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नवंबर में एक साथ होंगे नगर निकाय चुनाव:यूडीएच मंत्री बोले- इस दिशा में बढ़ा रहे हैं कदम, शेखवाटी के गांव-गांव तक जाएगा यमुना का पानी


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नवंबर में एक साथ होंगे नगर निकाय चुनाव:यूडीएच मंत्री बोले- इस दिशा में बढ़ा रहे हैं कदम, शेखवाटी के गांव-गांव तक जाएगा यमुना का पानी

नवंबर में एक साथ होंगे नगर निकाय चुनाव:यूडीएच मंत्री बोले- इस दिशा में बढ़ा रहे हैं कदम, शेखवाटी के गांव-गांव तक जाएगा यमुना का पानी

झुंझुनूं : यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि 2025 में सभी निकायों के वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव कराने का राज्य सरकार का मानस है। वो निकाय भी शामिल होंगे, जिनका कार्यकाल 2026 में खत्म हो रहा है।

मंत्री खर्रा शनिवार को झुंझुनूं के संस्थापक झुंझार सिंह की मूर्ति स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान, छात्र-छात्राएं, प्रशासनिक अधिकारी सहित अन्य क्षेत्र में अच्छा काम करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा- नवंबर 2025 में नगर निकाय के चुनाव एक साथ हों, हम इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। नगर निकाय का सीमा विस्तार और वार्ड का पुनर्गठन निष्पक्ष रूप से हो, उसमें कोई राजनैतिक दखल ना हो, इसलिए प्रशासनिक अधिकारी को प्रशिक्षित किया है। नगर निकाय के अध्यक्ष को प्रशासनिक तौर पर नहीं लगाए जाने पर बोलते हुए कहा कि गांव और शहर की समस्या और संचालन में बहुत फर्क होता है। तबादला होने के बाद अधिकारी और कर्मचारी के द्वारा जगह नहीं छोड़ने को लेकर कहा कि वह इस बारे में जयपुर जानकारी लेंगे।

शेखावाटी के गांव-गांव तक जाएगा यमुना का पानी

बजट में यमुना नहर के पानी को लेकर चर्चा नहीं होने पर बोलते हुए कहा कि झुंझुनूं, सीकर और चूरू को यमुना का पानी मिल गया है, इससे ज्यादा क्या हो सकता है। 40 साल उन्हें पानी नहीं मिल रहा था। इस शासन में ये मांग पूरी होने जा रही है। शेखावाटी के गांव-गांव तक इसका पहुंच जाएगा। हमने डीपीआर के लिए पैसा दे रखा है। दो दिन पहले संयुक्त जॉइन्ट टास्क फोर्स बनी है। इसके बनने के बाद सर्वे होगा, उसके बाद डीपीआर बनेगी। कितना खर्चा होगा उसका आकलन होगा। उसके बजट में प्रावधान होगा। अभी इस काम के लिए गत बजट में 65 करोड़ प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं शहर में पुलिस लाइन के पास रुके फ्लाई ओवर काम भी जल्द ही शुरू हो जाएगा।

जिले बनाने से पहले आर्थिक स्थिति का आकलन करना पड़ता है

नीमकाथाना को जिला रद्द करने पर हो रहे विरोध पर बोलते हुए कहा कि जनहित में निर्णय लेने से पहले सरकार की आर्थिक स्थित का आकलन करना चाहिए। एक नया जिला विकसित करने के लिए कम से कम 2 से 3 हजार करोड़ रूपए की जरूरत होती है। जिला या तहसील क विस्तार से काम नहीं चलता है, अगर सुधार करना है तो प्रशासनिक अधिकारी की भी जरूरत होती है। अब लोग कहते हैं कि जिले बनने से तेजी से विकास होता है। तेजी से तो तब होगा जब राज्य के पास आर्थिक संसाधन होंगे। अगर आर्थिक संसाधन नहीं होंगे तो जिले चाहे हजार बना दो, कहा से विकास कर लोगे। विकास के लिए आर्थिक संसाधन जरूरी है। आर्थिक संसाधन के लिए 72 वित्तीय प्रबंधन जरूरी है। इसके 72 प्रशासनिक प्रबंधन जरूरी है। इसके राजनैतिक प्रबंधन जरूरी है।

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