ग्राम पंचायतों को पिलानी में शामिल करने का विरोध:बोले- चिड़ावा से हमारा सामाजिक जुड़ाव, निर्णय से पहले पंचायतों से भी पूछें
ग्राम पंचायतों को पिलानी में शामिल करने का विरोध:बोले- चिड़ावा से हमारा सामाजिक जुड़ाव, निर्णय से पहले पंचायतों से भी पूछें

झुंझुनूं : लांबा और नवगठित नालवा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर सोमवार को प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों की प्रमुख मांग थी कि उनकी पंचायतों को चिड़ावा पंचायत समिति में यथावत रखा जाए और पिलानी पंचायत समिति में शामिल करने के प्रस्ताव को रद्द किया जाए।
ग्रामीणों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चिड़ावा से उनका वर्षों पुराना प्रशासनिक और सामाजिक जुड़ाव है, और वहां से पंचायत संबंधी कार्यों का संचालन करना उनके लिए सहज और सुविधाजनक है। वहीं पिलानी पंचायत समिति में शामिल होने पर उन्हें दूर की यात्रा करनी पड़ेगी और प्रशासनिक कार्यों में अनावश्यक समय व संसाधनों की बर्बादी होगी।
नालवा ग्राम पंचायत के ग्रामीण भरत लाल नूनिया ने कहा, “हमारा गांव शुरू से ही चिड़ावा पंचायत समिति के अधीन रहा है। सभी सरकारी कामकाज, स्कूल, अस्पताल और अन्य सेवाएं चिड़ावा से ही जुड़े हैं। यदि हमें पिलानी में जोड़ दिया गया तो ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।”
वहीं, लांबा गांव के ग्रामीण सुरेश डांगी ने कहा, “चिड़ावा हमारे लिए नजदीक और सुगम है। पिलानी की दूरी और वहां के प्रशासनिक कामों में देरी से ग्रामीणों को परेशानी होगी। हमारा स्पष्ट आग्रह है कि हमारी पंचायतों को चिड़ावा में ही रखा जाए।”
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार का प्रशासनिक निर्णय लेने से पहले संबंधित पंचायतों की राय ली जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ग्रामीणों को असुविधा का सामना न करना पड़े। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर अपनी नाराजगी जताई और प्रशासन से पुनर्विचार की मांग की।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने यह भी लिखा कि नालवा एक नवगठित ग्राम पंचायत है, जो अभी विकास की प्राथमिक अवस्था में है। यदि इसे ऐसी पंचायत समिति में जोड़ा गया जहां से जुड़ाव कम है, तो इसके समुचित विकास में बाधा आएगी।