बड़ागांव पंचायत में 11 विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा:बिना काम कराए 8.83 लाख रुपए निकाले, जांच में सरपंच समेत तीन अधिकारी दोषी
बड़ागांव पंचायत में 11 विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा:बिना काम कराए 8.83 लाख रुपए निकाले, जांच में सरपंच समेत तीन अधिकारी दोषी
उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी की ग्राम पंचायत बड़ागांव में विकास कार्यों के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। पंचायत में 11 विकास कार्यों के लिए फर्जी निविदाएं जारी की गईं। निविदा प्रक्रिया के मात्र दो-तीन दिनों में ही बिना कोई काम कराए और रिकॉर्ड में एंट्री किए 8.83 लाख रुपए निकाल लिए गए।
मामले में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जांच टीम गठित की गई थी। जांच टीम में जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास, एक्स ईएन सतीश यादव और वरिष्ठ लेखाधिकारी महेंद्र कुमार को शामिल किया गया।
तकनीकी अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना ही निविदा अपलोड
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में बड़ागांव के सरपंच संतोष, ग्राम विकास अधिकारी मुकेश कुमार और पंचायत समिति के सहायक लेखाधिकारी नागरमल को टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता का दोषी पाया है। 8.83 लाख रुपए के गबन के लिए विशेष रूप से सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जांच में पाया गया कि उपापन समिति के नियमों का उल्लंघन किया गया। नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, लेखाधिकारी और तकनीकी अधिकारी – सभी चार सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है। लेकिन यहां तकनीकी अधिकारी की अनुपस्थिति में ही निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई। तकनीकी अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना ही निविदा अपलोड कर दी गई, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
तकनीकी बिड में असफल फर्म को किया शामिल
जांच समिति के मुताबिक निविदा में एनके कंस्ट्रक्शन कंपनी और निखिल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ऑनलाइन ई-प्राक के माध्यम से ऑन लाइन करके ग्राम पंचायत पर निविदाएं जमा करवाई। उपापन समिति ने दोनों फर्मों को तकनीकी बिड में शामिल किया, जबकि एनके कंस्ट्रक्शन कंपनी ने सिविल कार्य करने का लाइसेंस व दो साल के अनुभव की कॉपी आदि अपलोड नहीं किए थे। उसके बावजूद भी इस फर्म को सफल घोषित किया गया जो नियमों के विपरीत है। जांच अधिकारियों ने उपापन समिति के तीनों सदस्यों को इसके लिए दोषी माना है।
कार्य किए बिना 8.83 लाख रुपए का कर दिया भुगतान
ग्राम पंचायत द्वारा 1 अप्रैल को ऑन लाइन निविदा खोलकर वर्क ऑर्डर जारी किए थे। 3 जनवरी को 6 कार्यों के बदले 6,25,600 रुपए का भुगतान भी कर दिया। सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी ने दो दिन बाद यानि 5 मई को 4 अन्य कार्यों के बदले 2,57,600 रुपए का और भुगतान कर दिया। जांच समिति के मुताबिक बिना एमबी भरे सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी ने 8,83,200 रुपए का भुगतान फर्म को कर दिया जो अनियमित भुगतान और गबन की श्रेणी में आता है। जिसके लिए सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी दोषी है।
प्रोसेसिंग शुल्क जमा नहीं करवाया
निविदा प्रस्तुत करने वाले संवेदकों से निविदा कॉपी के 11 कार्यों के बदले 2200 रुपए जमा ले लिए जो नियमानुसार है, लेकिन आरआईएसएल प्रोसेसिंग शुल्क 11 कार्यों के बदले 5500 रुपए की जगह 500 रुपए ही जमा करवाए जो नियमानुसार नहीं है। इस प्रकार दोनों फर्मों से 11000 की जगह महज एक हजार रुपए ही जमा लिए गए जो नियमानुसार नहीं है।
मामले में झुंझुनू जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास ने बताया- ग्राम पंचायत बड़ागांव की निविदा में अनियमितताओं की जांच हमने पूरी करके जांच रिपोर्ट मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद झुंझुनूं को सौंप दी है। अब संबंधित दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।