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बार बार IVF फेल होने के क्या कारण हो सकते हैं और आयुर्वेदा से कैसे हो सकती है रिकवरी – डॉ चंचल शर्मा


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स्वास्थ्य

बार बार IVF फेल होने के क्या कारण हो सकते हैं और आयुर्वेदा से कैसे हो सकती है रिकवरी – डॉ चंचल शर्मा

बार बार IVF फेल होने के क्या कारण हो सकते हैं और आयुर्वेदा से कैसे हो सकती है रिकवरी - डॉ चंचल शर्मा

जब भी किसी महिला या पुरुष में प्रजनन संबंधी कमियां पाई जाती हैं तो डॉक्टर उन्हें IVF कराने की सलाह दे देते हैं। IVF एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे पुरुष के स्पर्म को महिला के अंडे के साथ आर्टिफीसियल तरीके से लैब में मिलाया जाता है और उससे बने भ्रूण को महिला के गर्भाशय में इम्प्लांट किया जाता है। निषेचन की यह प्रक्रिया चूँकि लैब में होती है इसलिए उससे प्राप्त बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है। लेकिन IVF की सफलता दर बहुत कम है। इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करके 100 में से करीब 30 कपल ही सफलता पूर्वक बच्चे को जन्म दे पाते हैं।

आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा ने बताया कि IVF की पहली साइकिल में सफलता मिल पाना तो और भी मुश्किल होता है। उनके पास ऐसे कई पेशेंट्स आते हैं जिसके दो दो, तीन तीन IVF फेल हो चुके होते हैं लेकिन आयुर्वेदिक उपचार से वह माँ बन पाती है।

किन कारणों से हो सकता है IVF फेल

  • अधिक उम्र: अगर महिला पार्टनर की उम्र 35 वर्ष से अधिक है तो एग की क्वालिटी में गिरावट आने लगती है ऐसे में आईवीएफ फेल होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
  • धूम्रपान या शराब का सेवन: अगर कोई महिला धूम्रपान करती है या शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करती है तो भी आईवीएफ फेल हो सकता है।
  • गर्भाशय की स्थिति: भ्रूण को गर्भाशय में इम्प्लांट करने के बाद उसकी सफलता गर्भाशय की स्थिति पर निर्भर करता है, इसलिए महिला का यूटेरस स्वस्थ होना चाहिए नहीं तो गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
  • मोटापा: IVF की सफलता के लिए महिला का वजन नियंत्रित होना बहुत जरुरी है इसलिए अगर आपका वजन ज्यादा है तो पहले उसे नियंत्रित करें।

IVF फिर से फेल ना हो उसके लिए क्या करना चाहिए?

  • इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए पहले आपको अपने शरीर को अच्छे से तैयार करना चाहिए।
  • एंडोमेट्रिओसिस वाले पेशेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके गर्भाशय का वातावरण अच्छा हो।
  • ट्यूबल ब्लॉकेज के मामले में एग क्वालिटी, उम्र, शुक्राणुओं की गुणवत्ता आदि का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से बीज संस्कार करके फिर अगर आप IVF करवाते हैं तो सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है।

आयुर्वेदा के अनुसार कुछ गर्भसम्भव भाव बताये गए हैं, जिनपर अच्छे से काम करके आप गर्भधारण की प्रक्रिया को और भी आसान और प्राकृतिक बना सकते हैं। इससे आपकी प्रेगनेंसी स्वस्थ होगी और सफलता की सम्भावना भी बढ़ जाएगी।

ऋतू
क्षेत्र
बीज
अम्बु

ये चार ऐसे भाव हैं जो प्रेगनेंसी के लिए बहुत जरुरी हैं। आयुर्वेदिक दवाओं, थेरेपी, डाइट हुए एक्सरसाइज के जरिए आप इसे ठीक कर सकते हैं। इस तरीके से आप बार बार फेल होने वाले आईवीएफ पर प्राकृतिक रूप से विजय पा सकते हैं।

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