16 साल की गौरी 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट:देश-विदेश में सीखा रहीं कैलीग्राफी आर्ट; सीएम-पीएम भी सम्मानित कर चुके
16 साल की गौरी 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट:देश-विदेश में सीखा रहीं कैलीग्राफी आर्ट; सीएम-पीएम भी सम्मानित कर चुके

अजमेर : अजमेर की यंगेस्ट कैलीग्राफी टीचर गौरी माहेश्वरी (16) ने ऑस्ट्रेलिया से लेकर फ्रांस तक के स्टूडेंट्स को कैलीग्राफी सीखा रही है। उनके 6 साल से लेकर 60 साल तक के स्टूडेंट्स हैं। गौरी 2023 में बीएसएफ जैसलमेर में भी कमांडर ऑफिसर सहित जवानों को कैलीग्राफी सीखा चुकी हैं।
वह ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों और स्कूल की टीचर्स को कैलीग्राफी सीख रही है। अब तक गौरी 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को कैलीग्राफी सीख चुकी है। गौरी को 200 से ज्यादा कैलीग्राफी की डिजाइन आती है। इसी कला के चलते गौरी को साल 2022 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला था। रविवार को जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से यूथ आइकॉन अवॉर्ड भी दिया गया। गौरी का नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
गौरी कहती हैं कि उन्हें बच्ची समझकर टीचर ने कैलीग्राफी आर्ट सिखाने से मना किया था। इसके बाद उनके माता-पिता के समझाने पर सिखाना शुरू किया तो गौरी ने अपनी लगन से यह मुकाम हासिल किया।

पढ़िए गौरी से खास बातचीत
गौरी ने बताया कि उन्हें कलर पैन का शौक था। अलग-अलग रंग के पैन से हैंडराइटिंग बहुत पसंद थी। इस दौरान कैलीग्राफी के बारे में पता चला। रिसर्च किया तो बहुत सी जानकारियां मिली। धीरे-धीरे शब्दों के कई डिजाइन सीखें और 2-डी डिजाइन से लेकर बहुत कुछ सीखा। इसके बाद से ही वह कैलीग्राफी कर रही हैं।

200 से ज्यादा डिजाइन बनाए
गौरी ने पढ़ाई की शुरुआत जयपुर में की और कुछ समय के लिए अजमेर के मशहूर मेयो गर्ल्स स्कूल में पढ़ाई करने के बाद अब गौरी जयपुर के जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ रही हैं। गौरी माहेश्वरी इंडिया ही नहीं देश-विदेश में अपनी कैलीग्राफी को लेकर मशहूर है। गौरी ने बताया कि उसे 200 से अधिक कैलीग्राफी की डिजाइन आती है।
यहां तक कि गौरी ने खुद के भी कैलीग्राफी डिजाइन क्रिएट किए हैं। गौरी का मानना है कि कैलीग्राफी एक बार दिमाग में बैठ जाए तो हार्ड नहीं लगती। कुछ फॉन्ट्स जरूर हार्ड होते हैं, लेकिन वे भी जल्द सीखने में आ जाते हैं।
BSF में भी सिखाई कैलीग्राफी, देश-विदेश में भी स्टूडेंट
गौरी ने बताया कि भारत ही नहीं यूएसए, यूके, लंदन, नाइजीरिया, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में भी उनके कई स्टूडेंट हैं, जिनको वे ऑनलाइन क्लासेस देती हैं। उनकी ऑनलाइन क्लासेस में 6 से लेकर 60 साल तक के स्टूडेंट शामिल हैं। गौरी ने बताया कि अब तक वह 10 हजार से अधिक लोगों को कैलीग्राफी डिजाइन सीखा चुकी हैं।
इसके साथ ही उन्होंने 2023 में जैसलमेर बीएसएफ के कमांडर ऑफिसर और रेजिमेंट को भी कैलीग्राफी सिखाई थी। बीएसएफ में करीब उनके 30 स्टूडेंट थे। गौरी ने बताया कि वर्तमान में वह रूरल एरिया पर फोकस कर रही है। ग्रामीण एरिया के स्कूलों में बच्चों और टीचर्स को कैलीग्राफी सीख रही है। वर्तमान में वह ऑनलाइन 4 हजार स्टूडेंट और ऑफलाइन 10 हजार से ज्यादा बच्चों को कैलीग्राफी सीखा रही है।

