बिरोल में बनी किसान संघर्ष समिति, वर्षों से बसे किसानों को दिलाया जाएगा हक और अधिकार
बिरोल में बनी किसान संघर्ष समिति, वर्षों से बसे किसानों को दिलाया जाएगा हक और अधिकार

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविन्द्र पारीक
नवलगढ़ : बिरोल गांव में वर्षों से अपनी जमीन पर बसे और खेती कर रहे किसानों को उनके अधिकार दिलाने के लिए अब आवाज बुलंद की गई है। किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु गुरुवार को श्री बालाजी धर्म कांटा परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें “किसान संघर्ष समिति” के गठन की घोषणा की गई।
सरकार मंदिर माफी भूमि का हवाला देकर कर रही किसानों के अधिकारों का हनन
वार्ड पंच कामरेड हरिसिंह बुरड़क ने बताया कि अनेक किसान परिवार पीढ़ियों से अपनी जमीन पर खेती करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार इस भूमि को मंदिर माफी की जमीन बताकर उन्हें मूलभूत सुविधाओं-जैसे बिजली-पानी के कनेक्शन, केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड), पीएम किसान निधि, फसल मुआवजा एवं पट्टे जैसी आवश्यक सुविधाओं से वंचित रख रही है। इससे किसानों में भारी आक्रोश है।
संघर्ष समिति का गठन
किसानों ने एकजुट होकर “किसान संघर्ष समिति” का गठन किया, जिसमें निम्न पदाधिकारियों का चयन किया गया, समिति में सूबेदार रामलाल बुरड़क को अध्यक्ष और विजेंद्र मातवा और होशियार सिंह बुरड़क को उपाध्यक्ष चुना गया। श्रीराम बुरड़क महासचिव और रविन्द्र पाल सैनी और सांवरमल यादव संयुक्त सचिव बनाए गए। कैप्टन बजरंग लाल बुरड़क को कोषाध्यक्ष और हरिसिंह बुरड़क को स्थाई सदस्य नियुक्त किया गया।
सदस्यगण: रामावतार बुरड़क, ताराचंद बुरड़क, हरिराम यादव, झाबरमल कुमावत, मुकंदारम बुरड़क, महावीर बुरड़क, रामेश्वर यादव, किशोर मीणा, शीशराम बुरड़क, गणपत राम मातवा, सरदार बुरड़क, प्रकाश बुरड़क, विनोद बुरड़क, राजेश बुरड़क, गिरधारी बुरड़क, ओमप्रकाश बुरड़क एवं भंवरलाल मातवा।
अन्य गांवों में भी बनेगी समिति, होगा आंदोलन
महासचिव श्रीराम बुरड़क ने बताया कि नवलगढ़ तहसील के प्रत्येक गांव में इसी प्रकार की ग्रामीण संघर्ष समितियों का गठन किया जाएगा, जिससे एकजुट होकर सरकार से हक और अधिकार की मांग की जा सके। कैप्टन बजरंग लाल बुरड़क ने ऐलान किया कि अगर जल्द ही किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में नवलगढ़ उपखंड कार्यालय एवं झुंझुनूं जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर जोरदार आंदोलन किया जाएगा।
किसानों ने लिया संकल्प
बैठक में उपस्थित सभी किसानों ने एकमत होकर संघर्ष जारी रखने और एकजुटता बनाए रखने का संकल्प लिया। किसान संघर्ष समिति के गठन से क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगी है कि वर्षों से उपेक्षित किसानों को अब उनका हक और अधिकार मिलेगा।