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झुंझुनूं में मौसमी बीमारियों का अचानक बढ़ा प्रकोप:अस्पतालों में उल्टी-दस्त, निमोनिया और फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा


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झुंझुनूं में मौसमी बीमारियों का अचानक बढ़ा प्रकोप:अस्पतालों में उल्टी-दस्त, निमोनिया और फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा

झुंझुनूं में मौसमी बीमारियों का अचानक बढ़ा प्रकोप:अस्पतालों में उल्टी-दस्त, निमोनिया और फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में बदलते मौसम के चलते मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। उल्टी-दस्त, इन्फ्लूएंजा वायरस, निमोनिया और डेंगू जैसी बीमारियों ने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हो रही है, लेकिन चिकित्सा विभाग अभी तक अलर्ट मोड में नहीं दिख रहा है।

अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी

जिला मुख्यालय स्थित राजकीय भगवानदास खेतान अस्पताल, नवलगढ़ का राजकीय अस्पताल, उप जिला अस्पताल चिड़ावा, मलसीसर, खेतड़ी सहित विभिन्न सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दो सप्ताह पहले बीडीके अस्पताल में रोजाना 1800 मरीज पहुंच रहे थे, लेकिन अब यह संख्या 3000 को पार कर गई है। इसी तरह, नवलगढ़ अस्पताल में प्रतिदिन 2100, चिड़ावा अस्पताल में 1000, खेतड़ी में 600 और मलसीसर में 500 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इसके अलावा, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रतिदिन 300 से 500 मरीज पहुंच रहे हैं।

मच्छरों से बढ़ीं बीमारियां

मच्छरों की बढ़ती संख्या से डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। शहर और गांवों में जलभराव वाले क्षेत्रों में मच्छरों के लार्वा तेजी से पनप रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। फॉगिंग और एंटी-लार्वा स्प्रे जैसे आवश्यक कदम न उठाए जाने से संक्रमण के मामले और बढ़ने की संभावना है।

उल्टी-दस्त और फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा

अस्पतालों में इस समय सबसे अधिक मरीज उल्टी-दस्त और फ्लू के आ रहे हैं। इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। यह वायरस नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है और तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके अलावा, लावणी और अनाज की थ्रेसिंग के कारण उड़ रही धूल से अस्थमा और एलर्जी जैसी बीमारियों के मामले भी बढ़े हैं।

बच्चों में बढ़ रहा निमोनिया का खतरा

बदलते मौसम का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है। निमोनिया के मामले बढ़ने से माता-पिता की चिंताएं बढ़ गई हैं। जिले के विभिन्न अस्पतालों में निमोनिया से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। चिकित्सकों के अनुसार, प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण छोटे बच्चे जल्दी संक्रमित हो रहे हैं।

चिकित्सा विभाग का दावा- स्थिति नियंत्रण में

बीडीके अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र भांभू के अनुसार, अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उनके इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि “बीडीके अस्पताल में रोजाना करीब 3000 मरीज आ रहे हैं। उल्टी-दस्त और फ्लू के मरीजों की संख्या अधिक है। चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को बेहतर इलाज के निर्देश दिए गए हैं और दवाओं की भी पूरी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।”

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही

हालांकि, मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर आना चाहिए, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। न तो मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए पर्याप्त फॉगिंग की जा रही है और न ही लोगों को इन बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।

बचाव के लिए क्या करें

  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और पानी को जमा न होने दें।
  • मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें।
  • नियमित रूप से हाथ धोने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की आदत डालें।
  • लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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