सीकर में कार की टक्कर से कोचिंग गार्ड की मौत,टर्न लेते समय स्पीड में आ रही स्विफ्ट कार से भिड़ंत; हवा में उछल 10 फीट दूर गिरे
सीकर में कार की टक्कर से कोचिंग गार्ड की मौत,टर्न लेते समय स्पीड में आ रही स्विफ्ट कार से भिड़ंत; हवा में उछल 10 फीट दूर गिरे

सीकर : सीकर में एक कार सवार ने कोचिंग गार्ड को टक्कर मार दी। हादसे में कोचिंग गार्ड की मौत हो गई। इस घटना का सीसीटीवी भी सामने आया है। घटना रविवार रात 12 बजे उद्योग नगर इलाके की है। कोचिंग गार्ड सज्जन सिंह किसी काम से निकले थे। इसी दौरान स्पीड से आ रही स्विफ्ट कार ने टक्कर मार दी। इस भिड़ंत के बाद सज्जन सिंह हवा में उछलते हुए करीब 10 फीट दूर जाकर गिरे। इधर, मुआवजा की मांग को लेकर परिजन कोचिंग के बाहर धरना देकर बैठे हैं।
मामले में उद्योग नगर SHO मनोज कुमार भाटीवाड़ का कहना है कि अभी तक परिजनों ने रिपोर्ट नहीं दी है। फिलहाल टक्कर मारने वाली गाड़ी की पहचान कर ली गई है। रिपोर्ट देने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
तीन साल पहले गार्ड की नौकरी लगे थे, किसी काम से बाहर गए थे
सज्जन सिंह के चचेरे भाई राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि वे तीन साल से आकाश मेडिकल आईआईटी-जेईई फाउंडेशन यूनिट में गार्ड की नौकरी कर रहे थे। रविवार रात में वे ड्यूटी पर गए थे। यहां रजिस्टर में अटेंडेंस लगाई।
इसके बाद कोचिंग स्टाफ ने किसी काम से सज्जन सिंह को बाहर भेजा। जब वे दोबारा लौट रहे थे तो कोचिंग के गेट के सामने ही डिवाइडर से टर्न लेते समय तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी।
टक्कर के बाद सज्जन सिंह 10 फीट तक उछल कर सड़क पर गिरे और सड़क पर घिसटते हुए वहीं अचेत हो गए। हादसे के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया।
इस दौरान उन्हें सीकर के सरकारी हॉस्पिटल लाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कोचिंग के बाहर धरना देकर बैठे परिजन, 50 लाख का मुआवजा देने की मांग
इस घटना को लेकर परिजनों में आक्रोश है। सोमवार सुबह परिजन सुबह 10 बजे सीकर के एसके हॉस्पिटल पहुंचे और मॉर्च्युरी के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इसके साथ ही शव लेने और पोस्टमॉर्टम के लिए मना कर दिया।
जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो शाम 6 बजे परिजन और समाज के लोग पिपराली रोड स्थित कोचिंग सेंटर के बाहर पहुंचे। यहां 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। मंगलवार को भी परिजनों को धरना प्रदर्शन जारी रही।
परिजनों का कहना है- कोचिंग के काम के कारण ही सज्जन सिंह बाहर गया था। ऐसे में परिवार को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सज्जन सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। तीन बच्चे है। उनका कहना है कि परिजनों को जब तक उचित मुआवजा नहीं मिल जाता वे शव नहीं लेंगे और धरना जारी रखेंगे।
मृतक सज्जन सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति भी ज्यादा ठीक नहीं है। उनके तीन बेटे हैं जो भी वर्तमान में स्कूल में पढ़ाई करते हैं। परिवारजनों का कहना है कि मामले में कोचिंग प्रशासन और जिला प्रशासन वार्ता करके मुआवजा दिलवाए। अन्यथा वह शव नहीं लेंगे और अपना धरना जारी रखेंगे।
तीन तस्वीरों में देखें पूरा हादसा…


