दौलतपुरा में श्मशान भूमि को लेकर विवाद गहराया:ग्रामवासियों का प्रदर्शन, प्रशासन ने कर दी है भूमि निरस्त
दौलतपुरा में श्मशान भूमि को लेकर विवाद गहराया:ग्रामवासियों का प्रदर्शन, प्रशासन ने कर दी है भूमि निरस्त

झुंझुनूं : चुड़ैला दौलतपुरा गांव में श्मशान भूमि को लेकर जारी विवाद ने जोर पकड़ लिया है। ग्राम पंचायत चुड़ैला के राजस्व ग्राम दौलतपुरा में श्मशान घाट की भूमि को यथावत बनाए रखने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा पहले विधिवत आवंटित की गई श्मशान भूमि का आदेश अचानक निरस्त करना जनभावनाओं और पारंपरिक मान्यताओं का अपमान है।
यह श्मशान घाट पिछले 130 वर्षों से जाट और मेघवाल समाज के लोग अंतिम संस्कार के लिए उपयोग में ला रहे हैं। इस भूमि पर लगभग 250 से 300 पेड़, दो पानी की टंकियां, एक टीन शेड और चारदीवारी भी मौजूद है, जिससे यह स्थल एक सुव्यवस्थित और सम्मानजनक श्मशान घाट के रूप में जाना जाता है।
ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित ग्राम सभा में इस मुद्दे पर सर्वसम्मति से निर्णय लेकर श्मशान भूमि को यथावत बनाए रखने की मांग की गई थी। प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत तहसीलदार, गिरदावर और पटवारी द्वारा प्रस्ताव तैयार कर उपखंड अधिकारी मलसीसर को भेजा गया था। उपखंड अधिकारी की संस्तुति और पंचायत प्रस्ताव के आधार पर जिला कलेक्टर द्वारा श्मशान भूमि का विधिवत आवंटन भी कर दिया गया था।
हालांकि, बाद में ग्राम की आबादी के मात्र 5 प्रतिशत हिस्से वाले एक विशेष समाज ने इस फैसले का विरोध किया। उनके विरोध के आधार पर प्रशासन ने पुनः जांच करवाई और उसके बाद कलेक्टर ने पहले जारी किए गए आदेश को निरस्त कर दिया। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
प्रदर्शन के दौरान ग्राम पंचायत चुड़ैला के सरपंच राजीव चौधरी ने प्रशासन के निर्णय को ‘ग्रामवासियों की भावनाओं के विरुद्ध’ बताया। उन्होंने कहा कि यह श्मशान घाट सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि 130 वर्षों की परंपरा और ग्राम की सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने ग्रामीणों की मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया, तो ग्रामवासी बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
राजीव चौधरी ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले की पुनः समीक्षा करें और श्मशान भूमि को पूर्व की स्थिति में बहाल करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राम पंचायत इस मुद्दे पर किसी भी स्थिति में पीछे नहीं हटेगी।