जिसे गोमांस बताकर अरबाज-कदील-अकील को पीटा, वो भैंस का निकला:पीड़ित बोले- आरोपी 15 दिन से पीछे लगे थे, पुलिस पिटने के लिए छोड़ गई
जिसे गोमांस बताकर अरबाज-कदील-अकील को पीटा, वो भैंस का निकला:पीड़ित बोले- आरोपी 15 दिन से पीछे लगे थे, पुलिस पिटने के लिए छोड़ गई

अलीगढ़ : ‘हम फैक्ट्री से मीट खरीदकर निकले थे। ये हमारा रोज का काम है। साथ में ड्राइवर भी था। फैक्ट्री से करीब 15 किमी दूर पहुंचे थे, तभी बाइक से आए चार लोगों ने रोक लिया। पूछा कि गाड़ी में क्या है? हमने कहा- मांस है। फैक्ट्री से ला रहे हैं।’
‘हमने रसीद भी दिखाई। उन लोगों ने रसीद फाड़ दी और बोले- गाय का मांस ले जा रहे हो। फिर और लोगों को बुला लिया। हमें बहुत पीटा। उस वक्त पुलिस की गाड़ी वहां से निकली थी। हमने मदद मांगी, लेकिन पुलिसवाले बिना मदद किए निकल गए।’
UP में अलीगढ़ के अतरौली के रहने वाले अकील फिलहाल हॉस्पिटल में हैं। बगल वाले वॉर्ड में उनके चचेरे भाई कदीम और अरबाज का इलाज चल रहा है। पूरे शरीर पर चोटों के निशान हैं। तीनों भाई और ड्राइवर मुन्ना खान को 24 मई की सुबह भीड़ ने गोमांस ले जाने के शक में बुरी तरह पीटा।
अकील, कदीम और अरबाज की अतरौली में मीट की दुकानें हैं। मीट लाने के लिए तीनों रोज सुबह अलीगढ़ के अलहदादपुर में अल-अम्मार फ्रोजन फूड मीट फैक्ट्री जाते हैं। 24 मई को मीट लेकर फैक्ट्री से लौट रहे थे। घटना के बाद पुलिस ने तीनों पर गोवध निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। हालांकि, 27 मई को आई फोरेंसिक रिपोर्ट में साफ हो गया कि मांस गाय का नहीं, बल्कि भैंस का था।
‘2 लाख रुपए मांगे, फोन-पैसे छीन लिए, लगा आज मरने वाले हैं’ अकील, कदीम, अरबाज और मुन्ना अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एडमिट हैं। हम मेडिकल कॉलेज पहुंचे और पहले अकील से मिले। पिटाई में उनके सिर में जख्म हो गया था, इसलिए टांके लगे हैं।
हमने अकील से पूछा- उस दिन क्या हुआ था? वे बताते हैं, ‘हम रोज भैंस का ही मीट लाते हैं। इसके लिए मुन्ना खान की पिकअप गाड़ी भाड़े पर बुक कर रखी है। 24 मई को हम फैक्ट्री से मीट लेकर अतरौली लौट रहे थे। सुबह करीब 8:30 बजे हरदुआगंज थाने के पास दो बाइक वालों ने हमें रोक लिया। पूछा कि क्या ले जा रहे हो।’
‘हमने उन्हें बताया है कि गाड़ी में मीट है। फैक्ट्री से मिलने वाली स्लिप भी दिखाई। तब तक और लोग आ गए। उन्होंने स्लिप फाड़ दी और हमें मारने लगे। वे हमें गालियां दे रहे थे। कह रहे थे कि मारो इन्हें, गाय का मांस ले जा रहे हैं। उनमें से एक ने हमसे 2 लाख रुपए मांगे। हमारे पैसे और मोबाइल छीन लिए।’
अकील के भाई कदीम अब भी डरे हुए हैं। वे कहते हैं-
भीड़ हमें पीट रही थी, तभी पुलिस की गाड़ी आई थी। हमने मदद मांगी, लेकिन वे हमें छोड़कर चले गए। भीड़ में शामिल लोग जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। उस दिन लगा कि हम जिंदा नहीं बच पाएंगे।
ड्राइवर मुन्ना बोले- मजदूरी कर लूंगा, अब गाड़ी नहीं चलाऊंगा अकील, कदीम और अरबाज के साथ मौजूद ड्राइवर मुन्ना खान किराए पर गाड़ी चलाते हैं। परिवार में पत्नी, 3 बेटियां और एक बेटा है। मुन्ना इतना डरे हुए हैं कि अब कभी गाड़ी नहीं चलाना चाहते।
