सुशासन सप्ताह के अंतर्गत झुंझुनूं में जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित
सुशासन सप्ताह के अंतर्गत झुंझुनूं में जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : भारत सरकार के निर्देशानुसार 19 से 24 दिसंबर तक मनाए जा रहे सुशासन सप्ताह के अंतर्गत सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता रिटायर्ड आईएएस अधिकारी प्रदीप कुमार बोरड़ ने की। इस दौरान जिला कलक्टर रामावतार मीणा ने जिले में सुशासन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रदीप बोरड़ ने अपने कार्यकाल में झुंझुनूं में किए गए नवाचारों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि उनके नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और अन्य जिलों में भी अपनाया गया। उन्होंने “कलेक्टर की क्लास” नवाचार की चर्चा करते हुए इसे और विस्तारित कर “कलेक्टर से कोचिंग क्लास” प्रारंभ करने की मंशा व्यक्त की। शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्कूल डायरी के नवाचारों को लागू करने और बाल सभाओं को सामुदायिक चौपाल पर आयोजित करने की अपील की।
जिले का विजन डॉक्यूमेंट 2047 प्रस्तुत
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अजय कुमार आर्य ने कार्यशाला में जिले का विजन डॉक्यूमेंट 2047 प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि युवा अधिकारियों द्वारा जिले की विकास संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस डॉक्यूमेंट को तैयार किया गया है। इसमें झुंझुनूं को शिक्षा, पर्यटन, पशुपालन, और एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लक्ष्य शामिल हैं। डॉक्यूमेंट में लोहार्गल तीर्थ स्थल को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने, वन क्षेत्र को बायोडायवर्सिटी हब बनाने और वुडन हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने जैसे प्रस्ताव रखे गए हैं। इसके अलावा, झुंझुनूं में हवाई पट्टी को डोमेस्टिक एयरपोर्ट में बदलने और जिले को राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता में अग्रणी बनाने पर भी चर्चा हुई।
सुशासन और विकास पर केंद्रित कार्यशाला
जिला प्रशासन के तत्वावधान आयोजित कार्यशाला में प्रशासन की ओर से शिकायत निवारण प्रणाली, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे विषयों पर चर्चा की गई। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक घनश्याम गोयल ने बताया कि आमजन की शिकायतों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शिकायत निवारण के समय में कमी लाकर संतुष्टि स्तर बढ़ाया जाए।
शिक्षा में नवाचार
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) सुभाष ढाका ने बताया कि नामांकन अभियान चलाकर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जा रही है। स्कूली बच्चों के पढ़ने और लिखने के कौशल में सुधार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में संचालित 125 अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की जा रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि जिले में पब्लिक हेल्थ सिस्टम को सुद्ढ़ करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
किसानों और महिलाओं के लिए योजनाएं
सहकारिता विभाग की अधिशासी अधिकारी सुमन चाहर ने बताया कि किसानों के उत्थान के लिए अल्पकालिक ऋण वितरण प्रणाली को अपनाया गया है। वहीं, राजीविका के जिला प्रबंधक राहुल ने जानकारी दी कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुग्ध वितरण केंद्र और सखी डेयरी की स्थापना की जा रही है।
महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक संजय महला ने बताया कि महिलाओं के लिए विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। 24 महिला विकास केंद्रों पर सिलाई मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
पेयजल आपूर्ति पर योजनाएं
पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता शरद माथुर ने जिले में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति के लिए विशेष परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने गिरते भूजल स्तर को लेकर भी चिंता व्यक्त की। इस कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलाश चंद्र सहित जिले के सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला ने जिले में समग्र विकास और सुशासन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने पर जोर दिया।