भारत के डिफेंस सिस्टम से पाक के ड्रोन निष्क्रिय:पाकिस्तान की उत्तरलाई एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश नाकाम, रात भर गूंजा सायरन, ब्लैकआउट
भारत के डिफेंस सिस्टम से पाक के ड्रोन निष्क्रिय:पाकिस्तान की उत्तरलाई एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश नाकाम, रात भर गूंजा सायरन, ब्लैकआउट

बाड़मेर : भारत-पाक के बीच हमले के बाद गुरुवार रात 9 बजे बाड़मेर में भी रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। कलेक्टर टीना डाबी की ओर से संपूर्ण ब्लैकआउट करने के साथ रेड अलर्ट जारी किया और आमजन से घरों में रहने के साथ ही सभी तरह की लाइट बंद रखने की अपील की।
रातभर शहर में सायरन गूंजते रहे। वहीं आसमान में भारतीय फाइटर प्लेन की गूंज सुनाई दी। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन व मिसाइलों से भारत के उत्तरलाई समेत 15 शहरों पर हमले का प्रयास किया। भारत की ओर एस-400 डिफेंस सिस्टम से पाकिस्तानी हमले को नाकाम किया।
बॉर्डर इलाके के बाड़मेर में सेना, पुलिस, बीएसएफ समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर है। बॉर्डर पर बीएसएफ के जवानों ने गश्ती बढ़ा दी है। प्रशासन की ओर से बॉर्डर के गांवों सहित बाड़मेर जिले के सभी छोटे-बड़े शहरों में दूसरे दिन गुरुवार को भी ब्लैकआउट किया। बुधवार रात को 8 से 8.15 बजे तक, फिर रात 12 से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट रहा। गुरुवार को रात 9 से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट रहा।
स्कूलों में छुट्टियां, कार्मिकों के मुख्यालय छोड़ने पर प्रतिबंध
कलेक्टर टीना डाबी ने सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज में आगामी आदेश तक छुट्टियां कर दी है। स्कूलों में नया आदेश जारी नहीं हो तब तक अवकाश रहेगा। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों को पालना के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने वर्तमान परिस्थतियों को देखते हुए आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश एवं मुख्यालय छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सभी विभागों के अवकाश रद्द कर दिए है। जो कार्मिक अवकाश पर है, उन्हें ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए है। इधर, सभी डॉक्टरों, नर्सिंग कर्मियों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को बिना सक्षम स्तर की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश दिए है।
सुबह चार बजे तक ब्लैकआउट, दिन में रोशनी वाले होर्डिंग हटाए
गुरुवार को नगर परिषद की टीमों ने शहर में रोशनी वाले होर्डिंग-बैनर को भी हटाया। ब्लैक आउट के दौरान गांव से लेकर शहर तक घरों, सड़कों, दुकानों, मॉल और अन्य जगह की सभी लाइट बंद रही। लोगों ने स्वयं गुरुवार रात को रोशनी बंद रखी और अंधेरे में रहे।
ब्लैकआउट से पूर्व शहर से लेकर गांव तक सायरन की गूंज सुनाई दी। भारत-पाक के बीच तनाव के बीच सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो और अफवाहें फैलाई जा रही है। इसमें गांवों को खाली करने की अफवाह भी गुरुवार को वायरल हुई। इसके बाद कलेक्टर टीना डाबी, चौहटन एसडीएम कुसुमलता चौहान की ओर से आदेश जारी कर इसे फेक बताया।
कलेक्टर और एसपी ने पूरी रात लिया फीडबैक, 24 घंटे कंट्रोल रूम से नजर
जैसलमेर में पाक की ओर से हवाई हमले की नापाक कोशिश के बाद बाड़मेर में रातभर सायरन बजते रहे। कलेक्टर टीना डाबी, एसपी नरेंद्रसिंह सहित तमाम अधिकारी रातभर जागते रहे। इस दौरान कंट्रोल रूम ओर जिलेभर के अधिकारियों के संपर्क में रहे। इस दौरान ब्लैकआउट को लेकर अलग-अलग इलाकों से रिपोर्ट ली।
पुलिस और प्रशासन के दो अलग-अलग कंट्रोल रूम बनाए गए थे, जिनमें 24 घंटे तक 3-3 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं जिलेभर में कहीं भी कोई भी संदिग्ध वस्तु या धमाके की आवाज सुनने पर तत्काल कंट्रोल रूम सूचना देने की अपील की। इसके लिए जिला पुलिस कंट्रोल रूम 02982-221822, जिला प्रशासन 02982- 222227 नंबर जारी किए है। जैसलमेर में हुए मिसाइल हमले के बाद बाड़मेर में भी लोग अलर्ट रहे।
बॉर्डर के गांवों के वाशिंदे बोले: युद्ध हुआ तो हर कदम सेना के साथ रहेंगे, कोई डर नहीं
भारत-पाक के बीच तनाव के बाद बॉर्डर इलाके में पाकिस्तानी फौज में खलबली मची हुई है। पिछले 2-3 दिन से तारबंदी पार कुछ टीलों पर पाकिस्तानी फौज दिखाई दे रही है। भारत की तरफ से बीएसएफ पाक की हर नापाक हरकत पर निगरानी रख रही है। इसके लिए बॉर्डर इलाके में बीएसएफ, पुलिस सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय है। अब रात में भी जवानों की गश्ती बढ़ा दी है। पुलिस थानों में भी हथियारबंद जवान तैनात किए है।
हम डरेंगे नहीं, सेना लड़ेगी हम राशन-पानी का इंतजाम करेंगे: बॉर्डर पर तनाव के बीच सरहदी गांवों के लोगों में जोश बरकरार है। जम्मू-कश्मीर में गांवों को खाली करने के आदेश के बाद यहां के बॉर्डर के गांवों के लोगों का कहना है कि वे गांव खाली नहीं करेंगे। लोगों का कहना है कि वो सरकार के हर आदेश का पालन कर रहे हैं। रात में ब्लैकआउट के दौरान सभी ग्रामीण अपने घरों, प्रतिष्ठानों की लाइटें बंद रख रहे हैं।
तामलोर, दीपला, जाटों का बेरा, भांडा के ग्रामीणों ने बताया कि हम बॉर्डर पर भारत के पहले गांव के लोग है, हमारा हौसला मजबूत है। सेना सरहद पर है और हम सुरक्षित है। सेना का साथ देंगे। वर्ष 1965 व 1971 के युद्ध में भी सेना के जवानों के साथ सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों ने सहयोग किया था।