खेतड़ी में आंधी तूफान ने ढहाया कहर, देवता गांव में मुर्गी फार्म हुआ ध्वस्त, लाखों रुपये का हुआ नुकसान
लगभग 2 हजार मुर्गी के चूज्जे दबकर मरे,1 अप्रैल को लाए गए थे चार हजार पांच सौ चुज्जे

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : उपखंड क्षेत्र में गुरुवार देर शाम आए आंधी तूफान ने कहर ढहाया, जिसमें देवता ग्राम पंचायत की भीखा वाली ढाणी में स्थित एक मुर्गी फार्म को भारी नुकसान हुआ। ग्यारसी लाल पुत्र बीरबल राम कसाना के खेत में बने मुर्गी फार्म में करीब 4500 मुर्गी के चूजे थे, जिनमें से लगभग 2000 चूजों की मौत हो गई और मुर्गी फार्म के अंदर रखा सामान भी टूट गया, जिससे लाखों रुपए का नुकसान हो गया। हादसे के बाद ग्रामीणों ने मिलकर सीमेंट की टिन को हटाकर करीब 2500 चूजों की जान बचाई और उन्हें रायपुर घरडाना के मुर्गी फार्म में शिफ्ट किया गया। सरपंच रघुवीर सिंह ने बताया कि मुर्गी फार्म के मालिक ग्यारसी लाल को लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान हो गया है और उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
रतन कसाना ने बताया कि गुरुवार देर शाम मेरा भाई अमित कसाना मुर्गी फार्म पर था, अचानक से आंधी तूफान आ गया, जिससे हमारे खेत में बना मुर्गी फार्म धराशाई हो गया। मुर्गी फार्म में करीब 4500 मुर्गी के चुज्जे थे, सीमेंट के टिन सेड के नीचे दबने से करीब 2000 चूजों की मौत हो गई और मुर्गी फार्म के अंदर रखा सामान भी टूट गया, जिससे हमारा लाखों रुपए का नुकसान हो गया।अमित कसाना ने बताया कि मुर्गी फार्म 190 फीट लंबा और 33 फुट चौड़ा था, जिसमें 20 पंखे, एक तख्त, सीमेंट के टिन, बड़ी पानी की टंकी, 5 किवंटल मुर्गियों का दाना पानी सहित अनेक सामान सीमेंट की टीन के नीचे दबने से नष्ट हो गया।सरपंच रघुवीर सिंह ने बताया कि ग्यारसी लाल अपने परिवार का मुर्गी फार्म से ही लालन-पालन करता था, मुर्गी फार्म नष्ट होने से उन्हें लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान हो गया है। सरपंच सहित ग्रामीणों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
शिव शक्ति फीड मिल कनीना हरियाणा के द्वारा चूज्जों को पालने के लिए ग्यारसीलाल कसाना को दे रखे थे उनको सूचना के बाद पहुंचे सौरभ गुप्ता, मनीष अग्रवाल, गौतम शर्मा एवं सुपरवाइजर मुकेश यादव मौके पहुंच कर चूज्जो को देखा। मुर्गी फार्म में काम कर रहे अमित कुमार एवं कृष्णा कुमार ने भाग कर मुश्किल से अपनी जान बचाई जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।इस मौके पर सरपंच रघुवीर सिंह, रामोतार मास्टर, गिदाराम, दोलाराम, मुगाराम, लालचंद, राम सिंह, कर्मवीर, मुकेश, विक्रम, बुधराम, शमशेर सिंह, लालाराम, अशोक, राकेश, छाजूराम, अमित, बिजू रामचंद्र सुरेंद्र सिंह सुंदर, सहीराम सिराधना, राजवीर, विनोद सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।