नगर पालिका निरस्त पर स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
नीमकाथाना जिला सीकर संभाग हटाया, अब गुढ़ा और पोंख नगर पालिका, जनता की भावनाओं के अनुरूप फैसले ले सरकार... सुरेश मीणा किशोरपुरा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : भरत सिंह कटारिया
ककराना : सरकार के द्वारा गुढ़ागौड़जी और पोंख नगरपालिका को निरस्त करने के फैसले की अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।कोई इस फैसले को सही मान रहे है तो कई अनुचित। समाज सेवी सुरेश मीणा किशोरपुरा ने प्रेस मीडिया को ब्यान जारी कर बताया कि जनता की जनभावनाओं के जाने बगैर जल्दीबाजी में ऐसे फैसले लेना अनुचित है। उनका कहना था कि गुढ़ागौड़जी अब 80 मॉडल नहीं है अब 2025 मोर्डीफाई गुढ़ा कस्बा बन चुका है। शिक्षा नगरी के रूप में राजस्थान में अपनी पहचान बना चुका है। बड़ी मंडी में तब्दील हो गया है।बड़े बड़े मोल बन गए है।जमीनों के भाव आसमा छू रहे है।बड़े शहरों को पीछे छोड़ने वाला गुढ़ा बिल्कुल नगरपालिका के सारे मापदंड पूरे करता है। इसी प्रकार पोंख और गुड़ा दोनों कस्बे दोनों जुड़वा भाई की तरह है दोनों की जनसंख्या किसी नगरपालिका से कम नहीं है। दोनों गांवों के बाजार में अब से30साल पहले भी चहल पहल थी। दूर दराज के लोग भी यहां की मंडी से खरीद फरोख्त करते थे।आवागमन के लिए हर तरह से यहां की सड़के दिल्ली और जयपुर लेकर जाती है। पोंख गुड़ा से सटी शक्ति पीठ मनसा माता मंदिर मालखेत का मंदिर कुंड जलाशय झरने किसी जन्नत से कम नहीं। उत्तराखंड हिमालय जैसी इस स्थली को टूरिजियम से जोड़ने का अनूठा संगम जैसे अनेकों मापदंड नगरपालिका रहते हुए विकास को पंख लगते। मीणा ने कहा कि अगर सभी ग्रामीणों की राय फिर से ग्राम पंचायत बनाने की है तो हमें कोई एतराज नहीं है। उनका कहना था कि आजकल के युग में जनप्रतिनिधि बनकर सेवा करने की लालसा लोगो में है। नगरपालिका में अनेकों लोगों को पार्षद के रूप में नेता बनकर सेवा करने का अवसर मिलता है तो किसी को चेयरमैन बनने का मौका। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले नीमकाथाना को जिला हटाया फिर सीकर को संभाग हटाया।अब नगरपालिकाओं को हटाया गया। गुड़ा ओर गुढ़ा में पहली बार किसी दलित परिवार को चेयरमैन बनने का अवसर मिला तो कई अन्य जातियों के लोगों को पार्षद बनने का मौका मिला उनको अब इन पदों से हटाया जा रहा है।पार्टी कोई भी हो लोगो की भावना का सम्मान होना चाहिए।