साहित्यकार संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर जोर दें:हिमांशु सिंह को बनाया जिला संयोजक, झुंझुनूं में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की बैठक
साहित्यकार संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर जोर दें:हिमांशु सिंह को बनाया जिला संयोजक, झुंझुनूं में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की बैठक

झुंझुनूं : अखिल भारतीय साहित्य परिषद की बैठक सूचना केंद्र सभागार में संपन्न हुई। बैठक का मुख्य विषय सनातन संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने में साहित्य की भूमिका पर केंद्रित रहा, जिसमें विभिन्न विद्वानों और साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक को संबोधित करते हुए लोहार्गल पीठ के महंत अश्विनी दास महाराज ने वर्तमान समय में युवाओं को अपनी मूल संस्कृति से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
साहित्यकारों को निभानी होगी भूमिका
महंत अश्विनी दास महाराज ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य में साहित्यकारों को अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। महाराज ने बदलते हुए समय में तकनीक के महत्व को भी रेखांकित किया और इसके सकारात्मक उपयोग पर प्रकाश डाला।
संस्कृति का प्रचार प्रसार करें
परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष ओम प्रकाश भार्गव ने परिषद के इतिहास और उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि साहित्य केवल कविता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसकी सभी विधाओं में ऐसा उपयोगी सृजन होना चाहिए जो भारत की महान संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर सके। उन्होंने सभी साहित्यकारों से इस दिशा में आगे आने का आह्वान किया।
समाज को सही दिशा में ले जाना ही हमारी जिम्मेदारी
प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने साहित्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल समाज का दर्पण होता है, बल्कि एक मार्गदर्शक की भी भूमिका निभाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज को सही दिशा में ले जाना साहित्यकारों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में यूट्यूबर राकेश सैनी ने आधुनिक तकनीक के माध्यम से युवाओं को संस्कृति से जोड़ने के अपने अनुभवों और विचारों को साझा किया। प्रधानाचार्या डॉ विद्या पुरोहित ने मोबाइल के इस युग में नई पीढ़ी को संस्कारित करने के प्रभावी तरीकों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। सेवानिवृत्त सीडीईओ संपत लाल बारूपाल, रामगोपाल महमिया और रमाकांत पारीक ने जिले के विभिन्न साहित्यकारों के अमूल्य योगदान पर विस्तृत चर्चा की।
जिला कार्यकारिणी का पुनर्गठन
बैठक के दौरान परिषद की जिला कार्यकारिणी का पुनर्गठन भी किया गया। इस प्रक्रिया में हिमांशु सिंह को जिला संयोजक, जबकि सुरेंद्र शर्मा और डॉ विद्या पुरोहित को सह-संयोजक के महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे गए। इस अवसर पर संस्कृत भारती के जिला संयोजक कृष्णानंद शर्मा, राजेंद्र सेन सूरजगढ़, जितेंद्र लांबा, अमरजीत सिंह, मान महेंद्र सिंह भाटी और नितेश सैनी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।