श्रीमाधोपुर में भगवान जगन्नाथ को कराई परिक्रमा:12.5 फीट लंबे और 7.5 फीट चौड़े रथ पर विराजे भगवान, बारिश के बीच श्रद्धालुओं ने खींचा रथ
श्रीमाधोपुर में भगवान जगन्नाथ को कराई परिक्रमा:12.5 फीट लंबे और 7.5 फीट चौड़े रथ पर विराजे भगवान, बारिश के बीच श्रद्धालुओं ने खींचा रथ

श्रीमाधोपुर : श्रीमाधोपुर के श्री गोपीनाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का आयोजन शुक्रवार को हुआ। मंदिर परंपरा के अनुसार पौराणिक काष्ठ के रथ में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को विराजित कर मंदिर भवन के चारों ओर परिक्रमा कराई गई। भगवान जगन्नाथ के रथ को 400 मीटर की परिधि तक परिक्रमा कराई गई। बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी। बारिश में भीगते हुए श्रद्धालुओं ने संकीर्तन पर जमकर नृत्य किया।
मंदिर महंत डॉ. मनोहरशरण ने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवी को गर्भगृह से लाकर पौराणिक 150 ईंच लंबे और 60 ईंच चौड़े रथ में विराजित किया गया। इस दौरान 250 साल पुरानी भगवान जगन्नाथ की अष्ट धातु की प्रतिमा को भी विराजित किया। पूजन के बाद श्रद्धालुओं ने झाडू से भगवान जगन्नाथ का रथ बुहारा।

इस दौरान श्रद्धालुओं में रथ को अपने हाथों से खींचने की होड़ लगी रही। संकीर्तन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। इस परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए जलपान और जूस की व्यवस्था भी की गई। रथ परिक्रमा के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा मंदिर में विराजित हुए।
5 जुलाई को होगा मुख्य रथ यात्रा महोत्सव
मंदिर महंत ने बताया कि दस दिवसीय कार्यक्रम की समाप्ति पर 5 जुलाई को मुख्य रथयात्रा महोत्सव का आयोजन होगा। इस दौरान 21 फीट ऊंचे रथ में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को विराजित कर नगर भ्रमण कराया जाएगा। रथयात्रा में भाग लेने के लिए शहर सहित आस-पास के गांवों व दूर-दराज से भक्त पहुंचेंगे।

कल से होगी भक्तमाल कथा
28 जून शनिवार से मंदिर परिसर में भक्त माल कथा का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 2:30 बजे से शाम 6 बजे तक रोजाना वृंदावन धाम के कथावाचक राधारमण दास महाराज के द्वारा कथा का वाचन किया जाएगा।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर जितेंद्र पटवारी, धर्मेंद्र सोनी, पिंटू नागरका, आलोक आगीवाल, महावीर पारीक, मुरारीलाल पारीक, डॉ. नीरू पारीक, केदार सैन, देव न्यारिया, श्यामसुंदर नारनौली, बजरंग अमरसरिया, परमानंद सोनी, मधुसूदन कयाल, जुगलकिशोर चौधरी, निरंजन सोनी, प्रमेन्द्र कानुनगो, मोती कयाल, राजू सैन, मनोज मिश्रा, सत्यनारायण खांडल समेत मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग और काफी संख्या में महिला श्रद्धालु मौजूद रही।