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सीकर ऑनर किलिंग केस- सरपंच बनना चाहता था हत्यारा पिता:सबने मना किया तो खुद घोंटा बेटी का गला; बोली थी- सबको फंसा दूंगी


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सीकर ऑनर किलिंग केस- सरपंच बनना चाहता था हत्यारा पिता:सबने मना किया तो खुद घोंटा बेटी का गला; बोली थी- सबको फंसा दूंगी

सीकर ऑनर किलिंग केस- सरपंच बनना चाहता था हत्यारा पिता:सबने मना किया तो खुद घोंटा बेटी का गला; बोली थी- सबको फंसा दूंगी

सीकर : सीकर के ऑनर किलिंग केस को कोर्ट ने रेयर ऑफ द रेयरेस्ट माना। कोर्ट का फैसला आने के बाद हमारे मीडिया कर्मी ने केस की चार्जशीट खंगाली तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

सीकर के आलोदा गांव की रहने वाली प्रेम (19) ने करड़ निवासी अपने प्रेमी गणपतलाल (37) को मरा हुआ देख पिता रामगोपाल, चाचा महादेव और चचेरे भाई सहित अन्य को धमकी दी थी। कहा था- इसे जिंदा नहीं किया तो सबको फंसा दूंगी। इसके बाद ही पिता रामगोपाल ने बेटी को मारने का प्लान बनाया, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। फिर खुद कमरे में ले जाकर उसका गला घोंट दिया। उधर, मरने से पहले गणपत ने प्रेम को बताया था कि वह 3 बच्चों का पिता है।

प्रॉपर्टी डीलर रामगोपाल राजनीति में सक्रिय था। सरपंच का चुनाव भी लड़ने वाला था। उसे अपनी इज्जत की इतनी फिक्र थी कि वह दो हत्याओं के बाद अगले दिन पेट्रोल पंप गया। सरपंच पद का चुनाव लड़ने की बात कहकर मारपीट के CCTV फुटेज डिलीट करने की बात की।

पढ़िए वो चार्जशीट जो पुलिस ने हत्यारे पिता को जेल पहुंचाने के लिए तैयार की…

चार्जशीट के अनुसार, प्रेम के ममेरे भाई छोटूराम का गणपत की दुकान पर आना-जाना था। फेसबुक पर उनकी दोस्ती हुई थी।
चार्जशीट के अनुसार, प्रेम के ममेरे भाई छोटूराम का गणपत की दुकान पर आना-जाना था। फेसबुक पर उनकी दोस्ती हुई थी।

ममेरे भाई के जरिए हुई थी दोस्ती

गणपत की खाटूश्यामजी में होम डेकोर की दुकान थी। प्रेम का ममेरा भाई छोटूराम अक्सर उसकी दुकान पर आया-जाया करता था। दुकान पर आने-जाने और फेसबुक से दोस्ती हुई।

चार्जशीट के अनुसार, छोटूराम के साथ आने पर प्रेम और गणपत की मुलाकात एक शादी समारोह में हुई थी। प्रेम को गणपत ने मोबाइल फोन दिया था। इस मोबाइल से अक्सर वह उससे देर रात छुपकर बात करती थी।

20 अक्टूबर 2019 या उससे पहले की रात रामगोपाल ने बेटी प्रेम को मोबाइल पर बात करते हुए देखा था। उसने फोन के बारे में पूछा तो प्रेम ने सारी कहानी बता दी। गुस्साए रामगोपाल ने प्रेम को केबल के वायर से बुरी तरह पीटा। इसके बाद सारी बात अपने अन्य साथियों को बताई।

चार्जशीट में यह भी है कि गणपत ने प्रेम के सामने स्वीकार किया था कि वह तीन बच्चों का पिता है।
चार्जशीट में यह भी है कि गणपत ने प्रेम के सामने स्वीकार किया था कि वह तीन बच्चों का पिता है।

21 अक्टूबर को क्या हुआ?

चार्जशीट के अनुसार, 21 अक्टूबर की रात को रामगोपाल ने अपनी बेटी से कहा कि गणपत को बुलाए, हमें उससे बात करनी है। इस पर प्रेम ने फोन कर गणपत को अपने खेत पर बुलाया। बाकी आरोपी आसपास छुप गए। इसी दौरान प्रेम, गणपत के साथ बाइक पर बैठकर फरार हो गई। रामगोपाल और अन्य लोग चौंक गए। अलग-अलग ग्रुप में दोनों का पीछा करने लगे।

चचेरे भाई बीरबल ढाका, बाबूलाल, नंदलाल मीणा और सोहनलाल जाट गाड़ी में गणपत व प्रेम का पीछा करते हुए पलसाना बाइपास पर स्थित एस्सार पेट्रोल पंप के पास पहुंचे। वहां प्रेम और गणपत उन्हें सड़क के पास खड़े दिखाई दिए। उन्होंने गाड़ी रोकी। यह देख गणपत पेट्रोल पंप की तरफ दौड़ा। उसके बाद गाड़ी में सवार सभी लोग गणपत का पीछा करते हुए पेट्रोल पंप के पास पहुंचे। रात करीब 11:18 बजे उसको पेट्रोल पंप के पास पकड़ लिया।

मारपीट करते हुए गाड़ी में बीच की सीट पर बैठा लिया। बाबूलाल ने कॉल करके रामगोपाल को दोनों के मिलने की जानकारी दी। उसके बाद अपनी गाड़ी में तेल भरवाने के लिए पहुंचे। इस दौरान आरोपियों की आपस में फोन पर बात होती रही। यह सारी घटना पेट्रोल पंप पर लगे CCTV कैमरे में कैद हुई थी। यही आरोपियों को सजा दिलाने की पहली सीढ़ी बनी।

