सीकर में करमैती बाई का पैनोरमा बनकर तैयार:जोधपुर के लाल पत्थरों से हुआ निर्माण, 10 जून को होगा उद्घाटन
सीकर में करमैती बाई का पैनोरमा बनकर तैयार:जोधपुर के लाल पत्थरों से हुआ निर्माण, 10 जून को होगा उद्घाटन

सीकर : शेखावाटी की मीरा के नाम से विख्यात करमैती बाई का पैनोरमा सीकर जिले के खंडेला कस्बे में बनकर तैयार हो गया है। 10 जून को धरोहर प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत इसका शुभारंभ करेंगे। उदयपुरवाटी रोड पर बने इस स्मारक में करमैती बाई की ऊंट पर विराजमान मूर्ति और देवी-देवताओं की आकर्षक चित्रकारी सैलानियों को मोहित करेगी।
सवा करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से निर्मित इस पैनोरमा में जोधपुर के लाल पत्थर का उपयोग किया गया है, जिसे बांदीकुई के 11 कारीगरों ने बखूबी तराशा। खंडेला के ब्रह्मपुरी मोहल्ले में करमैती बाई का जन्मस्थान और पुराना मंदिर आज भी मौजूद है। उनके पिता परशुराम राजपुरोहित थे। 12 साल की आयु में उनका विवाह जयपुर के जोशी परिवार में हुआ, लेकिन श्रीकृष्ण की परम भक्त करमैती ने ससुराल जाने से मना कर दिया।
परिवार के दबाव के बावजूद वे अपनी भक्ति पर अडिग रहीं। एक बार कमरे में बंद करने पर भी रात में दरवाजा चमत्कारिक रूप से खुल गया और वे वृंदावन चली गईं। पीछा होने पर वे एक मरे हुए ऊंट के कंकाल में छिप गईं, जिसे अब जोहड़ी के नाम से जाना जाता है। बाद में साधु-संतों के साथ हरिद्वार और फिर वृंदावन पहुंचकर उन्होंने श्रीकृष्ण भक्ति में जीवन समर्पित कर दिया।
यह स्मारक करमैती बाई के जीवन और भक्ति को दर्शाता है। प्राधिकरण अध्यक्ष लखावत और रेवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज की देखरेख में तैयार इस पैनोरमा से न केवल करमैती बाई की भक्ति की गाथा लोगों तक पहुंचेगी, बल्कि खंडेला में पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। 10 जून से यह स्मारक आम लोगों के लिए खुल जाएगा, जिससे शेखावाटी की इस महान संत की विरासत को जानने का अवसर मिलेगा।