मेहनती इंसान फर्श से अर्श तक पहुंच जाता है
मेहनती इंसान फर्श से अर्श तक पहुंच जाता है

झुंझुनूं : मेहनती इंसान फर्श से अर्श तक पहुंच जाता है। मेहनती इंसान बुलंदियों को छू लेता है। मेहनती इंसान मेहनत करके कमतर से बेहतर से बेहतर बनता चला जाता है। मेहनती इंसान अपने मकसद को बड़ी आसानी से हासिल कर लेता है। मेहनती इंसान मुश्किल मंज़िलों को आसानी से पा लेता है। मेहनती इंसान अपने से जुड़े हुए सभी अख़लाक़ी फराइज़ को पूरा करता है। मेहनती इंसान अपने काम को बड़ी लगन से अंजाम देता है। वह वक़्त की कद्र को समझता है। मेहनती इंसान बातों में नहीं बल्कि काम में ज़ियादा यकीन रखता है। मेहनती इंसान फुज़ूल कामों और बातों में अपना वक़्त ज़ा’ए नहीं करता। मेहनती इंसान छोटी-छोटी बातों से घबराता नहीं है। मेहनती इंसान अपने हक के लिए लड़ता है और कभी हार नहीं मानता। मेहनती इंसान अक्सर संजीदा रहता है चाहे कितने भी मुश्किल हालात हों। मेहनती इंसान अपने साथ दूसरों को जोड़ता है और उनको आगे बढ़ाता है। मेहनती इंसान गिरता है लेकिन फिर उठ जाता है, वह कभी मायूस नहीं होता। मेहनती इंसान अपने परिवार, समाज और मुल्क का नाम रौशन करता है। मेहनती इंसान सब्र से काम लेता है। मेहनती इंसान हमेशा सर बुलंद रहता है। मेहनत एक ऐसी चीज़ है जो इंसान को अदना से आला बना देती है, मेहनत एक ऐसी चीज है जो छोटे से बड़ा बना देती है, मेहनत एक ऐसी चीज है जो कमज़ोर से ताकतवर बना देती है,मेहनत एक ऐसी चीज है जो इंसान को शाही महल तक पहुंचा देती है। किसी ने बहुत ख़ूब लिखा है कि ‘मंज़िल यूँही नहीं मिलती राही को,जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है, पूछा चिड़िया से घोंसला कैसे बनता है, चिड़िया बोली कि तिनका-तिनका उठाना पड़ता है’।मेहनत करने से इंसान को जो नतीजे मिलते हैं वो निहायत ही तसल्ली और खुशी देने वाले होते हैं। मेहनत करने से इंसान को अपने मक़ासिद को हासिल करने में मदद मिलती है, जिससे इंसान की खुद ए’तमादी बढ़ती है। ज़िन्दगी में मेहनत की बहुत ही अहमियत है। मेहनत कामयाबी की सीढ़ी है। ज़िन्दगी में कामयाबी को हासिल करने के लिए मेहनत का सहारा लेना पड़ता है। और यह हकीकत है कि कोई इंसान बिना मेहनत के काबिल नहीं बन सकता। ‘एक जूनून होना चाहिए कामयाबी पाने के लिए, ख़्वाब तो हर कोई देखता है दूसरों को बताने के लिए’। जब इंसान की ज़िन्दगी में मेहनत खत्म हो जाती है तो उसकी ज़िन्दगी की गाड़ी रुक जाती है। अगर कोई इंसान मेहनत न करें तो उसका खुद का खाना-पीना, उठना-बैठना भी मुमकिन नहीं रहता। अगर कोई इंसान मेहनत न करे तो उसकी तरक़्क़ी और बढ़ोतरी के बारे में तसव्वुर भी नहीं किया जा सकता। ज़िन्दगी में मेहनत उतनी जरूरी है जितना खाना और पानी। किसी ने क्या ख़ूब ही कहा है कि मेहनत कामयाबी की चाबी है। जिस इंसान को मेहनत की अहमियत नहीं होती वह ज़िन्दगी की अक्सर मोड़ पर अटका हुआ नज़र आता है। बहुत बेहतरीन बात लिखी है किसी ने कि बारिश तो सभी खेतों में होती है, मगर फ़सल उन्हीं खेतों में होती है जिन खेतों में मेहनत की जाती है। और जिन खेतों में मेहनत नहीं होती वहां सिर्फ घास-फूंस और झाड़ियां ही उगती हैं। जब कोई इंसान कड़ी मेहनत करना शुरू कर देता है तो उसकी ज़िन्दगी में बदलाव आ जाता है, और उसकी ज़िन्दगी में काफ़ी संजीदगी और मतानत पैदा हो जाती है। जब इंसान अपनी ज़िन्दगी में मेहनत करता है तो सबकुछ हासिल कर सकता है। मेहनत से इंसान हर रुकावट को दूर कर सकता है। इंसान को अपनी मेहनत पर इतना मज़बूत यकीन होना चाहिए कि मुझे उड़ान देर से सही मगर मेरी उड़ान सबसे ऊंची होगी। मेहनत से इंसान और तस्वीर बदल जाती है और एक वक़्त ऐसा आता है कि उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है। याद रहे कि मेहनत एक ऐसी अनमोल चीज़ है जो सबको चोंका देती है, इसलिए लगातार मेहनत करते रहिए एक दिन कामयाबी आपका ज़रूर मुकद्दर बनके रहेगी। किसी ने क्या ही अच्छा लिखा है कि ‘आज रास्ता बना लिया है तो कल मंज़िल मिल जाएगी, हौसलों से भरी यह मेहनत एक दिन ज़रूर रंग लाएगी’ । इसी लिए कहा है कि मेहनत वह चीज़ है जो इंसान को फर्श से अर्श तक पहुंचा देती है। मेहनत करते रहिये, आगे बढ़ते रहिये।
लेखक – करामत खान उर्दू अदीब