पिलानी में मंदिर माफी भूमि को लेकर विवाद:आरोप-आपत्तियों के बावजूद 57 बीघा जमीन का रूपांतरण मंजूर हुआ, विजिलेंस जांच शुरू
पिलानी में मंदिर माफी भूमि को लेकर विवाद:आरोप-आपत्तियों के बावजूद 57 बीघा जमीन का रूपांतरण मंजूर हुआ, विजिलेंस जांच शुरू

पिलानी : पिलानी में विद्याविहार नगरपालिका क्षेत्र में मंदिर माफी भूमि को लेकर विवाद तेज हो गया है। आरोप है कि सीरी कैंपस के पीछे स्थित 57 बीघा देव भूमि के 90-ए रूपांतरण को बिना आपत्तियों का निस्तारण किए मंजूरी दे दी गई। स्थानीय निकाय विभाग के सहायक निदेशक (सतर्कता) विनीत कुमार सुखाड़िया ने नगरपालिका पहुंचकर मामले की जांच की। उन्होंने पत्रावली की जांच के साथ आपत्तिकर्ताओं से मुलाकात की और विवादित भूमि का निरीक्षण किया।
यह भूमि श्री रघुनाथ मंदिर से जुड़ी है। रघुनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्य छोटेलाल वर्मा, देवी सिंह और विद्याविहार नगर पालिका के 4 पार्षदों ने रूपांतरण के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराई हैं। आपत्तिकर्ताओं का कहना है कि यह आस्था से जुड़ी संपत्ति है। उनका आरोप है कि भू माफिया मंदिर पुजारी के साथ मिलकर इसे हथियाना चाहते हैं।
मामले में जिला कलेक्टर की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। नियमों के विपरीत 22 अप्रैल को झुंझुनू नगर परिषद के एईएन अनिल चौधरी को कार्यवाहक ईओ नियुक्त किया गया। चौधरी ने नियुक्ति के दो दिन के भीतर ही 90-ए रूपांतरण की मंजूरी जारी कर दी। इस कार्रवाई को लेकर भ्रष्टाचार और सांठगांठ के आरोप लग रहे हैं।
सहायक निदेशक (सतर्कता) विनीत कुमार सुखाड़िया ने कहा कि लैंड कन्वर्जन के इस मामले में अनियमितता हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया, कानूनी स्थिति का अवलोकन नहीं किया गया और आपत्तिकर्ताओं को भी नहीं सुना गया। साथ ही सार्वजनिक सूचना को सीमित पहुंच वाले समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया। यह सब प्रक्रिया के विपरीत है और जांच का विषय बनता है।
जांच के दौरान उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब आपत्तिकर्ता देवी सिंह ने अनिल चौधरी पर पूर्व में भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने की बात कही। इस पर चौधरी ने जवाब दिया कि भगत सिंह भी तो जेल गए थे। इस टिप्पणी पर वहां मौजूद लोगों ने नाराजगी जताई और दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई।