[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

ITBP जवान को 5 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी:सीकर में अंतिम दर्शन के दौरान वीरांगना बेहोश हुईं; छोटी बहन को गोद में लिए रोती रही बेटी


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़राजस्थानराज्यसीकर

ITBP जवान को 5 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी:सीकर में अंतिम दर्शन के दौरान वीरांगना बेहोश हुईं; छोटी बहन को गोद में लिए रोती रही बेटी

ITBP जवान को 5 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी:सीकर में अंतिम दर्शन के दौरान वीरांगना बेहोश हुईं; छोटी बहन को गोद में लिए रोती रही बेटी

सीकर : सीकर के ITBP जवान रतनलाल गुर्जर (35) का शुक्रवार दोपहर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 5 साल के बेटे यश कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले अजीतगढ़ थाने से उनके पैतृक गांव सांवलपुरा तंवरान (नीमकाथाना) के लोहा की ढाणी तक 22 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई।

घर पर अंतिम दर्शन के दौरान वीरांगना बलेश देवी पार्थिव देह से लिपटकर रोने लगीं और बेसुध हो गईं। बड़ी बेटी रितिका (8) अपनी 2 साल की छोटी बहन गुड्डी को गोद में लिए रोती रही, जिसे परिजनों ने उसे संभाला। अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि के बाद जवान की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। घर के पास स्थित खेत में उनके बड़े भाई के शहीद स्मारक के समीप ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।

रतनलाल गुर्जर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) की 14वीं बटालियन में तैनात थे। गुरुवार को वे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शहीद हो गए थे। वे जाजर देवल क्षेत्र में एक्टिव पेट्रोलिंग ड्यूटी पर थे, जहां ऊंचाई वाले इलाके में ऑक्सीजन की कमी के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

शहीद रतनलाल गुर्जर के अंतिम संस्कार से जुड़ी तस्वीरें…

जवान की पत्नी बलेश देवी घर पर अंतिम दर्शन के दौरान पार्थिव देह से लिपट कर रोने लगीं और बेसुध हो गईं।
जवान की पत्नी बलेश देवी घर पर अंतिम दर्शन के दौरान पार्थिव देह से लिपट कर रोने लगीं और बेसुध हो गईं।
मां ने बेटे के अंतिम दर्शन किए। इस दौरान पूरे परिवार में गमगीन माहौल हो गया।
मां ने बेटे के अंतिम दर्शन किए। इस दौरान पूरे परिवार में गमगीन माहौल हो गया।
जवान की बड़ी बेटी अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर रोती रही। उसके छोटे भाई और बहन को तो पता ही नहीं कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे।
जवान की बड़ी बेटी अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर रोती रही। उसके छोटे भाई और बहन को तो पता ही नहीं कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे।
जवान की पत्नी समेत घर में 8 महिलाएं रोते हुए बेसुध हो गई। जिनकी निगरानी और इलाज के लिए 2 नर्सिंगकर्मी लगाए गए।
जवान की पत्नी समेत घर में 8 महिलाएं रोते हुए बेसुध हो गई। जिनकी निगरानी और इलाज के लिए 2 नर्सिंगकर्मी लगाए गए।
जवान की पार्थिव देह को सुबह करीब 11.30 बजे पैतृक गांव में घर लाया गया था। परिजनों ने अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी।
जवान की पार्थिव देह को सुबह करीब 11.30 बजे पैतृक गांव में घर लाया गया था। परिजनों ने अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी।
तिरंगा यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे।
तिरंगा यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे।
तिरंगा यात्रा के पहुंचने पर लोगों ने पुष्प अर्पित किए थे।
तिरंगा यात्रा के पहुंचने पर लोगों ने पुष्प अर्पित किए थे।
अजीतगढ़ थाने से सुबह 9 बजे तिरंगा यात्रा रवाना हुई थी।
अजीतगढ़ थाने से सुबह 9 बजे तिरंगा यात्रा रवाना हुई थी।

22KM लंबी तिरंगा यात्रा निकली

शहीद की पार्थिव देह शुक्रवार अलसुबह 3 बजे अजीतगढ़ पुलिस थाने लाई गई थी। सेना के फूलों से सजे ट्रक में पार्थिव शरीर को गांव तक ले जाया गया। सुबह 5 बजे से ही ग्रामीणों की भीड़ शहीद के अंतिम दर्शन के लिए एकत्र होने लगी थी। तिरंगा यात्रा अजीतगढ़ पुलिस थाने से शुरू होकर हाथीदेह मोड़, मंडुस्या, हरिपुरा मोड़, हरदास का बास, बुर्जा, हाथीदेह, सांवलपुरा तंवरान होते हुए लोहा की ढाणी पहुंची।

गांव में पसरा मातम, स्कूल-बाजार बंद रहे

शहादत की खबर मिलते ही गांव और आसपास के इलाकों में शोक छा गया। सांवलपुरा तंवरान का बाजार बंद रहा। स्कूल नहीं खुले। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर शहीद को श्रद्धांजलि दी थी।

शहादत से कुछ घंटे पहले की थी घरवालों से बात

1 महीने पहले रतनलाल छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे। गुरुवार सुबह 7 बजे उन्होंने परिजनों से फोन पर बात की और बताया कि वे मिशन पर जा रहे हैं और 2 दिन में लौटेंगे। 3 मई को अपने बड़े भाई स्वर्गीय रामपाल गुर्जर की पुण्यतिथि पर घर आने का कार्यक्रम था, लेकिन उससे पहले ही शहादत की खबर आ गई।

बड़े भाई भी हुए थे शहीद

रतनलाल 4 भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई 2021 में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो चुके हैं। उनके 2 अन्य भाई मजदूरी करते हैं और पिता बीरबल गुर्जर किसान हैं। शहीद रतनलाल के परिवार में पत्नी बलेश देवी (29) और 3 बच्चे रितिका (8), यश कुमार (5) और गुड्डी (2) है। 2014 में रतनलाल की शादी हुई थी और उसी साल वे ITBP में भर्ती हुए थे।

Related Articles