पिलानी : झुंझुनू जिले के बीएसएफ के जवान राजेश कुमार पूनिया का आज निधन हो गया। राजेश कुमार पूनिया जिले के पिलानी ब्लॉक के बनगोठड़ी खुर्द गांव के निवासी थे और बीएसएफ की 03 बटालियन में उनकी नियुक्ति गुजरात के भुज में थी। वे 2015 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे और वर्तमान में कांस्टेबल जीडी के पद पर कार्यरत थे।
राजेश कुमार पूनिया की उम्र अभी 31 वर्ष ही थी और वे ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए कुछ दिन पहले ही जयपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि 2 दिसम्बर को ही उनका ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद से ही वे कोमा में थे। बुधवार को उनका निधन हो गया था।
गुरुवार को पोस्टमार्टम तथा अन्य औपचारिकताओं के बाद उनके पार्थिव शरीर को देर शाम पिलानी लाया गया था। सूर्यास्त की वजह से पिलानी के एक निजी अस्पताल की मोर्चरी में पार्थिव देह को रखा गया था। आज सुबह एम्बुलेंस से बीएसएफ कांस्टेबल राजेश कुमार पूनिया की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव बनगोठड़ी स्थित उनके निवास स्थान पर लाई गई।
राजेश कुमार पूनिया के निधन की सूचना के बाद से ही गांव में भी 2 दिन से सन्नाटा पसरा हुआ था, और आज हर चेहरे पर शोक की लहर थी। पार्थिव देह के गांव में पहुंचने पर माहौल बेहद गमगीन हो गया, परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था। बीएसएफ जवान के पार्थिव शरीर को देख कर पत्नी रीना बेसुध हो गई, जिन्हें बड़ी मुश्किल से परिजनों ने संभाला।
बीएसएफ जवान राजेश कुमार पूनिया की धर्मपत्नी रीना गृहिणी हैं, 2 छोटे बच्चे हैं। बेटी गुंजन 7 वर्ष और बेटा ओजस 5 वर्ष का है। पिता जयवीर सिंह किसान है, माता-पिता गांव में ही रहते हैं। राजेश पूनिया के छोटे भाई सुरेन्द्र पूनिया भी आर्मी की ईएमई डिवीजन में हैं। दोनों भाईयों के परिवार बच्चों की पढ़ाई के लिए पिलानी में रहते हैं।
अन्तिम संस्कार से पहले गांव में बीएसएफ की टुकड़ी ने दिवंगत जवान को गन सैल्यूट और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इससे पहले कांस्टेबल राजेश कुमार पूनिया के पिता जयवीर सिंह, भाई सुरेन्द्र और बेटे ओजस को तिरंगा सौंपा गया। दिवंगत बीएसएफ जवान के छोटे भाई सुरेन्द्र कुमार ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए। मौके पर मौजूद सैंकड़ों ग्रामवासियों ने नम आंखों से अपने लाडले को अन्तिम विदाई दी।
अन्तिम संस्कार में रोहिताश्व रणवा, मीर सिंह पूनिया, सूबेदार महावीर सिंह, सुरेन्द्र पत्रकार, दीवान सिंह ग्रेवाल, धर्मपाल पूनिया, विरेन्द्र सिंह पूनिया, सत्यवीर पूनिया, सुमेर पूनिया, राजीव सरपंच, सहीराम पूनिया, कुलदीप आर्य, पवन पूनिया, रामपाल लाम्बा, महेन्द्र सिंह, शुभराम स्वामी, होशियार सिंह मेघवाल सहित बड़ी संख्या में परिवार के लोग और ग्रामीण शामिल हुए।