काटली नदी से अतिक्रमण हटाने के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम भेजा ज्ञापन
काटली नदी से अतिक्रमण हटाने के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम भेजा ज्ञापन

सूरजगढ़ : शेखावाटी की लाइफ लाइन काटली नदी से अतिक्रमण हटवाने के सम्बंध में आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ऑनलाइन ज्ञापन भेजकर नदी के बहाव क्षेत्र से अविलंब अतिक्रमण हटाने की माँग पुरजोर से उठाई है। काटली नदी से अतिक्रमण हटाने की आवाज पूर्व में कई संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार उठाई जा चुकी है, लेकिन सरकार और प्रशासन नदी के बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। एक तरफ सरकार वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान चला रही है, और दूसरी तरफ सरकारी भूमि, जोहड़, तालाब, बावड़ी, नदी, नालों व अन्य जलस्रोतों से अतिक्रमण हटाने में कोई रुचि नहीं दिखा रही है। जबकि सरकार की पहली जिम्मेदारी है कि प्रदेश में सरकारी भूमि और जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाने का अभियान तेजी से चलाया जाये। प्रभावशाली लोगों ने प्रदेश भर में नदी नालों पर बहुत ज्यादा अतिक्रमण कर रखा है। वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान तभी सफल होगा, जब अवैध खनन रोका जायेगा और नदी व अन्य जल स्रोतों से अतिक्रमण हटाया जायेगा। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से राजस्थान सरकार को अवगत करवाया गया है कि सीकर व झुंझुनूं जिले में काटली नदी के बहाव क्षेत्र में काफी समय से बड़े पैमाने पर अवैध खनन और अतिक्रमण हो रहा है, जिसकी वजह से नदी का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। काटली नदी सीकर जिले की पहाड़ियों से निकलकर झुंझुनूं जिले कई गांवों से होकर गुजरती है। अतिक्रमियों ने शेखावाटी अंचल में सदियों से जनजीवन को आबाद रखने वाली काटली नदी का अतिक्रमण कर गला घोंट दिया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और कई संगठनों ने सरकार और प्रशासन को काटली नदी से अतिक्रमण हटाने की कई बार शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन की उदासीनता के चलते कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रास्ता भी अपनाया। लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारी काटली नदी से अतिक्रमण हटाना जरूरी नहीं समझ रहे हैं। सीकर और झुंझुनूं जिले का प्रशासन ना तो काटली नदी से अवैध खनन रोक रहा है और ना ही अतिक्रमण हटा रहा है। हमने पहले भी कई बार जिला कलेक्टर झुंझुनूं को काटली नदी से अतिक्रमण हटाने के लिए लिखा है, ज्ञापन दिया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कई सामाजिक संगठनों और जिले के बहुत से लोगों द्वारा आवाज़ उठाने के बावजूद भी प्रशासन द्वारा काटली नदी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं करना, आश्चर्य की बात है। नदी के नहीं आने से झुंझुनूं जिले में भू-जल स्तर तेजी से गिरता जा रहा है, जिसकी वजह से जिले में पानी की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। अंतिम सांस ले रही काटली नदी का वजूद मिटाने में अवैध खनन माफिया भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। काटली नदी क्षेत्र में कई स्थानों पर अवैध निर्माण कर अतिकर्मियों ने भी नदी का पानी रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी इसके भावी खतरनाक परिणामों की चिंता नहीं है। अवैध खनन, अतिक्रमण और बहाव क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण ने नदी को मृतहाल हाल में पहुंचा दिया है। नदी के सूखने से गांव व कस्बों में जलस्तर नीचे चले जाने से जलस्रोत सूखने लगे हैं। लोग पेयजल के लिए भटकने के लिए मजबूर हैं। शेखावाटी क्षेत्र की प्रमुख बरसाती नदी काटली इस क्षेत्र की भागीरथी है। अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं की गोद से जन्म लेने के बाद विभिन्न गांवों से निकली नालियों छोटे-छोटे नालों व पठारों से निकली जल की कुपिकाओं को अपने आप में समाहित करती हुई, जब आगे बढ़ती थी तो किसी जमाने में काटली नदी उफनती हुई बलखाती हुई बहती थी। लेकिन आज अवैध खनन और अवैध अतिक्रमण की वजह से काटली नदी लगभग मृतप्राय: हाल में है। क्षेत्र के भविष्य के लिए काटली नदी का बहाव बहुत जरूरी है। जब तक सरकार काटली नदी से अतिक्रमण नहीं हटाएगी, हमारा अभियान और प्रयास जारी रहेगा। ज्ञापन भेजने वालों में आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गाँधी, राय सिंह शेखावत, होशियार सिंह सिंगाठिया, मनजीत सिंह तंवर, सरजीत खाटीवाल, अशोक कुमावत, निखिल तंवर आदि अन्य लोग शामिल रहे।