कैसा है अजमेर दरगाह के बाहर का माहौल?:दीवान बोले- मामले पर सुप्रीम कोर्ट स्वत संज्ञान ले; चिश्ती ने कहा- देश को रोजगार-शिक्षा के मुद्दे से भटका रहे
कैसा है अजमेर दरगाह के बाहर का माहौल?:दीवान बोले- मामले पर सुप्रीम कोर्ट स्वत संज्ञान ले; चिश्ती ने कहा- देश को रोजगार-शिक्षा के मुद्दे से भटका रहे
अजमेर : अजमेर की ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 28 दिसंबर को 813वां उर्स की शुरुवात होंगी। इसके ठीक 8 दिन पहले दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाली विष्णु गुप्ता की याचिका पर पहली सुनवाई भी है। दरगाह बाजार में दुकान लगाने वाले व्यापारियों का कहना है कि जबसे याचिका लगी है। जायरीन आने कम हो गए हैं। जहां पहले 1 दिन में 15 हजार जायरीन आते थे अब उनकी संख्या घटकर 5 हजार हो गई है। वहीं व्यापार पर भी फर्क पड़ा है।
इधर, याचिका को लेकर दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने कोर्ट से अपील की है कि दरगाह पर 1991 का वर्शिप एक्ट लागू होता है। इसके बाद भी सुनवाई की तारीख दी गई है। ऐसे में, सुप्रीम कोर्ट सुओ मोटो (स्वतः संज्ञान) लें और देश में भाईचारे को कायम रखने की अपील की करे।
दीवान बोले- सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लें
पूरे मामले को लेकर अजमेर दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने कहा- मेरी सुप्रीम कोर्ट से अपील है कि इसमें उन्हें स्वतः संज्ञान लेते हुए एक्शन लेना चाहिए। वर्शिप एक्ट, 1991 में साफ लिखा है कि 1947 के बाद बने धार्मिक स्थलों का सर्वे भी नहीं करवाया जा सकता। इसे सुप्रीम कोर्ट को आगे आकर क्लियर करना चाहिए। मेरी सभी से अपील है कि भ्रामक बातों या अफवाहों में ना आए। देश में अमन-चैन की दुआ की अपील करता हूं। आगामी 28 से उर्स शुरू हो रहा है, जायरीन यहां आए और जियारत करें। अजमेर की फिजां में हमेशा मोहब्बत रहेगी और आगे भी रहेगी।
रोजगार-महंगाई सबसे बड़े मुद्दे
अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा- दरगाह में हर धर्म जाति के लोग आते हैं। चिश्ती ने दावा किया कि एक उस आदमी (विष्णु गुप्ता) ने केस फाइल किया है जिस पर खुद पर केस बहुत सारे हैं। आपस में सौहार्द तभी कायम रहेगा जब यह लोग हर मस्जिद और दरगाह के नीचे से शिवलिंग ढूंढना बंद करेंगे। इनसे हटकर भी कई मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। बच्चों को रोजगार चाहिए, देश को महंगाई से निजात चाहिए और आपसी सौहार्द चाहिए।
इधर, 28 दिसंबर को अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में 813वां उर्स मनाया जाएगा। व्यापारियों का कहना है कि याचिका के बाद से यहां जायरीनों की आवक कम हुई है। जहां पहले एक दिन में 15 हजार जायरीन आते थे, अब उनकी संख्या घटाकर 5 हजार के करीब रह गई है। उर्स भी नजदीक है ऐसे में यहां इस बार रौनक कम रहेगी। उर्स से 8 दिन पहले 20 दिसंबर को दावे पर पहली सुनवाई होनी है। ऐसे में, कई लोग अजमेर आने से पहले माहौल को लेकर पूछताछ कर रहे हैं।
पढ़िए क्या है अजमेर की दरगाह के बाहर का माहौल-
