[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

अजीतगढ़ में पुलिस कार्रवाई पर जाट समाज में रोष:शादी समारोह में पुलिस दबिश के विरोध में सीएम के नाम एसडीएम कार्यालय में सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़राजस्थानराज्यश्रीमाधोपुरसीकर

अजीतगढ़ में पुलिस कार्रवाई पर जाट समाज में रोष:शादी समारोह में पुलिस दबिश के विरोध में सीएम के नाम एसडीएम कार्यालय में सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग

अजीतगढ़ में पुलिस कार्रवाई पर जाट समाज में रोष:शादी समारोह में पुलिस दबिश के विरोध में सीएम के नाम एसडीएम कार्यालय में सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग

अजीतगढ़ : अजीतगढ़ क्षेत्र के गढ़टकनेत की डाला वाली ढाणी में वांछित आरोपी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमले के मामले में पुलिस कार्रवाई के बाद जाट समाज में आक्रोश है। शुक्रवार को जाट समाज के संगठनों के पदाधिकारी उपखंड कार्यालय श्रीमाधोपुर पहुंचे। उन्होंने पुलिस थाना अजीतगढ़ में दर्ज एफआईआर और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश महासचिव सांवर चौधरी, तहसील अध्यक्ष झाबरमल महला और ऑल राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश महासचिव देवीलाल कटारिया के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में लिखा गया कि 1 अप्रैल को ढाणी डाला वाली में शादी समारोह के दौरान पुलिस ने अचानक दबिश दी। इस दौरान एक संवेदनशील और दुखद घटना हुई। इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है।

ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि रात 3 बजे भारी पुलिस बल के साथ घरों में घुसकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्हें प्रताड़ित किया गया। यह सिलसिला अब भी जारी है। शादी में आए मेहमानों और परिवारजनों को भी परेशान किया गया। महिलाओं से अभद्रता और छोटे बच्चों से मारपीट की गई। गरीब परिवारों को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। 6 अप्रैल को होने वाली शादी में भी प्रशासन और पुलिस अनावश्यक दखल दे रही है। इससे गांव और परिवार में डर का माहौल है। शादी की तैयारियां भी प्रभावित हो रही हैं।

ज्ञापन में मांग की गई कि एफआईआर नंबर 133/2025 की जांच किसी आईजी स्तर के अधिकारी से करवाई जाए। साथ ही सीबीआई जांच भी हो। गिरफ्तार और घायल लोगों का मेडिकल बोर्ड बनाकर जांच करवाई जाए। 6 अप्रैल की शादी में कोई व्यवधान न डाला जाए। निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए। महिलाओं को बेवजह आरोपी न बनाया जाए।

पुलिसकर्मियों की भूमिका की न्यायिक जांच हो। इस मौके पर राष्ट्रीय जाट वीर सेना विधि प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष प्रकाश बाजिया, पप्पू थेबड़, सुनील खटकड़, मोहित बिजारणियां, मुकेश चाहर, एडवोकेट दीपक बाजिया आदि मौजूद थे।

Related Articles