बीजेपी विधायक कंवरलाल की विधायकी खत्म:विधानसभा ने सदस्यता खत्म करने की अधिसूचना जारी की, 8 साल में दूसरे विधायक
बीजेपी विधायक कंवरलाल की विधायकी खत्म:विधानसभा ने सदस्यता खत्म करने की अधिसूचना जारी की, 8 साल में दूसरे विधायक

जयपुर : एसडीएम पर पिस्टल तानने के मामले में 3 साल की सजा पाने वाले बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता खत्म कर दी गई है। विधानसभा ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। अंता सीट पर उपचुनाव होंगे या नहीं, यह सुप्रीम काेर्ट में कंवरलाल द्वारा लगाई गई रिव्यू पिटीशन पर फैसले के बाद तय होगा। कंवरलाल की विधायकी 1 मई से खत्म मानी जाएगी। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कंवरलाल की विधायकी के बारे में फैसला करने को लेकर राज्य के महाधिवक्ता और सीनियर वकीलों से कानूनी राय मांगी थी।
आज ही महाधिवक्ता ने कानूनी राय भेजी थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया था कि फिलहाल विधायकी खत्म करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बताया जाता है कि स्पीकर को एजी और सीनियर वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर कंवरलाल की विधायकी खत्म करने के बारे में ही राय दी है।

दो दिन पहले कोर्ट में सरेंडर किया था, कंवरलाल जेल में कंवरलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट में सजा स्थगित करने की याचिका लगाई थी, जो खारिज हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में सरेंडर करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद 21 मई को कंवरलाल ने अकलेरा कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया। कंवरलाल अभी जेल में हैं।
सजा पर रोक नहीं लगने से विधायकी खत्म करने के अलावा विकल्प नहीं विधानसभा सचिवालय ने कंवरलाल को नोटिस जारी कर 7 मई तक जवाब मांगा था। इसमें सजा पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिली या नहीं, इस पर जवाब देना था। कंवरलाल की सजा सुप्रीम कोर्ट ने भी स्थगित नहीं की, इसलिए अब स्पीकर के पास विधायकी खत्म करने पर फैसला करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। विधानसभा में अब 199 विधायक हैं। अंता सीट खाली हो गई है।
डोटासरा बोले- आखिर में जीत सत्य की हुई कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने लिखा- कोर्ट के आदेश के 23 दिन बाद भी भाजपा के सजायाफ्ता विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रद्द नहीं की गई। उन्होंने एक अभियुक्त को बचाने के लिए न सिर्फ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया बल्कि संवैधानिक प्रावधानों एवं कोर्ट के आदेश की अवहेलना की, लेकिन अंतत: जीत सत्य की हुई।
जूली बोले- लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा की जीत नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- आज सत्य की जीत हुई है। संविधान की जीत हुई है। जिस संविधान की पालना पहले ही दिन हो जानी चाहिए, इसकी पालना करते-करते इन लोगों ने 23 दिन लगा दिए।
कानून के अनुसार जब किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जानी चाहिए। हालांकि राजस्थान में भाजपा विधायक कंवरलाल को तीन साल की सजा होने के बाद भी कोर्ट के आदेश के 23 दिन बाद तक, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सदस्यता रद्द नहीं की गई। यह न केवल संविधान की अवहेलना थी, बल्कि न्याय व्यवस्था का खुला अपमान भी।
कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को बार-बार ज्ञापन सौंपे, लेकिन भाजपा सरकार ने टालमटोल की नीति अपनाई। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों और संवैधानिक व्यवस्था के विरुद्ध था। आखिरकार आज सत्य की जीत हुई है। कंवरलाल की सदस्यता रद्द कर दी गई। यह निर्णय दर्शाता है कि भारत में संविधान और कानून ही सर्वोपरि है।
देवनानी बोले- मैं दबाव में काम नहीं करता कंवरलाल मीणा की मेंबरशिप खत्म करने के बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा महाधिवक्ता की राय शुक्रवार को 10:30 बजे मिलते ही विधायक कंवरलाल की सदस्यता खत्म कर दी गई। मैं किसी भी दबाव में काम नहीं करता। इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। कंवरलाल के मामले में कोर्ट का फैसला आते ही महाधिवक्ता की राय के लिए भेज दिया था। संविधान के आर्टिकल 177 में महाधिवक्ता को राय देने का अधिकार होता है।
8 साल पहले बसपा MLA की सदस्यता गई थी आठ साल पहले बसपा के तत्कालीन विधायक बीएल कुशवाह को हत्या के मामले में उम्रकैद होने के बाद विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। बाद में धौलपुर सीट पर 2017 में उपचुनाव हुए। बीएल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीतीं।
चुनाव आयोग उपचुनाव पर फैसला करेगा कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की सूचना चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। चुनाव आयोग सीट खाली होने की घोषणा करके उपचुनाव करवाने पर फैसला करेगा। किसी विधायक की सीट खाली होने पर 6 महीने के भीतर चुनाव करवाना अनिवार्य होता है। अंता सीट पर अक्टूबर से पहले चुनाव करवाना होगा।
सजा कम हो गई तो उपचुनाव नहीं होंगे कंवरलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन याचिका दायर कर रखी है। सुप्रीम कोर्ट में 24 मई से समर वेकेशन हो रहा है। अब 15 जुलाई के बाद ही रिवीजन याचिका पर सुनवाई होगी। अगर कंवरलाल की सजा स्थगित हो जाती है या कम हो जाती है तो उपचुनाव नहीं होंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, उधर स्पीकर ने मेंबरशिप खत्म की कंवरलाल के मामले में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने फैसला करने में 21 दिन से ज्यादा का समय लगा दिया। कांग्रेस लगातार स्पीकर पर हमलावर थी। दो दिन पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर को ज्ञापन देकर कंवरलाल की विधायकी खत्म करने की मांग उठाई।
कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 23 मई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, कोर्ट ने उस याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए तारीख तय कर दी। हाईकोर्ट में याचिका लगने के साथ ही स्पीकर ने कंवरलाल की विधायकी खत्म करने पर फैसला कर दिया।