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झुंझुनूं में ‘गिवअप अभियान’ की धीमी रफ्तार:अपात्रों के नाम हटाने में लग रहा लंबा समय; पांच महीनों में केवल 55 फीसदी नाम हटे


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झुंझुनूं में ‘गिवअप अभियान’ की धीमी रफ्तार:अपात्रों के नाम हटाने में लग रहा लंबा समय; पांच महीनों में केवल 55 फीसदी नाम हटे

झुंझुनूं में 'गिवअप अभियान' की धीमी रफ्तार:अपात्रों के नाम हटाने में लग रहा लंबा समय; पांच महीनों में केवल 55 फीसदी नाम हटे

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘गिवअप अभियान’ अपेक्षित गति नहीं पकड़ पा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य अपात्र लाभार्थियों को स्वेच्छा से अपने राशन कार्ड से नाम हटवाने के लिए प्रेरित करना है, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंच सके। हालांकि बीते पांच महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो नाम हटाने की प्रक्रिया काफी धीमी नजर आ रही है।

जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने बताया- सभी ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों की गहन जांच की जा रही है। जो भी व्यक्ति अपात्र पाया जाता है, उसे लाभार्थी सूची से हटाने की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया में दस्तावेजों का सत्यापन, स्थानीय स्तर पर जांच और विभिन्न स्तरों पर अनुमोदन जैसी कई तकनीकी चरण शामिल होते हैं, जिसके कारण इसमें थोड़ा समय लग रहा है। हालांकि, विभाग इस दिशा में पूरी गंभीरता के साथ काम कर रहा है।

डॉ. राठौड़ ने कहा-इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक और पात्र लाभार्थियों तक ही पहुंचे। उन्होंने ‘गिवअप अभियान’ के तहत स्वयं आगे आकर नाम हटवाने की लोगों की पहल को सराहनीय बताया, लेकिन साथ ही इस प्रक्रिया को और अधिक तेज करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

पांच महीनों में कुल 3,508 अपात्र आए सामने

जिला रसद कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन पांच महीनों में कुल 3,508 राशन कार्ड धारकों ने ऑनलाइन आवेदन कर अपने या अपने परिवार के सदस्यों के नाम लाभार्थी सूची से हटाने की इच्छा जताई थी। लेकिन विभागीय कार्रवाई अब तक केवल 1,964 राशन कार्डों पर ही पूरी हो पाई है। इन हटाए गए राशन कार्डों से कुल 8,838 लोगों के नाम कम किए गए हैं, जो प्राप्त कुल आवेदनों का महज 55 प्रतिशत है।

जिले में ‘गिवअप अभियान’ की प्रगति सभी क्षेत्रों में एक समान नहीं रही है। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अपेक्षाकृत बेहतर काम हुआ है, वहीं शहरी इलाकों में इसकी गति काफी धीमी दिखाई दे रही है। शहरी क्षेत्रों में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन बगड़ शहरी क्षेत्र का रहा है। यहां कुल 14 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन विभागीय कार्रवाई में अब तक केवल 2 ही नाम हटाए जा सके हैं। यह सफलता दर मात्र 14 प्रतिशत है।

मंडावा ग्रामीण क्षेत्र अव्वल

मंडावा ग्रामीण क्षेत्र में अभियान ने संतोषजनक प्रगति दिखाई है। यहां 190 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 133 राशन कार्ड धारकों के नाम हटा दिए गए हैं। लगभग 70 प्रतिशत की सफलता दर के साथ यह क्षेत्र जिले में सबसे आगे है।

:झुंझुनूं शहरी क्षेत्र में 144 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से केवल 34 राशन कार्डों से नाम हटाए गए। वहीं, झुंझुनूं ग्रामीण क्षेत्र में 341 आवेदनों में से 237 राशन कार्डों से नाम हटाने में सफलता मिली है। झुंझुनूं ग्रामीण क्षेत्र की प्रगति भी लगभग 70 प्रतिशत है, जो जिला स्तर पर बेहतर मानी जा रही है।

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