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महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती पर निकाली वाहन रैली:सामाजिक समरसता और समानता का दिया गया संदेश


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महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती पर निकाली वाहन रैली:सामाजिक समरसता और समानता का दिया गया संदेश

महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती पर निकाली वाहन रैली:सामाजिक समरसता और समानता का दिया गया संदेश

झुंझुनूं : महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार को झुंझुनूं में माली-सैनी समाज संस्था के तत्वावधान में एक वाहन रैली का आयोजन किया गया। रैली का मुख्य उद्देश्य समाज के पिछड़े, दलित और वंचित वर्गों को एकजुट करना और महात्मा फुले के प्रगतिशील विचारों को जन-जन तक पहुंचाना था।

शहर की सड़कों पर निकली इस भव्य रैली में बड़ी संख्या में समाज के हर वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

गणेश मंदिर से शुरू हुई रैली, अंबेडकर पार्क में हुई सभा

रैली का शुभारंभ शहर के गणेश मंदिर से हुआ, जहां झुंझुनूं के विधायक राजेंद्र भांबू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी ने हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। रंग-बिरंगे झंडों और सामाजिक संदेशों से सजे वाहनों के साथ युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों का हुजूम उमड़ा।

रैली शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई अंबेडकर पार्क तक पहुंची, जहां इसका समापन विशाल सभा के साथ हुआ। पूरे रास्ते में लोगों ने पुष्प वर्षा कर रैली का स्वागत किया और महात्मा फुले के नारों से वातावरण गुंजायमान रहा।

ज्योतिबा फुले के संघर्ष को किया याद

अंबेडकर पार्क में आयोजित सभा में भाजपा जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी ने अपने संबोधन में महात्मा ज्योतिबा फुले के संघर्ष और योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि फुले ने समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए जो लड़ाई लड़ी, वह आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। सैनी ने इस रैली को सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बताते हुए सभी वर्गों से फुले के विचारों को अपनाने और समाज में समानता व शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

विधायक राजेंद्र भांबू ने महात्मा फुले को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में उनका अद्वितीय योगदान देश के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे महान पुरुषों की जयंती मनाना केवल एक रस्म नहीं, बल्कि उनके दिखाए रास्ते पर चलने की प्रेरणा है।

सामाजिक समरसता और समानता के मूल्यों को अपनाने का संकल्प

रैली के संयोजक महेंद्र शास्त्री ने इस आयोजन को महात्मा फुले और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की स्मृति को समर्पित बताया। उन्होंने कहा कि इन महापुरुषों ने अपना जीवन सामाजिक समरसता, शिक्षा और समानता की स्थापना के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने वर्तमान समय में समाज को एकजुट होकर इन मूल्यों को फिर से अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मुरारी सैनी ने कहा कि महात्मा फुले और बाबासाहेब अंबेडकर ने समाज के उस दबे-कुचले वर्ग को आवाज दी, जिसे सदियों तक हाशिए पर रखा गया। उनका सपना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा और समान अवसर मिले, और आज हम उसी सपने को साकार करने का संकल्प ले रहे हैं।

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