जम्मू-कश्मीर में राजस्थान का जवान भंवरलाल शहीद:तिरंगा यात्रा में उमड़े लोग, पैतृक गांव लूणासर में सैन्य सम्मान से होगा अंतिम संस्कार
जम्मू-कश्मीर में राजस्थान का जवान भंवरलाल शहीद:तिरंगा यात्रा में उमड़े लोग, पैतृक गांव लूणासर में सैन्य सम्मान से होगा अंतिम संस्कार

चूरू : जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग सेक्टर में रविवार (8 जून) देर रात डेढ़ बजे चूरू में लूणासर गांव (सरदारशहर) के रहने वाले जवान भंवरलाल सारण (32) शहीद हो गए। सिर में गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर अवस्था में इलाज के लिए ले जाया गया था, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।

पैतृक गांव के लिए तिरंगा यात्रा रवाना
शहीद का पार्थिव देह को सोमवार (9 जून) शाम श्रीनगर से दिल्ली लाया गया और मंगलवार दोपहर सड़क मार्ग से सरदारशहर के लिए रवाना किया गया। रास्ते में राजगढ़, तारानगर, भालेरी और राजस्थान बॉर्डर पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि दी। मंगलवार (10 जून) रात करीब 10 बजे सरदारशहर के तिरंगा स्टेडियम में सैनिक सम्मान के साथ पार्थिव देह को रखा गया।
बुधवार सुबह बड़ी संख्या में लोग तिरंगा स्टेडियम पहुंचे। सुबह करीब 8.30 ग्रामीणों और सेना के जवानों के साथ तिरंगा यात्रा 45 किलोमीटर दूर पैतृक गांव लूणासर के लिए रवाना हुई। जहां पहुंचे पर अंतिम दर्शनों के बाद सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद का अंतिम सफर …



परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
सरपंच भंवरलाल पांडर ने बताया कि परिवार को पहले केवल ये ही बताया गया था कि भंवरलराल ऑपरेशन में घायल हुआ है और इलाज जारी है। लेकिन आज जैसे ही परिवार के लोगों को शहादत की जानकारी मिली कोहराम मच गया। पत्नी तारामणी (30) बार-बार बेसुध हो रही है। वहीं पिता उमाराम (70) भी गहरी निराशा में डूबे हुए हैं। इधर, पांच साल की बेटी रितिका को पता ही नहीं है कि उसके पिता अब कभी लौटकर नहीं आने वाले हैं। जिन्होंने घटना से दो दिन पहले फोन पर कहा था कि… बहुत पढ़ाई करना है, तुझे आर्मी अफसर बनना है… ।
2015 में सेना में भर्ती हुए थे
सरपंच भंवरलाल पांडर और ग्रामीण लिखमाराम पांडर ने बताया कि भंवरलाल सारण 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। गुलमर्ग सेक्टर में तैनात भंवरलाल अपने गांव और परिवार से हमेशा जुड़े रहे। भंवरलाल के छोटे भाई मुकेश सारण सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। मां सुखी देवी की मृत्यु करीब 8 साल पहले बीमारी के कारण हो गई थी।