकवरी में मदद

– साइबर डेस्क संदिग्ध नंबर या डिवाइस का IMEI नंबर ब्लॉक करवाने, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करवाने, और गुम मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करवा पाने में तकनीकी सहयोग देगा।

3. पैसे फ्रीज करवाने में सहयोग

– अगर किसी के खाते से पैसे कटे हैं तो राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर पैसे फ्रीज करवाने की प्रक्रिया में भी डेस्क मदद करेगी। अगर बैंक ने पैसे होल्ड किए हैं तो उन्हें वापस दिलाने की प्रक्रिया में भी सहयोग किया जाएगा।

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