वे कहते हैं, ‘भीड़ में शामिल लोग मुझे भी पीटने लगे। मैंने कहा कि मैं तो ड्राइवर हूं, मैं मांस नहीं बेचता। किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। बुरी तरह मारते रहे। उस दिन जैसे-तैसे जान बच गई। अब कभी गाड़ी नहीं चलाऊंगा। परिवार चलाने के लिए मजदूरी कर लूंगा, लेकिन गाड़ी अब नहीं चलेगी।’
दावा- मीट कारोबारी डरे, दुकानें नहीं खोल रहे 32 साल के कदीम बताते हैं, ‘हमारे साथ ये घटना हुई है, तब से अतरौली में मीट बेचने वाले डरे हुए हैं। वे दुकानें नहीं खोल रहे हैं।’
कदीम कहते हैं, ‘हमारी दुकान से सभी धर्म के लोग मीट खरीदते हैं, लेकिन बेचने वाले से दिक्कत है। खाने में धर्म भ्रष्ट नहीं होता, कोई बेचे तो धर्म भ्रष्ट होने लगता है।’
‘BJP की सरकार आने से पहले सबके अपने बूचड़खाने थे। अब कानून है कि फैक्ट्री से लाकर मीट बेचना है। फैक्ट्री से मीट लाने पर हमें सुरक्षा नहीं मिलती। इसीलिए ऐसी घटना होती है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुरक्षा के इंतजाम करे।’
‘15 दिन पहले भी रोका था, तभी से नजर रख रहे थे’ अकील और कदीम के चचेरे भाई अरबाज बताते हैं, ‘ये पहली घटना नहीं है। 15 दिन पहले भी इन्हीं लोगों ने हमारी गाड़ी रोकी थी। तब पुलिस आ गई थी। हमारे पास सारे कागज थे। हमने फैक्ट्री के लोगों को भी बुलाया। जांच के बाद हमें छोड़ दिया। उन्हीं लोगों ने हमें फिर रोका। वे कह रहे थे कि तुम लोगों का इंतजार था कि इस रास्ते से कब आओगे।’

‘पुलिस की जिप्सी आई, लेकिन छोड़कर चली गई’
अरबाज बताते हैं, ‘हमारे साथ मारपीट हो रही थी, तब 112 नंबर वाली जिप्सी आई थी। हमने पुलिसवालों से कहा कि सर हमें बचा लो, ये लोग हमें मार देंगे। हम बचने के लिए जिप्सी में बैठ गए। पुलिसवालों ने जबरन बाहर निकाल दिया। भीड़ ने हमें जिप्सी से खींच लिया और जंगलों में ले गए। वहां बुरी तरह मारा।’

अरबाज आरोप लगाते हैं कि जिप्सी जाने के बाद करीब 45 मिनट बाद पुलिस आई। पुलिसवालों ने फायर किया, तब भीड़ ने हमें छोड़ा। पुलिस हमें थाने ले गई, बाद में इलाज कराया। भीड़ ने हमारा फोन छीन लिया था, इसलिए परिवार को कुछ बता नहीं पाए। पुलिस के नंबर से कॉल करके फैमिली को बुलाया।
SP बोले- पुलिस टीम कहीं और जा रही थी, इसलिए नहीं रुकी
अरबाज के आरोपों पर हमने अलीगढ़ के SP (रूरल) अमृत जैन से बात की। वे कहते हैं, ‘112 नंबर की गाड़ी लखनऊ से कंट्रोल होती है। उनके पास घटना की सूचना आती है, वे उसी पर कार्रवाई करते हैं। घटना वाले दिन ये गाड़ी किसी और इवेंट पर जा रही थी।’
‘शुरुआत में वहां मारपीट नहीं हो रही थी। चारों पीड़ित गाड़ी में बैठ गए, तो पुलिसवालों ने समझाया कि हमें दूसरी जगह जाना है। अगर हालात का अंदाजा होता, तो पहले ही मदद की जाती। 20 मिनट बाद वही गाड़ी वापस आ रही थी, तब देखा कि मारपीट हो रही है। उन्होंने पीड़ितों को बचाया। भीड़ ज्यादा थी, 112 नंबर वाली गाड़ी में एक ड्राइवर और एक कॉन्स्टेबल ही थे। उन्होंने हमें कॉल करके बताया।’

आरोपी 10-12 दिन से हमले की फिराक में थे अमृत जैन आगे बताते हैं कि वीडियो में मारपीट करते दिख रहे लोगों पर FIR की गई है। पकड़े गए 4 लोगों ने बताया है कि लोगों को बुलाने के लिए किसने और किसे कॉल की। इसी आधार पर जांच की जा रही है।
वे बताते हैं ‘15 दिन पहले भी हमें इनपुट मिला था कि गाड़ी में गाय का मांस ले जाया जा रहा है। हमने गाड़ी रोककर जांच की, तो सब सही पाया गया। उस वक्त मौजूद और 24 मई की घटना में शामिल कुछ लोग कॉमन हैं।’
