विरासत दिवस की तैयारियों के लिए बैठक का हुआ आयोजन, स्वामी विवेकानंद व राजा अजीत सिंह की यादों को बनाया जाएगा चिरस्थाई, दो दिवसीय कार्यक्रम का होगा आयोजन
विरासत दिवस की तैयारियों के लिए बैठक का हुआ आयोजन, स्वामी विवेकानंद व राजा अजीत सिंह की यादों को बनाया जाएगा चिरस्थाई, दो दिवसीय कार्यक्रम का होगा आयोजन
खेतड़ी : कस्बे के अजीत विवेक संग्रहालय परिसर में मंगलवार को विरासत दिवस की तैयारियों को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। रामकृष्ण मिशन सचिव स्वामी आत्मनिष्ठा नंद महाराज की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यकर्ताओं को अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। मिशन सचिव स्वामी आत्मनिष्ठा नंद महाराज ने बताया कि स्वामी विवेकानंद के खेतड़ी में आने के 126 वर्ष पूर्ण होने पर 14वा खेतड़ी विरासत दिवस समारोह 12 दिसंबर को मनाया जाएगा। स्वामी विवेकानंद व देश को सनातन धर्म की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने में खेतड़ी विरासत ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नरेश अजीत सिंह के सहयोग से स्वामी विवेकानंद 1893 में शिकागो धर्म सम्मेलन में पहुंचे थे, जहां उन्होंने सनातन धर्म संस्कृति का परचम लहराते हुए देश को विश्व में विख्यात कर दिया था। राजा अजीत सिंह व स्वामी विवेकानंद की गहरी मित्रता के चलते खेतड़ी को अलग पहचान मिल पाई थी, जिसकी बदौलत खेतड़ी आज भी दो महान विभूतियों की दोस्ती ओर उनकी यादों को चिरस्थाई बनाने के लिए इस प्रकार के ऐतिहासिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि विरासत दिवस को भव्य रूप से मनाया जाएगा। विरासत दिवस की तैयारी को लेकर अजीत विवेक संग्रहालय को भव्य रूप से सजाया जाएगा। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद व राजा अजीत सिंह की झांकियां सजाकर पूरे कस्बे में नगर भ्रमण करवाया जाएगा। खेतड़ी में विरासत दिवस पर होने वाले कार्यक्रम भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में अपनी अलग पहचान रखते हैं। वहीं क्षेत्र की जनता को भी धर्म व संस्कृति के प्रति आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। बैठक में समारोह को हर्षोल्लास व भव्यता से मनाने का निर्णय हुआ और कार्यकर्ताओं को इसके निमित्त जिम्मेदारियां सौंपी गई। बैठक में निर्भयराम शास्त्री, राजेंद्र सिंह, अशोक सिंह, कालीचरण, सुरेश कुमार, विमल कुमार, मोहित सैनी, प्रवीण कुमार, दिनेश कुमार, गोकुलराम, हरेंद्र कुमार, प्रदीप सुरोलिया, डॉ राघवेन्द्र पाल, चंद्रमोहन सैनी, अजय शर्मा सहित अनेक लोग मौजूद थे।