मां के 12वां का सामान लेने गए बेटे की मौत:भांजे-रिश्तेदार के साथ बाइक पर लौट रहा था, ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आकर तीन जानें गईं
मां के 12वां का सामान लेने गए बेटे की मौत:भांजे-रिश्तेदार के साथ बाइक पर लौट रहा था, ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आकर तीन जानें गईं

झुंझुनूं : ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आकर बाइक सवार तीन युवकों की मौत हो गई। अपनी मां के 12वें का सामान लेने युवक अपने भांजे के साथ घर से निकला था। रास्ते में रिश्तेदार मिल गए। उनको भी बाइक पर बैठा लिया था। थोड़ी ही दूर आगे जाकर हादसा हो गया। घटना झुंझुनूं जिले के बिसाऊ इलाके में शुक्रवार शाम 7.15 बजे हुई।
बिसाऊ थाना इंचार्ज रामपाल मीणा ने बताया- टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद कुछ दूर आगे जाकर ड्राइवर ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़ भाग गया। उसकी गाड़ी जब्त कर ली गई है। ड्राइवर की तलाश की जा रही है।

थाना इंचार्ज ने बताया- घटना की सूचना पर मैं (रामपाल मीणा) और एएसआई इंद्राज सिंह मौके पर पहुंचे। बाइक सवार तीनों युवकों को जटिया हॉस्पिटल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने विक्रम सिंह और भांजे सुरेंद्र को मृत घोषित कर दिया। तीसरे विक्रम सिंह राजपूत की इलाज के दौरान मौत हो गई।
मलसीसर थाना इलाके के न्योला गांव निवासी भीम सिंह की पत्नी का 10 दिन पहले निधन हो गया था। भीम सिंह का बेटा विक्रम सिंह राजपूत (30) बारहवें के कार्यक्रम के लिए सामान खरीदने बाइक पर भांजे सुरेंद्र (30) पुत्र लालसिंह (निवासी फतेहाबाद, हरियाणा) को लेकर बिसाऊ गया था।
वहां से लौटते वक्त पाटोदा गांव निवासी रिश्तेदार विक्रम सिंह (40) पुत्र सावर भी उन दोनों के साथ बाइक पर बैठ गया। तीनों बिसाऊ से न्योला गांव की तरफ चले। शुक्रवार शाम 7.15 बजे गांगियासर-धीरासर स्टैंड रोड (ग्रामीण सड़क) पर हादसा हो गया।

बड़ा भाई विदेश में
विक्रम सिंह का बड़ा भाई विदेश में सेटल है। मां के निधन पर अचानक उसका आना संभव नहीं हो सका। ऐसे में विक्रम सारी रस्में निभा रहा था। दो दिन बाद बारहवें की तैयारी से जुड़े काम से ही वह बिसाऊ गया था।
पुलिस ने बताया कि घटनास्थल पर शिनाख्त के लिए तलाशी ली तो तीनों के पास पहचान पत्र नहीं मिले थे। एक युवक के मोबाइल फोन पर आई कॉल के आधार पर उनकी पहचान हुई। इसके बाद परिजन को घटना के बारे में बताया।

विक्रम सिंह राजपूत का रिश्तेदार विक्रम सिंह पाटोदा गांव पंचायत में पंच था। वह सामाजिक रूप से सक्रिय रहता था। वह बारहवें के कार्यक्रम के लिए सहयोग करने आया था। हरियाणा से सुरेंद्र भी अपने मामा के यहां बाहरवें के कार्यक्रम के लिए आया था।