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जयपुर के भिखारियों को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर:राइजिंग राजस्थान से पहले नगर निगम ने शुरू किया अभियान, 60 से ज्यादा भिखारियों का किया रेस्क्यू


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जयपुर के भिखारियों को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर:राइजिंग राजस्थान से पहले नगर निगम ने शुरू किया अभियान, 60 से ज्यादा भिखारियों का किया रेस्क्यू

जयपुर के भिखारियों को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर:राइजिंग राजस्थान से पहले नगर निगम ने शुरू किया अभियान, 60 से ज्यादा भिखारियों का किया रेस्क्यू

जयपुर : राइजिंग राजस्थान के दौरान जयपुर को खूबसूरत बनाने के साथ ही भिखारी मुक्त भी बनाया जा रहा है। नगर निगम हेरिटेज द्वारा अभियान के तहत शहर में भिखारियों का रेस्क्यू किया जा रहा है। जिन्हें पुनर्वास केंद्र पर पहुंचाकर न सिर्फ उनके रहने और भोजन की व्यवस्था की गई है। बल्कि भविष्य में उन्हें भीख न मांगनी पड़े। इसके लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके तहत हेरिटेज निगम द्वारा अब तक पांच दर्जन से ज्यादा भिखारियों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं द्वारा 24 नवंबर से अभियान की शुरुवात की गई।
नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं द्वारा 24 नवंबर से अभियान की शुरुवात की गई।

लोगों को पकड़ पुनर्सुधार केंद्र में भिजवाया जा रहा

दरअसल, 9, 10 और 11 दिसंबर को जयपुर में राइजिंग राजस्थान सब्मिट का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दुनियाभर से निवेशक हिस्सा लेने के लिए जयपुर आ रहे है। ऐसे में शासन – प्रशासन द्वारा जयपुर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के साथ ही भिखारी मुख्त भी बनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 24 नवंबर से ही नगर निगम हेरिटेज द्वारा जयपुर शहर में भिक्षवर्ती (भीख मांग) कर जीवन यापन कर रहे लोगों को पकड़ पुनर्सुधार केंद्र में भिजवाया जा रहा है। इसके तहत अब तक 60 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इसके साथ ही हेरिटेज नगर निगम द्वारा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इन सभी लोगों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था के साथ ही इनका मेडिकल चेकअप भी किया जा रहा है।

नगर निगम कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा ने बताया कि प्रदेश में सर्दी ने दस्तक दे दी है। ऐसे में मजबूरी में सड़कों पर भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए नगर निगम हेरिटेज द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत शहर के अलग – अलग चौराहों और प्रमुख मार्गों के साथ ही अंदरूनी कॉलोनीयों से अब तक 6 दर्जन से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें से अधिकतर लोग मजबूरी में दो वक्त की रोटी के लिए भीख मांग रहे थे।

नगर निगम द्वारा अब तक 60 से ज्यादा भिखारियों का रेस्क्यू किया जा चुका है।
नगर निगम द्वारा अब तक 60 से ज्यादा भिखारियों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

ऐसे में नगर निगम द्वारा इन्हें पुनर्सुधार केंद्र में भेजा गया है। जहां इन सभी लोगों को न सिर्फ रहने के लिए छत दी गई है। बल्कि, दोनों वक्त के भजन की व्यवस्था भी की गई है। ताकि भविष्य में इन्हें सड़कों पर भोजन के लिए फिर से भीख नहीं मांगनी पड़े। हसीजा ने कहा कि जयपुर में भिक्षवर्ती रोकने के लिए नगर निगम के अभियान में अगर आम जनता भी अपना योगदान देगी। तो भविष्य में जयपुर को भिक्षवर्ती मुक्त शहर बनाया जा सकता है।

निगम कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा ने बताया कि इन लोगों को सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को उसकी रुचि के अनुसार अलग – अलग ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि भविष्य में इन्हें सड़कों पर जीवन यापन करने के लिए भीख ना मंगनी पड़े।

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