मुर्गियों में कर्मीनाशक का महत्व पर पशुपालक प्रशिक्षण का आयोजन
मुर्गियों में कर्मीनाशक का महत्व पर पशुपालक प्रशिक्षण का आयोजन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : पशु विज्ञान केंद्र झुंझुनूं में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की अनुसूचित जाति उपयोजना एवं प्रसार शिक्षा निदेशालय राजूवास बीकानेर के द्वारा आयोजित बैकयार्ड मुर्गी पालन एवं प्रबंधन विषय पर संस्थागत छः दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने पशुपालकों को बताया कि पोल्ट्री हैचरी में प्रबंधन में अंडे प्राप्त करना, उन्हें स्टोर करना, तापमान और आर्द्रता को नियंत्रित करना, और हैचिंग प्रक्रिया के दौरान स्वच्छता बनाए रखना शामिल है। हैचरी को अच्छी तरह से साफ और कीटाणुरहित किया जाना चाहिए और नियमित रूप से साफ किया जाना चाहिए साथ ही बताया कि मुर्गियों में कई प्रकार के रोग होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं रानीखेत, बर्ड फ्लू, कोक्सीडियोसिस, और चेचक व उनके उपचार के बारे में बताया तथा राजूवास बीकानेर के डॉ अरुण झीरवाल ने मुर्गियों में कृमिनाशक का महत्व के बारे में बताया कि यह मुर्गियों को परजीवी कृमियों से बचाने में मदद करता है, जो उनके स्वास्थ्य और उत्पादन को कम कर सकते हैं। यदि मुर्गियों में कृमिनाशक नहीं दिया जाता है तो यह उनके वजन, अंडे के उत्पादन और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है तथा केंद्र के डॉ उमेश कुमार ने मृत मुर्गियों का निस्तारण व आवश्यक सावधानियां के बारे में बताया l