घुसपैठ करने वाली महिला के साथ पाकिस्तान में क्या होगा?:सुरक्षा एजेंसियों को बताया था- तारबंदी का पता होता तो काटने का सामान साथ लाती
घुसपैठ करने वाली महिला के साथ पाकिस्तान में क्या होगा?:सुरक्षा एजेंसियों को बताया था- तारबंदी का पता होता तो काटने का सामान साथ लाती

अनूपगढ़ : बॉर्डर पार कर पाकिस्तान से अनूपगढ़ क्षेत्र में घुसपैठ करने वाली महिला हुमारा को वापस उसके देश भेज दिया गया है। लेकिन इससे पहले बलूचिस्तानी महिला ने बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियों से पूछताछ में कई सच सामने रखे। इंग्लिश में माहिर हुमारा ने स्वीकारा कि- मुझे बॉर्डर पार करने के खतरों का पता था। लेकिन पता नहीं था बॉर्डर पर तारबंदी है। अगर जानकारी होती तो तार काटने का सामान साथ लाती। बता दें कि हुमारा 17 मार्च को राजस्थान के अनूपगढ़ बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से तारबंदी तक आ गई थी। जिसे बीएसएफ के जवानों ने गिरफ्तार कर लिया था। 7 दिन तक पूछताछ के बाद उसे 25 मार्च कि दोपहर में वापस पाकिस्तान के हवाले कर दिया।
हुमारा ने पूछताछ में और क्या सच बताए? घुसपैठियों के साथ बीएसएफ क्या करती है? घुसपैठियों को पाकिस्तान को कैसे सौंपा जाता है? सौंपे जाने के बाद पाकिस्तान उन घुसपैठियों के साथ क्या व्यवहार करता है। पढ़िए इस रिपोर्ट में….
17 मार्च की सुबह पकड़ी गई थी हुमारा
बॉर्डर पर हुमारा 17 मार्च को सुबह आठ बजे बीएसएफ के जवानों को नजर आई। इस पर हुमारा को जवानों ने ललकारा, पूछा कौन हो यहां क्यों आई हो? हुमारा ने कोई जवाब नहीं दिया। वहां मौजूद जवानों ने उसे कहा- वापस चली जाओ?

जवानों ने बंदूक तानकर उसे निशाने पर ले लिया था, तब वह जहां थी वहीं खड़ी हो गई। फिर से ललकारा तब भी हुमारा ने कोई जवाब या एक्शन नहीं लिया? तारबंदी के पास खड़ी रही, इस पर जवान वहां गए और उसको पकड़ कर लाए। बीएसएफ से जुड़े अधिकारियों के अनुसार हुमारा अगर रात में वहां आती और जवानों के ललकारने के बाद बॉर्डर पार करने की कोशिश करती तो उसे उसी वक्त शूट कर दिया जाता।
हाल ही में 24 दिसंबर को पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले एक व्यक्ति जो रात में बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहा था, उसे बीएसएफ जवानों ने शूट कर दिया था।
गूगल मैप के सहारे पहुंची
हिरासत में लेने के बाद हुमारा ने बताया कि उसका ससुराल बलूचिस्तान में है। उसका पति उसे मारता था। घरेलू हिंसा की शिकार थी, इसलिए वह भारत आकर रहना चाहती थी।

इंटेलिजेंस ने उससे पूछताछ की तब उसने बताया कि वह अपने पीहर कराची में रहती है। पाकिस्तान बॉर्डर के पास चेक पोस्ट 420 व 21 के पास एक मजार है, वहां रमजान के महीने में पाकिस्तानी जियारत के लिए आते हैं। वह बस से वहां पहुंचीं। लेकिन वापिस नहीं गई।
मजार के पास ही रातभर छुपी रही। मजार में मौलवियों ने जब उसे कहा कि वह रात में नहीं रुक सकती तब वह बोली दिन होते ही निकल जाऊंगी। इस पर सुबह अजान के समय वह वहां से निकल कर पैदल चलते हुए मोबाइल पर गूगल मैप के सहारे वह भारत के बॉर्डर पर आ गई।
सहेली को हर जानकारी दे रही थी फोन पर
हुमारा जब भारत के बॉर्डर पर पहुंची उससे पहले अपनी सहेली को पूरी जानकारी दे रही थी। वह पहले से प्लान करके आई थी कि उसे बॉर्डर क्रॉस करना है। बीएसएफ ने जब उसे पकड़ा और मोबाइल चेक किया तो उसमें उसकी सहेली का नंबर था जो कराची का निकला। उस सहेली से एजेंसियों ने बात की जिसके बाद पता चला कि डॉमेस्टिक वॉयलेंस से परेशान होकर 33 वर्षीय हुमारा भारत में घुसपैठ कर रही थी।

