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कलेक्ट्रेट पर बुद्ध प्रबोधन विहार ट्रस्ट के सदस्यों का प्रदर्शन:राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मंदिर का संपूर्ण प्रबंधन बौद्धों को सौंपने की मांग


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कलेक्ट्रेट पर बुद्ध प्रबोधन विहार ट्रस्ट के सदस्यों का प्रदर्शन:राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मंदिर का संपूर्ण प्रबंधन बौद्धों को सौंपने की मांग

कलेक्ट्रेट पर बुद्ध प्रबोधन विहार ट्रस्ट के सदस्यों का प्रदर्शन:राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मंदिर का संपूर्ण प्रबंधन बौद्धों को सौंपने की मांग

झुंझुनूं : के.आर. बुद्ध प्रबोधन विहार ट्रस्ट के सदस्यों ने सोमवार को झुंझुनूं कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ट्रस्ट के ट्रस्टी मालीराम के नेतृत्व में यह मांग उठाई गई कि बिहार स्थित महाबोधि महाविहार का प्रबंधन पूरी तरह से बौद्ध समुदाय को सौंपा जाए। ट्रस्ट ने मांग कि भारत सरकार एक नया बोध विहार एक्ट बनाकर इस मंदिर का संपूर्ण प्रबंधन बौद्धों को सौंपे।

बौद्ध अनुयायियों की प्रमुख मांग ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि महाबोधि महाविहार बोधगया वह स्थान है। जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विश्वभर में पूजनीय है। हालांकि, वर्तमान में इसे 1949 में बनाए गए बौद्ध टेंपल एक्ट के तहत एक कमेटी द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें बौद्ध समुदाय के केवल चार सदस्य हैं।

चार सदस्य हिंदू समुदाय से हैं, और अध्यक्ष गया जिले के कलेक्टर होते हैं। ट्रस्ट का कहना है कि यह व्यवस्था संविधान के अनुरूप नहीं है और इसे बदला जाना चाहिए।

संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का दिया हवाला ज्ञापन में भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का हवाला देते हुए कहा गया कि सभी धार्मिक समुदायों को अपने धार्मिक स्थलों का स्वतंत्र प्रबंधन करने का अधिकार है। अन्य धर्मों के पूजा स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों का संचालन संबंधित समुदायों द्वारा किया जाता है, तो बोधगया के महाबोधि महाविहार का प्रबंधन भी पूरी तरह बौद्ध समुदाय के हाथों में होना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित धरोहर स्थल ज्ञापन में यह भी बताया गया कि महाबोधि महाविहार को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है। यह बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र स्थल है, इसलिए इसके प्रशासन में किसी अन्य धर्म के लोगों का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

अनशन आंदोलन की दी चेतावनी ट्रस्ट ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो डॉ. आंबेडकरी मिशन के अनुयायी और भिक्खु संघ के सदस्य बोधगया में बड़े पैमाने पर अनशन आंदोलन करेंगे। ट्रस्ट को उम्मीद है कि महामहिम राष्ट्रपति इस मामले में हस्तक्षेप कर भारत सरकार और बिहार सरकार को आवश्यक निर्देश देंगे। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी मौजूद रहे, जिन्होंने सरकार से संविधान के अनुरूप कदम उठाने की अपील की।

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