दरगाह व्यापार संघ के अध्यक्ष होतचंद सिरनानी ने बताया- इस बार 28 दिसंबर को उर्स है। इससे पहले ही यहां जायरीनों का आना शुरू हो जाता है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां मुस्लिम समुदाय और अन्य समुदाय के लोग आते हैं।
जायरीन की संख्या में आई कमी
सिरनानी ने बताया- सामान्य दिनों में यहां 15 हजार जायरीन आते हैं। अभी संख्या में कमी आई है। अभी यह घटकर 5000 जायरीन की हो गई है। वहीं उर्स में तो दिनभर में डेढ़ लाख जायरीन यहां आते हैं। माहौल को देखते हुए ऐसा लगता है कि इस संख्या में भी गिरावट होगी। यहां सिर्फ मुस्लिम व्यापारी नहीं बल्कि सभी धर्मों के व्यापारी हैं। मिलजुल कर काम करते हैं। हम यही चाहते हैं कि हमेशा भाईचारा बना रहे। अजमेर शहर ऐसा नहीं है कि यहां की फिजां में कभी जहर घुला हो। कोर्ट का फैसला अपनी जगह है और दरगाह की आस्था अपनी जगह। ऐसे में, अपील है कि माहौल बिगड़ने की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
50 करोड़ का होता है व्यापार
सिरनानी ने बताया- अजमेर दरगाह बाजार का व्यापार करीब 1 दिन में 4 करोड़ का रहता है। उर्स में यह व्यापार 50 करोड़ के करीब हो जाता है। लगातार हो रही बयानबाजी के कारण इसमें भी गिरावट आई है। माहौल खराब होने के डर से जायरीन आने से भी डर रहे हैं। इससे व्यापार पर फर्क पड़ रहा है और अजमेर को आगे भी इसका नुकसान झेलना पड़ेगा।
फोन करके पूछ रहे, आएं या नहीं
फूलों के व्यापारी घनश्याम ने बताया- यहां बाहर से आने वाले मेहमान फोन करके पूछ रहे हैं कि माहौल क्या है? क्या इस समय यहां आया जा सकता है। अब जैसा माहौल है उस हिसाब से झूठ तो नहीं बोल सकते और किसी भी स्थिति के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकते। ऐसे में, लोग यहां आने से बच रहे हैं।
फूल बेचने वाले मुस्लिम व्यापारी शहजाद ने कहा- सभी धर्मों के व्यापारियों का रोजगार यही से चलता है। ऐसा तो है नहीं कि हम बहुत बड़े व्यापारी है। रोज कमाते हैं और उसी से घर खर्च चलता है। पब्लिक में भी गलत संदेश जा रहा है। लोग नहीं आएंगे तो हमारे व्यापार ठप हो जाएंगे।
क्या बोले जायरीन-
भीम निवासी धनु देवी ने बताया कि अजमेर दरगाह की बहुत मान्यता है। यह जो भी विवाद है वह नहीं होना चाहिए। सभी धर्मों के लोगों को एक साथ रहना चाहिए। मैं भी हिंदू हूं और दरगाह जियारत करने आई हूं। कई सालों से दरगाह आ रही हूं। आगे भी आउंगी, यहां ऐसा माहौल नहीं है कि कोई लड़ाई-झगड़ा हो। सभी प्रेम से है और शांति है।
अमेरिका से जियारत करने अमन चड्डा ने कहा- मैं भी अमेरिका से जियारत करने आया हूं। हम सभी को हर धर्म का आदर करना चाहिए। सभी की अपनी-अपनी आस्था है, मुझे यहां आकर अच्छा लगता
जायरीन गुलाम शेख ने कहा- ख्वाजा साहब सभी धर्म के लोगों के लिए है। हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्म के लोग यहां पहुंचते हैं।
गुप्ता बोले- व्यापारी धैर्य रखें, सब ठीक होगा
वहीं अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता ने कहा- थोड़े समय की बात है सब ठीक होगा। व्यापारियों को इसका समर्थन करना चाहिए। मैं व्यापारियों से धैर्य रखने की अपील करता हूं। भगवान सब ठीक करेगा।