काजड़ा से खाटूश्याम तक ध्वज यात्रा रवाना:पूजा अर्चना के साथ किया शुभारंभ, बड़ी संख्या में भक्तों ने लिया हिस्सा
काजड़ा से खाटूश्याम तक ध्वज यात्रा रवाना:पूजा अर्चना के साथ किया शुभारंभ, बड़ी संख्या में भक्तों ने लिया हिस्सा

झुंझुनूं : काजड़ा स्थित राधा-कृष्ण मंदिर से श्री श्याम शक्ति मंडल काजड़ा के तत्वावधान में आज 15वीं ध्वज यात्रा रवाना हुई। यह यात्रा बाबा खाटूश्याम के दरबार के लिए रवाना हुई है। धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए, जिन्होंने बाबा श्याम के जयकारों से पूरे क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।
यात्रा का शुभारंभ मंदिर के पुजारी शिवकुमार शर्मा द्वारा बाबा की ज्योत प्रज्ज्वलित करने और निशान की विधिवत पूजा-अर्चना के साथ किया गया। मुख्य पदयात्रियों में लीलाधर कुमावत, कनक शर्मा, अनिल शर्मा, नथमल कुमावत, मेहरचंद, शुभम नागवान, रोहित नागवान, पवन शर्मा, मनीष, मनोहरलाल और अन्य कई श्रद्धालु शामिल थे।
बाबा श्याम के जयकारों और भजनों के साथ पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों और संगीत की धुन पर नाचते-गाते हुए उत्साहपूर्वक यात्रा में शामिल हुए। पूरे मार्ग में भक्तों का जोश देखते ही बनता था। भक्तों ने अपने जयकारों से माहौल को भक्तिरस से सराबोर कर दिया।
यात्रा मार्ग पर सेवा शिविर
यात्रा के दौरान भक्तगण विभिन्न धार्मिक गीत गाते हुए आगे बढ़ते रहे। रास्ते में जगह-जगह भक्तों के लिए सेवा शिविर लगाए गए, जहाँ पेयजल और प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई। स्थानीय लोगों ने भी श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनकी सेवा में भाग लिया।
खाटूश्यामजी में निशान अर्पण और धार्मिक महत्व
रविवार को बाबा श्याम के दरबार में निशान अर्पित किया जाएगा। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तजन बाबा के दर्शन करेंगे और आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस यात्रा में शामिल होने से बाबा श्याम की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
खाटूश्यामजी मंदिर के शिखर पर फहराने वाले श्याम ध्वज (निशान) को लेकर भक्तों का पहला पैदल जत्था बुधवार को रवाना हुआ था, जबकि दूसरा जत्था आज रवाना हुआ। हर साल इस धार्मिक यात्रा में हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं और अपनी आस्था प्रकट करते हैं। इस अवसर पर उपस्थित भक्तों ने कहा कि बाबा श्याम के प्रति यह प्रेम और समर्पण भाव ही उनकी यात्रा को और अधिक दिव्य एवं आनंदमयी बनाता है।