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बांसवाड़ा में 3 माह की गर्भवती की नसबंदी कर दी:तबीयत बिगड़ी तो प्रेग्नेंसी का पता चला, एसपी से कार्रवाई की लगाई गुहार; CMHO ने जांच बैठाई


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बांसवाड़ा में 3 माह की गर्भवती की नसबंदी कर दी:तबीयत बिगड़ी तो प्रेग्नेंसी का पता चला, एसपी से कार्रवाई की लगाई गुहार; CMHO ने जांच बैठाई

बांसवाड़ा में 3 माह की गर्भवती की नसबंदी कर दी:तबीयत बिगड़ी तो प्रेग्नेंसी का पता चला, एसपी से कार्रवाई की लगाई गुहार; CMHO ने जांच बैठाई

बांसवाड़ा : बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उपखंड के पाटन थाना क्षेत्र के मोहकमपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों ने बिना जांच किए ही 3 माह की एक गर्भवती महिला का नसबंदी ऑपरेशन कर दिया। मामला जनवरी का है। 45 साल की महिला की तबीयत बिगड़ने पर सोनोग्राफी करवाई गई तो सामने आया कि महिला गर्भवती है। उसका गर्भ 31 सप्ताह का हो चुका है।

आमलीपाड़ा निवासी पीड़िता ने पाटन थाने व पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत देकर जिम्मेदारों पर कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है। पीड़िता ने बताया कि करीब 5 माह पहले रमिला नाम की एक महिला उसके पास आई और उसने खुद को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बताते हुए कहा- तुम्हारे चार बच्चे हो चुके हैं, इसलिए नसबंदी करवा लो। सरकार की ओर से सहायता राशि भी मिलेगी। पीड़िता 10 जनवरी, 2025 को उसके साथ मोहकमपुरा सीएचसी पहुंची। वहां चिकित्सक ने बिना किसी जांच के उसका नसबंदी ऑपरेशन कर दिया और प्रमाण-पत्र दे दिया।

अक्टूबर में ठहरा गर्भ

नसबंदी ऑपरेशन के कुछ दिन बाद महिला की तबीयत बिगड़ने लगी तो वह चिकित्सक के पास गई। चिकित्सकों ने जांच के बाद बताया कि वह गर्भवती है। इसके बाद सोनोग्राफी करवाई, जिसमें गर्भ 28 सप्ताह एक दिन का बताया गया। रिपोर्ट के अनुसार गर्भ अक्टूबर, 2024 में ही ठहर चुका था। यानी ऑपरेशन के वक्त वह पहले से ही गर्भवती थी, लेकिन बिना जांच के ऑपरेशन कर दिया गया।

गलती छुपाने-धमकाने का लगाया आरोप

पीड़िता ने आरोप लगाया कि, जब वह अपनी पीड़ा व शिकायत लेकर पति के साथ मोहकमपुरा सीएचसी पहुंची तो वहां मौजूद स्टाफ और चिकित्सक ने दुर्व्यवहार किया और धमकाते हुए कहा कि अगर ऊपर शिकायत की तो ठीक नहीं होगा।

नसबंदी से मां-बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं

एमजी अस्पताल गायनिक डॉ. पवन शर्मा ने बताया- परिवार की सहमति से ही नसबंदी होती है। अगर गर्भ धारण होने के बाद नसबंदी की जाती है तो महिला और बच्चे पर कोई असर नहीं होता। हां, आगे वो गर्भवती नहीं हो सकेगी। बाद में अगर वो चाहे कि गर्भधारण करना है तो वो उदयपुर जाकर नसबंदी खुलवा सकते हैं। यह सुविधा बांसवाड़ा में नहीं है।

मामला संज्ञान में आया है, संबंधित डॉक्युमेंट्स मंगवाए हैं, एडिशनल सीएमएचओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ सीएमएचओ बांसवाड़ा

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