नाम पर कई रिकॉर्ड, कई पुरस्कार
गौरी माहेश्वरी को 2022 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार सहित इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में यंगेस्ट कैलीग्राफी का खिताब हासिल कर चुकी हैं। इसके अलावा चाइल्ड फॉर जी सहित कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। गौरी को रविवार को जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यूथ आइकॉन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया। गौरी ने बताया कि वह जयपुर नगर निगम हेरिटेज में ब्रांड एंबेसडर भी है। वह नगर निगम के साथ मिलकर काम भी कर रही है।
अच्छी वक्ता और आर्टिस्ट भी है गौरी
गौरी की मां मीनाक्षी अपनी बेटी के हुनर और उपलब्धियों पर बेहद खुश हैं। वे बताती हैं कि गौरी बचपन से ही टैलेंटेड है। पढ़ाई में होनहार होने के साथ वह अच्छी वक्ता और आर्टिस्ट है। कैलीग्राफी उसकी पसंदीदा आर्ट है। उन्होंने बताया कि जब वह पहली बार अपनी बेटी को कैलीग्राफी की क्लास जॉइन करवाने के लिए इंस्टीट्यूट लेकर गई तो टीचर ने उसकी उम्र देख कर मना कर दिया था। टीचर से कई बार रिक्वेस्ट कर बेटी को जॉइन कराया।

अपना ऐप लॉन्च करना चाहती है गौरी
गौरी ने बताया कि वह किसी इंस्टीट्यूट में काम करना चाहती थी, लेकिन उसकी उम्र कम होने से उसे मना कर दिया। अब वह अपना ऐप डिजाइन करवाना चाहती हैं और टैलेंट को अपने साथ जोड़ना चाहती हैं। गौरी का मानना है कि सीखने और सिखाने की कोई उम्र नहीं होती। सभी के अंदर कोई न कोई टैलेंट होता है। गौरी माहेश्वरी अपनी इस काबिलियत का श्रेय पेरेंट्स और टीचर्स को देती हैं।
2022 में PM सहित कई नेताओं ने किया था ट्वीट
गौरी के पिता गौरव माहेश्वरी ने बताया कि वे बेटी की काबिलियत से काफी खुश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई नेताओं और सीएम कार्यालय से ट्वीट कर उनकी बेटी को शुभकामनाएं भी दी गई है। पिता गौरव ने कहा कि उनकी बेटी ने उनके परिवार का नहीं अजमेर और राजस्थान का नाम रोशन कर रही है। हमें बेटी पर गर्व है। हम चाहते हैं कि वह देश के लिए और भी बहुत कुछ करें।
NGO और विभिन्न संस्थाओं से जुड़ी है गौरी
गौरी की मां मीनाक्षी माहेश्वरी ने बताया कि उनकी बेटी एनजीओ और विभिन्न संस्थाओं से जुड़ी है। वह अपनी जो भी अर्निंग होती है, उसे सोशल वर्क में डोनेट करती है। इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं में कैलीग्राफी फ्री सिखाती है। राम मंदिर निर्माण के दौरान गौरी ने राम-नाम लिखकर कैलीग्राफी डिजाइन से भगवान राम की तस्वीर बनाई थी। जिसे जयपुर सांसद रामचरण बोहरा को भेंट किया था।
ये होती है कैलीग्राफी
कैलीग्राफी शादी के कार्ड, हाथ की बनी प्रेजेंटेशन, मेमोरियल डाक्युमेंट, सर्टिफिकेट, निमंत्रण-पत्र, बिजनेस कार्ड पोस्टर, ग्रीटिंग कार्ड, बुक कवर, लोगो, लीगल डॉक्यूमेंट बनाने, सिरेमिक और मार्बल पर शब्दों को उकेरने सहित अन्य काम आती है।