ममेरे भाई से भी मारपीट की थी

दोनों को पकड़कर रामगोपाल के घर लाया गया। जहां दोनों से पूछताछ की तो गणपत ने कहा कि उसकी प्रेम से मुलाकात रामगोपाल के भांजे छोटूराम ने करवाई थी। रामगोपाल ने तुरंत मौके पर छोटूराम को बुलाया और उससे भी मारपीट की।

रामगोपाल ने प्रेम से कहा-

गणपत तो शादीशुदा है और तीन बच्चों का पिता है। तू इसके साथ जाना चाहती है क्या? तब प्रेम ने गणपत से उसके बच्चों के बारे में पूछा तो गणपत ने भी तीन बच्चे होना स्वीकार किया।

पानी-पानी चिल्ला रहा था गणपत

प्रेम ने वहां खड़े सभी लोगों से कहा कि यह आप लोगों के दबाव में झूठ बोल रहा है। यह तो कुंवारा है। गणपत उस वक्त मारपीट के चलते घायल अवस्था में था और पानी-पानी चिल्ला रहा था। तब प्रेम का मामा परसाराम पानी का लोटा लेकर आया और गणपत के मुंह में पानी डाल दिया।

गणपत को मारने के बाद रामगोपाल ने उसकी बॉडी को प्रेम के साथ कमरे में बंद कर दिया।
गणपत को मारने के बाद रामगोपाल ने उसकी बॉडी को प्रेम के साथ कमरे में बंद कर दिया।

‘मुझे यह जिंदा चाहिए’

चार्जशीट के अनुसार, पानी डालने के बाद गणपत की आंखें चढ़ गई। रामगोपाल ने गणपत की नब्ज देखकर कहा- यह तो मर चुका है। गणपत को मरा हुआ देख प्रेम चिल्लाई- मुझे यह जिंदा चाहिए, वरना मैं सभी को फंसाऊंगी। रामगोपाल ने बेटी प्रेम और गणपत (शव) को कमरे में छोड़ दिया। कमरे को बाहर से बंद कर दिया।

यह तस्वीर गणपत और प्रेम की है। गणपत, प्रेम से दोगुनी उम्र का था।
यह तस्वीर गणपत और प्रेम की है। गणपत, प्रेम से दोगुनी उम्र का था।

कोई राजी नहीं हुआ तो रामगोपाल ने घोंट दिया गला

इसके बाद बाहर आकर रामगोपाल ने कमरे में मौजूद अन्य साथियों से बातचीत की। 2 से 3 मिनट की बातचीत के बाद मदनलाल, संदीप गुर्जर और सोहनलाल को कहा कि मेरी लड़की को मार दो। इस पर तीनों ने हत्या करने की बात से इनकार कर दिया। राम गोपाल खुद कमरे के अंदर गया और अपनी बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी।

तस्वीर उस वक्त की है जब रामगोपाल पेट्रोल पंप पर मारपीट के वीडियो डिलीट करवाने गया था। अपने रसूख और सरपंच के चुनाव का हवाला देते हुए CCTV फुटेज डिलीट करने को कहा था।
तस्वीर उस वक्त की है जब रामगोपाल पेट्रोल पंप पर मारपीट के वीडियो डिलीट करवाने गया था। अपने रसूख और सरपंच के चुनाव का हवाला देते हुए CCTV फुटेज डिलीट करने को कहा था।

पंप मालिक से कहा था- सरपंच का चुनाव है, रिकॉर्डिंग डिलीट करनी होगी

चार्जशीट के अनुसार, अगले दिन रामगोपाल अपने साथियों के साथ पलसाना स्थित पेट्रोल पंप पर गया। सेल्समैन महेंद्र गुर्जर ने इस मामले में रामगोपाल का परिचय देते हुए कहा कि यह उनके गांव का है और इनकी (रामगोपाल) बच्ची को एक लड़का लेकर गया था। उस लड़के को खाटू थाने पर अरेस्ट भी करवा दिया गया है। रामगोपाल ने कहा- उसकी बेटी की इज्जत का सवाल है और वह सरपंच का चुनाव लड़ना है इसलिए वह घटना की रिकॉर्डिंग डिलीट करवाना चाहता है।

इसके बाद 22 अक्टूबर को देर रात सभी आरोपियों ने मीटिंग की और रामगोपाल ने गणपत व प्रेम के शव बोलेरो में डाले। जीण माता की पहाड़ियों में दोनों के शव फेंक दिए। गणपत की बाइक को भी जीणमाता से रैवासा रोड के बीच गहरी खाई में फेंक दिया। आरोपियों ने गणपत के पर्स और उसमें रखे डॉक्युमेंट भी पलसाना इलाके में फेंक दिए।

पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन शुरू किया और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में चालान पेश हुआ। घटना के 5 साल 1 महीने बाद सभी आरोपियों को सजा हुई।

रामगोपाल को कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद उसे लेकर जाती पुलिस।
रामगोपाल को कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद उसे लेकर जाती पुलिस।

इनको मिली सजा

रामगोपाल उर्फ गोपाल को मौत की सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना से दंडित किया गया है। चाचा महादेव, मामा परसराम चोपड़ा, चचेरे भाई महेंद्र चौधरी उर्फ महेंद्र मील, नंदलाल नंदकार, बीरबल, सोहनलाल, मदनलाल चांदीवाल, संदीप गुर्जर और बाबूलाल उर्फ हरनेक सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। राजेश चौधरी को 3 साल जेल और 20 हजार जुर्माना से दंडित किया। महेंद्र चोपड़ा, महेंद्र गुर्जर और छोटूराम उर्फ छोटू को बरी कर दिया है।

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