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Valentine’s Day 2023: कौन है वैलेंटाइन? क्यों है इस दिन का इतना महत्व? जानें


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लाइफस्टाइल

Valentine’s Day 2023: कौन है वैलेंटाइन? क्यों है इस दिन का इतना महत्व? जानें

14 फरवरी प्यार का सबसे बड़ा दिन, जिसे दुनिया भर में वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है, एक ऐसा दिन है जो दूसरों के प्रति प्यार और स्नेह व्यक्त करते है।

Valentine’s Day 2023: 14 फरवरी प्यार का सबसे बड़ा दिन, जिसे दुनिया भर में वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है, एक ऐसा दिन है जो दूसरों के प्रति प्यार और स्नेह व्यक्त करते है। इस दिन प्रेमी जोड़े प्यार भरे संदेशों के साथ कार्ड, फूल या चॉकलेट भेजते हैं। जबकि हम में से अधिकांश को इसके बारे में पता होना चाहिए, जो हम नहीं जानते हैं वह यह है कि यह दिन इतिहास में अन्य प्रमुख घटनाओं के लिए भी महत्व रखता है। आइए नजर डालते हैं इन अनजानी घटनाओं पर-

वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत कब से हुई?

वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को विश्वभर में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन को मनाने की शुरुआत रोम के राजा क्लॉडियस के दौर में ही हो गई थी। उस वक्त रोम में एक पादरी हुआ करते थे, जिनका नाम सेंट वैलेंटाइन था। उन्होंने ही पहली बार वैलेंटाइन डे की शुरुआत की थी।

क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे

माना जाता है कि सैंट वैलेंटाइन पूरी दुनिया में प्यार को बढ़ाने के बारे में सोचते थे, लेकिन जहां वह रहते थे वहां उस शहर के राजा क्लॉडियस को ये बात मंजूर ना थी। राजा का मानना था कि प्यार और शादी पुरुषों की बुद्धि और शक्ति को खत्म कर देती है। इसलिए राजा ये आदेश दिया था, वहां के सैनिक और अधिकारी शादी नहीं करेंगे।

सैंट वैलेंटाइन को हुई थी इस दिन फांसी

हांलाकि सेंट वैलेंटाइन ने राजा के इस आदेश का विरोध किया था और कई अधिकारियों और सैनिकों की शादी करवाई थी। जब राजा को इस बारे में पता लगा तो वह गुस्से में आ गया और उन्होंने 14 फरवरी के दिन ही सेंट वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया था। इसके बाद उनके निधन के बाद हर साल 14 फरवरी को ही सैंट वेलेंटाइन के बलिदान को याद करने के लिए इसे ‘प्यार के दिन’ के रूप में मनाया जाता है।

सेंट वैलेंटाइन ने जेलर की बेटी को नेत्र दान किए थे

कहा जाता है कि सेंट के निधन को एक खास कारण से याद किया जाता है। कहते हैं कि उन दिनों शहर के जेलर की एक बेटी थी, जैकोबस नाम की वह लड़की नेत्रहीन थी। सेंट वैलेंटाइन ने उनकी मौत के वक्त जेलर की बेटी को अपनी आंखें दान कर दी थीं।

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