38 लोगों पर केस दर्ज, 4 अरेस्ट इस मामले में पुलिस ने 38 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें विजय कुमार गुप्ता, विजय बजरंगी, लवकुश और एक और शख्स को अरेस्ट किया गया है। बाकी आरोपी फरार हैं। हरदुआगंज के रहने वाले विजय बजरंगी ने अकील, कदीम, अरबाज और ड्राइवर मुन्ना खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
इसमें आरोप लगाया गया है कि गोमांस की सूचना पर हमने गाड़ी का पीछा किया। अलहदादपुर स्टेडियम के पास गाड़ी रोकने का इशारा किया। ड्राइवर ने हमें कुचलने की कोशिश की। हमारी बाइक खाई में गिर गई। मीट ले जा रही गाड़ी भी पलट गई।
FIR में BJYM नेता का नाम, बोले- हम तो मदद करने गए थे पीड़ितों ने 13 नामजद और 20–25 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इनमें शामिल रामकुमार आर्य पहले विश्व हिंदू परिषद से जुड़ा रहा है। वो विभाग मंत्री था। रामकुमार ने 8 फरवरी, 2020 को पारिवारिक विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाई थी। इसमें मारपीट हो गई। विवाद के बाद संगठन के प्रांत मंत्री रहे राजीव सिंह ने रामकुमार को संगठन से बाहर कर दिया था।
एक और आरोपी अर्जुन सिंह भारतीय जनता युवा मोर्चा में है। हमने अर्जुन सिंह से फोन पर बात की। वे 2015 से 2020 तक अलहदादपुर के प्रधान रहे हैं। घटना वाले दिन के बारे में अर्जुन बताते हैं, ‘मेरे पास अफसरों के कई कॉल आए। 11:10 बजे मैं मौके पर पहुंचा। तब तक सब खत्म हो चुका था।’
हमने इस मसले पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट धर्मवीर सिंह लोधी से बात की। अर्जुन सिंह की तरह वे भी दावा करते हैं कि पुलिस अधिकारियों ने फोन करके संगठन के पदाधिकारियों को मदद के लिए बुलाया था।
धर्मवीर सिंह कहते हैं, ‘ADM (प्रशासन) पंकज कुमार ने हमारे पदाधिकारी और अलहदादपुर के पूर्व प्रधान अर्जुन सिंह भोलू को सुबह करीब 10 बजे फोन किया था। उन्होंने बताया कि भीड़ बहुत है, जाम लग गया है। अगर आप लोग टीम के साथ आएंगे, तो मदद मिल जाएगी। शाम होते-होते पता नहीं क्या हुआ कि मदद करने वालों के खिलाफ भी FIR कर दी गई।’
धर्मवीर सिंह लोधी आगे कहते हैं, ‘पुलिस ने माना है कि किसी गलतफहमी की वजह से भारतीय जनता युवा मोर्चा का नाम आ गया है।’
धर्मवीर सिंह के दावों पर SP (रूरल) अमृत जैन कहते हैं, ‘पुलिस को जो वीडियो मिले हैं, उनमें आखिरी वक्त के वीडियो ज्यादा थे। भीड़ में जो दिखा, उस पर FIR करा दी गई। हमने शुरुआत के वीडियो खोजे, तो पता लगा कि कई लोग बाद में मदद के लिए आए थे। इसमें प्रधान और कुछ प्रभावशाली लोग थे। समाजवादी पार्टी, BJP और बाकी दलों के लोग भी मदद के लिए पहुंचे थे।’
बजरंग दल के पदाधिकारी बोले- हमारे सदस्य शामिल नहीं पीड़ितों ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर भी पिटाई का आरोप लगाया है। इस पर हमने बजरंग दल के अलीगढ़ महानगर संयोजक अंकुर शिवाजी से बात की। वे दावा करते हैं कि आरोपी स्थानीय गोरक्षक हैं। आरोपियों से बजरंग दल या विश्व हिंदू परिषद का कोई लेना-देना नहीं है।’
अंकुर शिवाजी आगे कहते हैं, ‘इस घटना के बाद वॉट्सएप ग्रुप में वीडियो आए थे। हमने तुरंत मीटिंग बुलाई और कार्यकर्ताओं से कहा कि कोई इसमें शामिल न हो। हम इस घटना का समर्थन नहीं करते हैं।