पाकिस्तानी रेंजर पहले नहीं माने
करीब 7 दिन तक चली पूछताछ के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने मानवीय आधार पर उसे वापिस पाकिस्तान को लौटाने का फैसला लिया। अनूपगढ़ की बिंजोर पोस्ट पर 21 मार्च को सबसे पहले बीएसएफ जवान ने ऑरेंज झंडा हाथ में लेकर फहराया। पाकिस्तानी सेना को सूचना देने और बुलाने का यही सिंबल होता है। झंडे का इशारा मिलते ही पाकिस्तानी रेंजर बात करने आए। बीएसएफ की ओर से सूचना दी गई।
बताया गया कि हुमारा नामक महिला बॉर्डर क्रॉस कर भारत पहुंची है। पहले तो रेंजर ने मना कर दिया उन्होंने कहा कि ऐसी कोई महिला भारत के बॉर्डर तक नहीं आई। फिर चार दिन तक पता लगाने के बाद पाकिस्तान की ओर से फ्लैग मीटिंग की स्वीकृति आई। इस मीटिंग के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने स्वीकार किया और महिला को वापस लिया।

बॉर्डर पार करने वाले घुसपैठियों का आदान प्रदान कैसे होता है? इससे जुड़े सवालों का जवाब राजस्थान सीमा सुरक्षा फ्रंटियर के डीजी विदुर भारद्वाज से लिया…
सवाल : हुमारा केस में जांच में क्या सामने आया?
जवाब : पाकिस्तान से बॉर्डर पार कर आने वाली पढ़ी-लिखी महिलाओं में हमारा पहली थी। वो इंग्लिश बोलना जानती थी। इससे पहले एक दो महिला आई थी, लेकिन वह मानसिक विमंदित थी। सभी जॉइंट इंटेरोगेशन टीम ने मिलकर निर्णय लिया कि मानवीय आधार पर हुमारा को वापस भेज दिया जाए। ऐसे में 25 को अनूपगढ़ में कमांडर लेवल की पाकिस्तान रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग में उसे वापस सौंप दिया गया।
सवाल : डिपोर्ट की बजाय रिटर्न किया?
जवाब : डीजी विदुर भारद्वाज ने बताया कि महिला को पुश बैक किया गया। यानी जिस रास्ते से वह आई उसी रास्ते के जरिए उसे उसके देश भेजा गया। डिपोर्ट नहीं किया गया। क्योंकि डिपोर्टेशन का काम एमईए (विदेश मंत्रालय) के जरिए होता है। उस केस में बिना किसी को बताए ही पुश बैक किया जाता है। लेकिन पश्चिमी बॉर्डर पर बीएसएफ ऐसा नहीं करती है। बॉर्डर पार करने वाले को वापस ही किया जाता है। रात में कोई कोशिश करे तो उसे गोली मार दी जाती है।
सवाल : पाकिस्तान इनकार करता तो हुमारा के साथ क्या होता?
जवाब : पाकिस्तान महिला को लेने से इनकार कर देता तो हमें हाई हेडक्वार्टर को इंफॉर्म करना होता। वह बॉर्डर क्रॉस करके आई थी। यह क्राइम है, ऐसे में उसे सजा होती और वह जेल में रहती।
सवाल : अब पाकिस्तान में उस महिला के साथ क्या होगा?
जवाब : अमूमन कोई भी व्यक्ति बॉर्डर के पार कर जाता है, या वापस आता है तो सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ करती हैं। हो सकता है पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियां भी उसकी सभी तरीके से जांच करेगी। उससे सवाल-जवाब करेगी। उसके बाद उसे घर भेजने का निर्णय ले सकती हैं।