हाइपरटेंशन जागरूकता को लेकर झुंझुनूं में हुई मैराथन:बच्चों से लेकर युवाओं तक ने बढ़-चढ़कर लिया भाग
हाइपरटेंशन जागरूकता को लेकर झुंझुनूं में हुई मैराथन:बच्चों से लेकर युवाओं तक ने बढ़-चढ़कर लिया भाग

झुंझुनूं : विश्व हाइपरटेंशन जागरूकता माह के तहत मंगलवार को झुंझुनूं शहर में मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इस दौड़ का उद्देश्य आमजन को उच्च रक्तचाप जैसी खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक करना था। देशभर में हृदय रोग, किडनी फेल्योर और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।
मैराथन दौड़ जिला कलेक्ट्रेट परिसर से शुरू हुई, जिसे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. छोटेलाल गुर्जर, उपखंड अधिकारी (एसडीएम) हवाई सिंह यादव और पीएमओ डॉ. जितेन्द्र भांबू ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दौड़ का समापन जेपी जानू स्कूल के पास हुआ। इस आयोजन में मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं सहित स्कूली बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जीवनशैली सुधारने का दिया संदेश
सभी प्रतिभागियों ने “स्वस्थ दिल, स्वस्थ जीवन”, “हाई बीपी से बचें – नियमित जांच कराएं” जैसे संदेशों के साथ दौड़ लगाई। आयोजन का मुख्य आकर्षण युवाओं की ऊर्जा और बुजुर्गों का समर्पण रहा, जिसने यह संदेश दिया कि स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम किसी भी उम्र में उठाया जा सकता है।
इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि पूरे महीने भर जिले के सभी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों, सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल में उच्च रक्तचाप की मुफ्त जांच की जा रही है। साथ ही, लोगों को बीपी की नियमित जांच, कम नमक का सेवन, योग-व्यायाम और तनावमुक्त जीवनशैली जैसे उपायों के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर
उन्होंने कहा कि झुंझुनूं में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनमानस को स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाने का कार्य किया जा रहा है। हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है, जो बिना किसी लक्षण के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में समय पर स्क्रीनिंग और जीवनशैली में सुधार ही इसका सबसे बड़ा इलाज है।
एसडीएम हवाई सिंह यादव ने कहा कि इस तरह के आयोजन केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने की दिशा में एक ठोस पहल हैं। जब युवा इस प्रकार की गतिविधियों में भाग लेते हैं, तो वे न केवल खुद सजग होते हैं बल्कि अपने परिवार और समाज को भी प्रेरित करते हैं।
कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रतिभागियों को स्वास्थ्य संबंधी बुकलेट और बीपी मॉनिटरिंग की जानकारी भी दी गई। मैराथन के माध्यम से विभाग ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि आज की दौड़ केवल ट्रैक पर नहीं, बल्कि हाई बीपी के खतरे से बचने की भी दौड़ है – जिसमें हर किसी की जीत जरूरी है।