झुंझुनूं : रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान, चिड़ावा;गिडानिया में आजिविका और उद्यम विकास कायर्क्रम का शुभारम्भ
रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान, चिड़ावा;गिडानिया में आजिविका और उद्यम विकास कायर्क्रम का शुभारम्भ

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान के द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, झुंझुनूं के सहयोग से आजिविका और उद्यम विकास कायर्क्रम के तहत चल रहे 10 दिवसीय प्रशिक्षण कायर्क्रम का गांव गिडानिया में शुभारम्भ किया। कायर्क्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 विजय सिंह, रिटायडर् पशुचिकीत्सा अधिकारी, पशुपालन विभाग चिड़ावा, संस्थान के जल एंव ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा, संस्थान के कृषि एंव वानिकी समन्वयक सुबेन्द्र भट्ट, गिडानिया पशुचिकित्सालय से एलएसए मोनिका उपस्थित रहे।
कायर्क्रम के मुख्य अतिथि ने उपस्थित सभी ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए बकरीपालन की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए उनमें होने वाले टीकाकरण के तहत लगने वाले फड़कीया की टीका, गोट पोक्स वैक्सीन पीपीआर(निमोनिया) का वैक्सीन, पेट के कीड़ों की दवाई आदि के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान की। पशुओं में होने वाली मौसमी बीमारियों के बारे में एवं उनके रोकथाम के बारे में जानकारी प्रदान की।
संस्थान के जल एंव ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा ने सभी को संस्थान के जल संरक्षण, कृषि एंव पयार्वरण संरक्षण एंव स्वच्छता के क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों की जानकारी से सभी को अवगत करवाया।
संस्थान के कृषि एंव वानिकी समन्वयक सभी को कृषि से संबधित सभी जानकारियाँ जैसे कटाई के पूर्व से लेकर बुवाई के पश्चात जैसे गमीर् की गहरी जुताई, मृदा परिक्षण, फसल चक्र उपयोगिता, मिनीमम एंव जीरोटिलेज के फायदे, बीज का चुनाव एंव बीजोपचार के फायदे आदि छोटी-छोटी बातें जिनकों ध्यान में रखकर किसान अपनी फसल को नुकसान से बचा सकता है और अधिकतम उत्पादन लेकर ज्यादा आमदनी ले सकता है इसके अतिरिक्त खेजड़ी के वृक्ष को सूखने से बचाने के लिए जड़छेदक कीट एंव फंफूदी गाइनोडमार्, फ्यूजेरियम एंव राइजोक्टाॅनिया इत्यादि रोकने के लिए उपाय बताए। जैविक खेती में देशी गाय के फायदे बताए। आदि संबधी तकनीकी जानकारियों के साथ-साथ फसलों को सर्दी से बचाव हेतु सुझाव दिये गये।
एलएसए मोनिका ने सभी प्रशिक्षाणथीर्यों से कहा कि इन प्रशिक्षण कायर्क्रमों के दौरान बकरी पालने में रख-रखाव, टीकाकरण, आहार को वैज्ञानिक विधी से बकरी पालन करेगें तो आय में निश्चित वृद्धि होगी व बीमारियों से होने वाले नुकसान में कमी आएगी। उनमें होने वाले रोग एंव उनके टीकाकरण की विस्तार से जानकारी दी।
कायर्क्रम संचालनकर्ता संस्थान के क्षेत्रिय पयर्वेक्षक अजय बलवदा ने उपस्थित सभी अतिथियों, प्रशिक्षकों एंव ग्रामीणों का आभार एंव धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर संस्थान के पयर्वेक्षक रविन कुमार भैड़ा सहित कायर्क्रम में 30 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।